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एक्सपो में ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा फ्राँसिस एक्सपो में ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा फ्राँसिस 

रूसी तीर्थयात्रियों ने कजाकिस्तान में पोप के ख्रीस्तयाग में भाग लिया

कजाकिस्तान में संत पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा के दौरान मोस्को के ईश माता महाधर्मप्रांत ने अपने विश्वासियों के लिए एक तीर्थयात्रा का आयोजन किया था। मोक्सो के सहायक धर्माध्यक्ष निकोलाई दुबिनिन ने वाटिकन न्यूज को बतलाया कि बुधवार को नूर सुल्तान के एक्सपो ग्राऊंड में हजारों विश्वासियों के बीच रूस के प्रतिनिधि तीर्थयात्री भी शामिल हुए।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

रूसी तीर्थयात्रियों का आदर्शवाक्य था, "हम एकता के साक्षी हैं," ताकि पोप के प्रति रूसी काथलिक कलीसिया का सीमाप्य एवं समर्थन व्यक्त कर सकें, जो इस कठिन समय में पड़ोसी देश कजाकिस्तान एवं पूरे विश्व में शांति और भाईचारा का संदेश दे रहे हैं। रूसी तीर्थयात्री 12 सितम्बर को मोस्को से प्रस्थान किये थे जो ओमस्क, कारागंडा एवं कारलेग शहरों को पार करते हुए 14 सितम्बर को नूर सुल्तान पहुँचे। कारलेग वही शहर है जहाँ 1930 और 1960 के बीच रूसी ख्रीस्तीयों सहित हजारों कैदियों ने अपनी जान गंवाई थी।

तीर्थयात्रियों की अगुवाई कर रहे मोक्सो के सहायक धर्माध्यक्ष निकोलाई दुबिनिन ने मंगलवार को कारलेग में ख्रीस्तयाग अर्पित किया एवं सोवित अत्याचार के समय मौत के शिकार लोगों की याद की।

उन्होंने वाटिकन न्यूज को बतलाया कि उन रूसी तीर्थयात्रियों का कजाकिस्तान की यात्रा करना एवं इस विशेष अवसर पर संत पापा से मुलाकात करना अत्यन्त महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा, "हम कई सालों से पोप की प्रेरितिक यात्रा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। और काथलिकों के रूप में हमें अब भी उनकी यात्रा का इंतजार है। दुर्भाग्य से, इस तरह की यात्रा संभव नहीं हो पायेगी लेकिन हम आशा नहीं खोये हैं।"

यद्यपि रूस के विश्वासी छोटी संख्या में तीर्थयात्रा में भाग ले पाये किन्तु धर्माध्यक्ष ने बतलाया कि पूरे देश के बहुत सारे काथलिकों ने आध्यात्मिक रूप से, खासकर, बुधवार को क्रूस विजय महापर्व के अवसर पर समारोही ख्रीस्तयाग में भाग लिया।

साईबेरिया में नोवोसिबेरिस्क सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक, स्लोवेनियाई अमेरिकन जेस्विट फादर जानेज़ सेवेर ने कहा कि यूक्रेन में, साथ ही विश्व के विभिन्न हिस्सों में युद्ध के इस क्रूर समय में कजाकिस्तान में संत पापा फ्राँसिस की उपस्थिति, रूसी काथलिकों के लिए भी शांति हेतु "प्रकाश और उम्मीद" लाती है।

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15 September 2022, 16:17