खोज

असीसी में समझौते पर हस्ताक्षर करते संत पापा फ्राँसिस असीसी में समझौते पर हस्ताक्षर करते संत पापा फ्राँसिस 

इकोनोमी ऑफ फ्राँचेस्को समझौता ˸ एक सुसमाचारी अर्थव्यवस्था का निर्माण

असीसी में आयोजित इकोनोमी ऑफ फ्राँचेस्को के एक वैश्विक कार्यक्रम में भाग ले रहे युवाओं ने तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंत में "असीसी के समझौते" पर हस्ताक्षर किया। युवा अर्थशास्त्रियों और संत पापा फ्राँसिस ने एक समझौते को पुष्ट किया, ताकि सभी लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए वैश्विक आर्थिक प्रणाली को बेहतर किया जा सके।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

असीसी, शनिवार, 24 सितम्बर 2022 (रेई) ˸ इकोनोमी ऑफ फ्राँचेस्को कार्यक्रम का समापन शनिवार को हुआ, जहाँ संत पापा फ्राँसिस भी उपस्थित हुए और विश्वभर के हजारों युवाओं के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किया।

संत पापा ने युवा अर्थशास्त्रियों, उद्यामियों एवं बदलाव लानेवालों का आह्वान किया कि वे खुद को दुनिया में परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध करें।

एक बेहतर अर्थव्यवस्था का निर्माण

समझौते में युवाओं ने अपनी पीढ़ी पर जो जिम्मेदारी है उसे स्वीकार किया है और वे उसके लिए प्रतिबद्ध है। ताकि आज और कल की अर्थव्यवस्था सुसमाचार की अर्थव्यवस्था बन सके।  

इकोनोमी ऑफ फ्राँचेस्को समझौता, वैश्विक इकोनोमी के तरीकों की एक सूची जारी करता है जो ख्रीस्त के सुसमाचार के सम्पर्क में आकर बदल जाएगा।   

आज एवं आनेवाले कल की अर्थव्यवस्था सुसमाचार की अर्थव्यवस्था बने, यह शांति की अर्थव्यवस्था बने, युद्ध की नहीं।   

सुसमाचार की अर्थव्यवस्था जो हथियारों के प्रसार का विरोध करनेवाली है, खासकर जो सबसे अधिक विनाशकारी है। अर्थव्यवस्था जो सृष्टि की देखभाल करती और उसका दुरूपयोग नहीं करती। एक अर्थव्यवस्था जो मानव व्यक्ति, परिवार और जीवन की सेवा करती, प्रत्येक महिला, पुरूष, बच्चे, बुजूर्ग और विशेषकर, सबसे कमजोर एवं दुर्बल व्यक्ति का सम्मान करती है।

एक अर्थव्यवस्था जिसमें बहिष्कार एवं उदासीनता का स्थान चिंता लेती है।

एक अर्थव्यवस्था जो किसी को पीछे नहीं छोड़ती ताकि एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहती है जिसमें प्रबल मानसिकता के ठुकराए गए पत्थर आधारशिला बन जाते हैं,

एक अर्थव्यवस्था जो हरेक व्यक्ति के कार्य को सम्मान देता और उसकी रक्षा करता है।

एक अर्थव्यवस्था जहाँ वित्त न केवल खिलाफ है बल्कि वास्तविक अर्थव्यवस्था और श्रम का मित्र और सहयोगी भी है।

एक अर्थव्यवस्था जो लोगों की संस्कृति एवं परम्परा, पृथ्वी के सभी जीवित प्रणियों और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करता एवं महत्व देता है।

एक अर्थव्यवस्था गरीबी के हर प्रकार से लड़ती है, असमानता को कम करती और येसु एवं फ्राँसिस के साथ करती है, "धन्य हैं वे जो मन के दीन हैं।"

एक अर्थव्यवस्था जो मानव व्यक्ति की नीति से संचालित है एवं दिव्यता के लिए खुली।

एक अर्थव्यवस्था जो सभी लोगों के लिए स्वस्थ उत्पन्न करती जो न केवल समृद्ध बनाती बल्कि आनन्द प्रदान करती है क्योंकि आनन्द को अधूरा बांटा नहीं जा सकता।

युवाओं ने कहा, "हम इस अर्थव्यवस्था में विश्वास करते हैं। यह काल्पनिक नहीं है क्योंकि हम इसका निर्माण कर रहे हैं, और हममें से कुछ ने उस खास उज्ज्वल सुबह में, प्रतिज्ञात भूमि की शुरूआत की झलक देख ली है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

24 September 2022, 15:27