संत पापा ने बहरीन से विदा ली
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
इटली के बाहर अपनी 39वीं प्रेरितिक यात्रा पर संत पापा फ्राँसिस ने पिछले चार दिन बहरीन के लोगों के साथ बिताया। बहरीन में उन्होंने राजा हमद बिन ईसा अल खलीफा के साथ मुलाकात करने के अलावा 7 सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लिया। जिनमें अंतरधार्मिक सभा में भाग लेना, ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना का संचालन करना, ख्रीस्तीय समुदाय के लिए ख्रीस्तयाग अर्पित करना एवं युवाओं से मुलाकात करना आदि प्रमुख कार्यक्रम रहे हैं।
बहरीन का एकमात्र काथलिक स्कूल
शनिवार दिन के अंतिम कार्यक्रम के रूप में पोप फ्राँसिस ने सेक्रेड हार्ट स्कूल में बहरीन के युवाओं से मुलाकात की।
बहरीन की राजधानी मनामा में पवित्र हृदय गिरजाघर के बगल में स्थापित सेक्रेड हार्ट स्कूल, बहरीन में एकमात्र काथलिक स्कूल है, जो विद्यार्थियों को उत्तम शिक्षा प्राप्त करने का सुअवसर प्रदान करता है। अरब के प्रेरितिक विकर ने साल 1953 में इसका संचालन करने की जिम्मेदारी कोम्बोनी की मिशनरी धर्मबहनों के हाथों सौंपा था।
बाद में स्कूल को ईसा नगर में स्थापित किया गया जिसको चलाने का भार सन् 2003 में अरब के प्रेरितिक विकर मोनसिन्योर बेरनार्ड जी. ग्रेमोली ने कार्मेल की प्रेरितिक धर्मबहनों (अपोस्तोलिक कार्मेल) को सौंप दिया। जो आज पल्ली समुदाय के साथ मिलकर "पवित्र हृदय के परिवार" का निर्माण करता है।
युवाओं द्वारा संत पापा का स्वागत
संत पापा फ्राँसिस करीब तीन बजे सेक्रेड हार्ट स्कूल पहुँचे। स्कूल के संचालकों और शिक्षकों के साथ करीब 800 युवाओं ने बड़े धूमधाम से उनका स्वागत किया। स्कूल की निदेशिका के स्वागत भाषण के बाद युवाओं ने सुन्दर सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया। नृत्य के बाद तीन युवाओं ने अपने साक्ष्य प्रस्तुत किये एवं संत पापा से कुछ सवाल भी किये। उनमें से एक मुसलमान, एक काथलिक स्कूल में पढ़नेवाली छात्रा एवं एक पल्ली समुदाय का सदस्य थे।
संत पापा ने अपने सम्बोधन में युवाओं की सराहना की जो एक साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने उन्हें कुछ सलाहें भी दीं। सभी युवाओं को अपना आशीर्वाद देने के बाद संत पापा सेक्रेड हार्ट स्कूल से विदा हुए।
मनामा के पवित्र हृदय गिरजाघर में धर्मसमाजियों से पोप की मुलाकात
रविवार को वाटिकन लौटने से पहले संत पापा फ्राँसिस ने मनामा स्थित पवित्र हृदय गिरजाघर का दौरा किया। मनामा का पवित्र हृदय गिरजाघर खाड़ी क्षेत्र का पहला गिरजाघर है। जिसका निर्माण उस जमीन पर किया गया है जिसको शेख हमद बिन इसा अल खलीफा ने 1930 के दशक में गिरजाघर बनाने के लिए काथलिकों को प्रदान किया था। 1939 में कपुचिन फादर लुइजी मालियाकनो की मदद से गिरजाघर का निर्माण हुआ। गिरजाघर की निर्माण के तुरन्त बाद पुरोहितों का आवास एवं पवित्र हृदय स्कूल भी बने।
संत पापा फ्राँसिस ने बहरीन में अपनी प्रेरितिक यात्रा समाप्त करने के पूर्व वहाँ के धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मबहनों, सेमिनरी छात्रों एवं प्रचारकों से मुलाकात की तथा देवदूत प्रार्थना का पाठ किया।
अरब के प्रेरितिक भिखारियेट
वर्तमान में उत्तरी अरब के प्रेरितिक विकर हैं धर्माध्यक्ष पौल हिंदर ओएफएम कैप। पूरे भिखारियेट में काथलिकों की संख्या 27,22,000 है, 11 पल्लियाँ हैं, कुल 54 धर्मप्रांतीय पुरोहित, 44 धर्मसमाजी पुरोहित, 18 धर्मसमाजी बहनें, एक आजीवन उपयाजक और एक सेमिनरी छात्र हैं।
बहरीन सम्राज्य में संत पापा की 39वीं प्रेरितिक यात्रा का मुख्य मकसद अंतरधार्मिक वार्ता को बढ़ावा देना एवं ख्रीस्तीय समुदाय को विश्वास में मजबूत करना।
अपने सभी कार्यक्रमों को सफलता पूर्वक सम्पन्न करने के बाद संत पापा ने आज पूर्वाहन (रोम समयानुसार) 11 बजे गल्फ एयर बोइंग 787 विमान से बहरीन से प्रस्थान किया और शाम करीब साढ़े चार बजे रोम वापस लौट रहे हैं।
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