श्योनश्टाट धर्मसमाजी पुरोहितों को सम्बोधन, तस्वीरः 01.09.2022 श्योनश्टाट धर्मसमाजी पुरोहितों को सम्बोधन, तस्वीरः 01.09.2022 

अंतर-पीढ़ीगत सम्बन्ध मानवता को बचा सकता है, सन्त पापा फ्राँसिस

वाटिकन में गुरुवार को सन्त पापा फ्रांसिस ने श्योनश्टाट धर्मसमाजी पुरोहितों को सम्बोधित कर कहा कि जीवन की कठिन परिस्थितियों में परिवारों का साथ देकर श्योनश्टाट धर्मसमाज के पुरोहित "कलासिया और विश्व की सुंदर सेवा कर रहे हैं।"

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 2 सितम्बर 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन में गुरुवार को सन्त पापा फ्रांसिस ने श्योनश्टाट धर्मसमाजी पुरोहितों को सम्बोधित कर कहा कि जीवन की कठिन परिस्थितियों में परिवारों का साथ देकर श्योनश्टाट धर्मसमाज के पुरोहित "कलासिया और विश्व की सुंदर सेवा कर रहे हैं।"

श्योनश्टाट धर्मसमाजी पुरोहितों से सन्त पापा ने आग्रह किया कि वे हमारे युग के ज्वलंत प्रश्नों का उत्तर पाने हेतु परिवारों की मदद करें। अपनी आम सभा के लिये रोम में एकत्र विश्व में सेवारत श्योनश्टाट धर्मसमाजी पुरोहितों के प्रतिनिधि पुरोहितों ने गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश सुनकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर सन्त पापा ने मुक्ति के रहस्य पर चिन्तन किया, जिसे प्रभु येसु ख्रीस्त ने  "सम्पूर्ण मानवता और समस्त विश्व के कल्याण हेतु हासिल किया है।"

कलीसिया तथा विश्व के प्रति सेवा

सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि श्योनश्टाट धर्मसमाज के पुरोहित जीवन की कठिन परिस्थितियों में परिवारों  की मदद कर "कलासिया और विश्व की सुंदर सेवा कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि ऐसा कर वे प्रभु येसु मसीह द्वारा सिखाये गये प्रेम का प्रसार करते तथा प्रेम के सौन्दर्य को लोगों तक पहुँचाते हैं।

समय के साथ अग्रसर

सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि यह सच है कि विश्व तत्काल इस बात की मांग कर रहा है कि हम अपने समय के पुरुषों और महिलाओं के सवालों और चिंताओं का जवाब दें। उन्होंने कहा, "हम अक्सर देखते हैं कि परिवार की प्रकृति पर विभिन्न विचारधाराओं द्वारा हमला किया जाता है, जो उस नींव को हिला देती हैं जो मनुष्य के व्यक्तित्व और सामान्य तौर पर, पूरे समाज का समर्थन करती है।"

उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि परिवारों में, कई मौकों पर, हम बुजुर्गों और युवाओं के बीच समझ की दूरी देखते हैं। इस बात की उन्होंने पुनरावृत्ति की कि "पीढ़ियों के बीच सम्बन्ध ही मानवता को बचा सकता है,  क्योंकि केवल इसी तरह व्यक्तिगत और पारिवारिक पहचान को सुरक्षित एवं संरक्षित किया जा सकता है।"

मरियम का आदर्श

संत पापा फ्राँसिस ने पवित्र परिवार और, विशेष रूप से, पवित्र कुँवारी मरियम  द्वारा हमें पेश किए गए आदर्श पर प्रकाश डाला, "जो अपने सभी बेटों और बेटियों की देखभाल कोमल और समर्पित प्रेम से करती हैं, विशेष रूप से, उनकी जो शरीर और आत्मा में सबसे ग़रीब हैं।

सन्त पापा ने कहा कि पवित्र कुँवारी मरियम जिनकी भक्ति "माँ तीन बार प्रशंसनीय" शीर्षक के तहत श्योनश्टाट धर्मसमाजियों द्वारा प्रेमपूर्वक की जाती है,  सब के लिये आधारभूत आदर्श हैं। कुँवारी मरियम हम सब से आग्रह करती हैं कि हम भ्रातृत्व की उदारता एवं सर्वाधिक ज़रूरतमन्द लोगों के साथ संसाधनों की साझेदारी पर आधारित पुलों का निर्माण करें। साथ ही मरियम हमें उन लोगों तक पहुंचने हेतु ज्ञान और साहस देती हैं जो प्रभु ईश्वर के साथ मैत्री से दूर हो गए हैं, ताकि  मसीह में नए जीवन की गवाही और दया की विशेषता द्वारा हम उन्हें पुनः ईश मार्ग पर ला सकें।"

अन्त में सन्त पापा फ्राँसिस ने श्योनश्टाट धर्मसमाजी पुरोहितों के प्रतिनिधियों को अपनी प्रेरिताई में दृढ़ प्रतिज्ञ रहने हेतु प्रोत्साहन देते हुए कहा कि वे अनवरत स्वतः को पवित्रआत्मा की कृपा से नवीकृत करें तथा परिवारों की सेवा में नवीन पथों को खोलने का साहस प्रदर्शित करें ताकि ईश्वर और मनुष्य के बीच स्थापित संधि की सुंदरता को आध्यात्मिकता और ख्रीस्तीय मूल्यों के जीवंत अनुभव के साथ चमका सकें।"

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02 September 2022, 11:21