निष्कासित धर्मबहनों की वापसी का निकारागुआ सरकार से अनुरोध
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 16 सितम्बर 2022 (रेई, रॉयटर्स): कज़ाकिस्तान से रोम की वापसी यात्रा के दौरान विमान में उपस्थित पत्रकारों से बातचीत में गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने निकारागुआ की सरकार से अनुरोध किया कि वह देश से भगा दी गईं उदारता के मिशनरी धर्मसंघ की धर्मबहनों को वापस निकारागुआ लौटने की अनुमति दे क्योंकि वे किसी की हानि न करनेवाली "सुसमाचार की क्रांतिकारी" हैं।
निष्कासन का कारण न्याय की मांग
डैनियल ऑरतेगा की सरकार द्वारा काथलिक कलीसिया पर कार्रवाई के हिस्से के रूप में, जुलाई माह में कोलकाता की मदर तेरेसा द्वारा स्थापित उदारता के मिशनरी धर्मसंघ की 18 धर्मबहनों को कॉस्टा रिका की सीमा पर ले जाकर छोड़ दिया गया था।
मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ में कलीसिया ने सरकार के खिलाफ 2018 के विरोध प्रदर्शन के दौरान मध्यस्थ के रूप में काम किया था। अशांति के दौरान मारे गए 360 से अधिक लोगों के लिए न्याय की मांग करने के कारण कलीसिया और सरकार के बीच तनावपूर्ण संबंध रहे हैं।
गुरुवार को सन्त पापा ने आशा व्यक्त की कि कम से कम लोकोपकारी सहायता में संलग्न धर्मसंघियों को वापस आने का मौका दिया जायेगा। उन्होंने कहा, "कम से कम मैं तो यही उम्मीद करूंगा कि मदर तेरेसा की धर्मबहनों को वापस आने की अनुमति दी जाए।"
सन्त पापा ने कहा कि "यह सच है कि ये महिलाएँ क्राँतिकारी हैं, किन्तु ये सुसमाचार की क्राँतिकारी हैं। ये किसी के खिलाफ़ युद्ध नहीं भड़का रहीं हैं। इसके विपरीत, हम सभी को इन महिलाओं की ज़रूरत है, इसलिये उनका देश निष्कासन समझ से बाहर है।"
विगत तीस वर्षों से निकारागुआ के ग़रीब किसानों के प्रति सेवा करनेवाली धर्मबहनों की कानूनी स्थिति रद्द कर दी गई है।
निकारागुआ सरकार और कलीसिया
हाल के महीनों में, निकारागुआ की सैंडिनिस्टा सरकार के अधिकारियों ने काथलिक पुरोहितों को हिरासत में लिया है और कईयों को देश से निष्कासित कर दिया है।
देश के उत्तर में माटागल्पा के धर्माध्यक्ष रोलांडो अल्वारेज़ को विगत माह एक दिन बड़े सबेरे छापे के दौरान राजधानी मानागुआ ले जाया गया जहाँ उन्हें नजरबंद कर दिया गया था। इसी प्रकार सरकार के एक अन्य आलोचक, धर्माध्यक्ष सिल्वियो बायेज़ को भी 2019 में देश से निष्कासित कर दिया गया था।
धर्माध्यक्ष अल्वारेज़, ओर्टेगा की सरकार के आलोचक और निकारागुआ कलीसिया के सबसे प्रभावशाली हस्तियों में से एक हैं, जिन्हें माटागल्पा के एक चर्च हाउस में पांच पुरोहितों, एक गुरुकुल छात्र और धार्मिक टेलीविज़न चैनल के एक कैमरामैन के साथ दो सप्ताह तक बन्द कर दिया गया था।
इसके अलावा मार्च माह में, निकारागुआ में लोकतंत्र से दूर खिसकने के लिये सरकार की आलोचना करनेवाले निकारागुआ में वाटिकन के परमधर्मपीठीय राजदूत, महाधर्माध्यक्ष वाल्डेमर सोमरटैग को निकारागुआ की सरकार द्वारा राजदूत की स्वीकृति वापस लेने के बाद अचानक देश छोड़ना पड़ा था। सन्त पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के राजदूत महाधर्माध्यक्ष सोमरटैग के निष्कासन को एक "गंभीर कूटनीतिक" घटना निरूपित किया है।
सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि वाटिकन कलीसिया की स्थिति में सुधार के लिए सरकार के साथ बातचीत में संलग्न है, जिसने 2018 में विरोध प्रदर्शनों पर कठोर कार्रवाई के बाद से संबंधों को गंभीर रूप से तनावपूर्ण बना दिया है।
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