बहरीन में पोप की यात्रा 'भाईचारा के रास्ते पर एक बहुमूल्य कदम'
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार, 29 अक्तूबर 2022 (रेई) ˸ संत पापा फ्राँसिस 3-6 नवम्बर को मध्यपूर्वी देश बहरीन की यात्रा करेंगे। इस 39वीं प्रेरितिक यात्रा के द्वारा संत पापा फ्राँसिस 58वें देश की यात्रा करने जा रहे हैं।
शुक्रवार को वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक मात्तेओ ब्रूनी ने संत पापा की अगली यात्रा का एक अवलोकन प्रस्तुत किया।
उन्होंने बतलाया कि संत पापा फ्राँसिस पहले पोप हैं जो बहरीन की प्रेरितिक यात्रा करेंगे।
अंतरधार्मिक मुलाकात के रास्ते पर कदम
ब्रूनी ने कहा कि पोप की यात्रा में दो विषयों को केंद्र में रखा जाएगा, "मुलाकात" और स्थानीय काथलिकों को "प्रोत्साहन।"
संत पापा बहरीन में "वार्ता के लिए बहरीन मंच ˸ मानव सहअस्तित्व के लिए पूर्व और पश्चिम" के समापन समारोह में भाग लेंगे, जिसमें भाईचारा को प्रोत्साहन देने हेतु करीब 200 अंतरधार्मिक नेता उपस्थित होंगे।
संत पापा जब धर्मगुरूओं से मुलाकात करेंगे, तब यह 2019 में अबू धाबी में मानव बंधुत्व के दस्तावेज पर ऐतिहासिक हस्ताक्षर पर अंतर्धार्मिक संबंधों में सुधार जारी रखने के लिए पृष्ठभूमि तैयार करेगा।
ब्रूनी ने कहा, "यात्रा, भाईचारा एवं अंतरधार्मिक वार्ता के रास्ते पर मूल्यवान कदम होगी।"
उन्होंने गौर किया कि यूरोप एवं विभिन्न देशों में जारी युद्ध के दौरान संत पापा की धार्मिक नेताओं से मुलाकात एक पृष्ठभूमि तैयार करेगी। इसका लक्ष्य है हमारे विश्व में शांति की आम चाह रखनेवाले मित्रराष्ट्रों की खोज करना।
ब्रूनी ने यह भी बतलाया कि संत पापा फ्राँसिस को बहरीन मंच में भाग लेने और मध्यपूर्वी देश का दौरा करने के लिए, बहरीन के राजा हमद बिन ईसा अल खलिफा ने आमंत्रित किया था। फिर भी यह यात्रा सिर्फ अंतरधार्मिक वार्ता पर ध्यान केंद्रित नहीं करती।
विश्वव्यापी कलीसिया के चरवाहे के रूप में संत पापा फ्राँसिस बहरीन की यात्रा में वहाँ के काथलिक समुदाय से भी मुलाकात करेंगे जिनमें से अधिकांश लोगों का जन्म बाहर हुआ है।
लगभग 80,000 काथलिक विश्वासियों में से, लगभग 1,000 काथलिक बहरीन के नागरिक हैं। अधिकांश काथलिक भारत, फिलीपींस और श्रीलंका के साथ-साथ तुर्की, सीरिया, लेबनान, मिस्र और जॉर्डन के आप्रवासी श्रमिक हैं।
चार दिवसीय यात्रा में पोप 7 मुलाकातें करेंगे, उनमें से 4 स्थानीय काथलिक कलीसिया के विभिन्न दलों के साथ करेंगे, जिनमें युवा, पुरोहित और धर्मसमाजी एवं पड़ोसी देशों के काथलिकों के दल शामिल हैं।
बहरीन की यात्रा में वहाँ की स्थानीय काथलिक कलीसिया और अन्य धर्मों के धर्मगुरू उनसे शांति के रास्ते पर आशा एवं प्रोत्साहन के शब्दों की उम्मीद कर रहे हैं, खासकर, ऐसे समय में जब दुनिया में संघर्ष बढ़ता जा रहा है।
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