'मैं देशज लोगों से समृद्ध हुआ हूँ', सन्त पापा फ्राँसिस
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
केबेक, कनाडा, शनिवार, 30 जुलाई 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): "मैं एक तीर्थयात्री के रूप में कनाडा आपके साथ चलने के लिए और देशज लोगों के लिए आया हूँ ताकि सत्य की खोज में, उपचार और सुलह की प्रक्रियाओं में प्रगति हो सके तथा इसलिये कि भ्रातृत्व भाव में जीवन यापन के इचिछुक कनाडा के मूलनिवासियों एवं नागरिकों में आशा के बीज बोए जा सकें।" कनाडा में अपनी एक साप्ताहिक यात्रा के समापन पर 30 जुलाई को इस ट्वीट सन्देश के साथ सन्त पापा फ्राँसिस ने कनाडा में अपनी यात्रा के उद्देश्य को अभिव्यक्ति प्रदान की।
कनाडा से अपनी रोम वापसी यात्रा से पूर्व उन्होंने कनाडा में उनके स्वागत के लिए प्रशंसा की अभिव्यक्ति हेतु देशज लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उन्होंने सुलह और उपचार के मार्ग में योगदान दिया है।
समृद्धि सम्पन्न यात्रा
शुक्रवार को केबेक के महाधर्माध्यक्षीय निवास में सन्त पापा फ्राँसिस के साक्षात्कार हेतु एकत्र देशज लोगों के एक प्रतिनिधिमण्डल से उन्होंने कहा, "मैं अपने हृदय में उन सभी व्यक्तियों और लोगों का अतुलनीय खजाना संजोये हुए हूँ, जिन्होंने मुझ पर गहन छाप छोड़ी है; जिनके चेहरों की मुस्कान और जिनके सन्देश सदैव मेरे साथ रहेंगे; जिनकी अविस्मरणीय कहानियों और प्राकृतिक सौन्दर्य; ध्वनियों, रंग और भावना ने मुझे गहराई से छुआ है।"
अपनी टीका में सन्त पापा फ्राँसिस ने कवाडा की प्रेरितिक यात्रा के शीर्षक, "साथ-साथ चलें" पर चिन्तन किया। उन्होंने कहा, "इस भूमि की विशालता हमें उपचार और सुलह के लंबे रास्ते के बारे में सोचने पर मजबूर करती है जिसका हमें एक साथ मिलकर सामना करना होगा।"
शुक्रवार को कनाडा से प्रस्थान करने से पूर्व सन्त पापा ने कहा कि वे इस यात्रा से "बहुत समृद्ध" रोम लौट रहे हैं और विशेष रूप से "इस भूमि की देशज वास्तविकताओं" से गहनतम ढंग से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, "यदि आप मुझे अनुमति दें तो मैं यह कहने की हिम्मत करता हूँ कि अब, एक निश्चित अर्थ में, मैं भी अपने आप को आपके परिवार का हिस्सा समझता करता हूँ, और इसके लिए मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूँ।"
उपचार की ओर अग्रसर तीर्थयात्रा
संत पापा फ्राँसिस ने याद किया कि वे एक तीर्थयात्री के रूप में और "एक मित्र के रूप में इस देश के मूल निवासियों से मिलने, उन्हें देखने, उनकी सुनने, उनसे सीखने और उनकी सराहना करने के लिए कनाडा आए थे।" उन्होंने कहा, "मैं एक भाई के रूप में आया हूं, स्थानीय काथलिक परिवार के सदस्यों द्वारा वर्षों के दौरान अच्छे और बुरे फल की खोज करने के लिए आया हूँ, मैं तपस्या की भावना में आया हूं, आपके विरुद्ध दमनकारी और अन्यायपूर्ण नीतियों का समर्थन करने वाले कुछ काथलिकों द्वारा आप पर किए गए अन्याय पर अपना हार्दिक दर्द व्यक्त करने के लिए मैं आया हूँ।"
अन्त में सन्त पापा ने कनाडा के लोगों को प्रोत्साहन दिया कि वे "नम्रता और दृढ़ संकल्प" के साथ उस सपने को साकार करने के लिये नित्य आगे बढ़ते जायें जिसे प्रभु ईश्वर ने उनके हृदय एवं अन्तरमन में आरोपित किया है, क्योंकि उपचार और पुनर्मिलन का यही महान कार्य सर्वशक्तिमान् ईश्वर को सुग्राह्य है।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here