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संत पापा फ्राँसिस ख्रीस्तीय श्रमिकों के आंदोलन के सदस्यों से मुलाकात की संत पापा फ्राँसिस ख्रीस्तीय श्रमिकों के आंदोलन के सदस्यों से मुलाकात की  

संत पापा: ख्रीस्तीय कार्यकर्ताओं को कलीसियाई समुदायों में घर जैसा महसूस होना चाहिए

संत पापा फ्राँसिस ख्रीस्तीय श्रमिकों के आंदोलन के सदस्यों से मुलाकात की और मजदूरों से एकजुटता के माध्यम से समाज को नवीनीकृत करने और आम भलाई के लिए काम करने का आह्वान किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 10 दिसंबर 2022 (वाटिकन न्यूज) : वाटिकन द्वारा मान्यता प्राप्त ख्रीस्तीय श्रमिक संघों के 50 वर्षों की सेवा के अवसर पर आंदोलन के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को संत पापा फ्राँसिस से मुलाकात की।

संत पापा ने समूह को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद समाज में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया और दो विषयोंः शुद्धिकरण और नए "रोपण के मौसम" पर विचार किया।

संत पापा ने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि इस मनारोह में बहुत ज्यादा अपने को व्यस्त न हों, बल्कि अपने इतिहास की तहों में सनसनीखेज घटनाओं में नहीं, बल्कि साधारण रोज़मर्रा की घटनाओं में पवित्र आत्मा की गतिविधियों को पहचानें।"

शुद्धिकरण और हृदयपरिवर्तन

संत पापा फ्राँसिस ने सबसे पहले प्रत्येक मानव अनुभव के "शुद्धिकरण" की निरंतर आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया, क्योंकि हम सभी पापी हैं और हमें ईश्वर की दया की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि हृदयपरिवर्तन के लिए खुद को खोलने की हमारी इच्छा, साहस और शक्ति का प्रतीक है, कमजोरी का नहीं।

उन्होंने कहा "हमें इस प्रक्रिया में बाधा डाले बिना आत्मा की नवीनता का स्वागत करना चाहिए, युवा लोगों का स्वागत करना, उनकी कृतज्ञता की भावना को पोषित करना और शुरुआत की कुशलता को खोए बिना, उनके साथ साझा करना चाहिए।"

संत पापा ने ख्रीस्तीय श्रमिकों के आंदोलन को उनके शुरुआती गतिविधियों में नवीनीकरण खोजने और ख्रीस्तियों के लिए दूसरी वाटिकन महासभा के प्रबोधन में समय के संकेतों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

स्वागत करने वाले समुदायों का बीज बोना

संत पापा ने "नई रोपनी के मौसम" का आह्वान किया, क्योंकि वे महामारी के मद्देनजर भविष्य को देखते हैं और जिसे उन्होंने "चल रहे तीसरे विश्व युद्ध" का नाम दिया है।

उन्होंने आंदोलन से विशेष रूप से ख्रीस्तीय कामगारों और महिलाओं को कलीसियाई समुदायों में स्वागत करने, उनकी समस्याओं को सुनने और एकजुटता की इच्छा बनाने के लिए काम करने का आग्रह किया।

"सामाजिक असमानताएँ, गुलामी और शोषण, काम की कमी या कम भुगतान वाले काम के कारण पारिवारिक गरीबी ऐसी वास्तविकताएँ हैं जिन्हें हमारी कलीसियाई समुदायों को सुनने की आवश्यकता है।"

एकजुटता और सहायकता में नवीकरण

संत पापा फ्राँसिस ने बेजुबानों को आवाज देने और "अपने नामांकित सदस्यों के बारे में कम और समाज में न्याय और एकजुटता के खमीर होने के बारे में प्रयासरत रहने हेतु ख्रीस्तीय श्रमिकों के आंदोलन को प्रोत्साहित किया।"

उन्होंने कहा कि किसी को भी काम से बाहर कर दिया गया महसूस नहीं होने देना चाहिए, जिसमें महिलाएं और युवा शामिल हैं, जो अपनी मजदूरी के लिए सम्मानजनक पारिश्रमिक के हकदार हैं।

संत पापा ने नवीकरण के स्रोत के रूप में कलीसिया के सामाजिक सिद्धांत की ओर भी इंगित किया।

उन्होंने कहा, "एकजुटता और सहायकता के सिद्धांत, ठीक से समझे जाने पर, एक ऐसे समाज का आधार हैं जिसमें सभी शामिल हैं, किसी को नहीं छोड़ते और भागीदारी को बढ़ावा देते हैं," उन्होंने कहा। "सब्सिडी (सहायकता) के बिना कोई सच्ची एकजुटता नहीं है, क्योंकि हम लोगों की क्षमताओं और प्रतिभाओं को आवाज नहीं देने का जोखिम उठाते हैं।"

संत जोसेफ आदर्श

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तीय श्रमिकों के आंदोलन को आमंत्रित किया कि वे अपनी आशा को कभी कम न होने दें तभी वे सुलह और बंधुत्व को बढ़ावा दे सकते हैं।

"संत जोसेफ आपको हमेशा विश्वास और जुनून के साथ काम करने के लिए प्रेरित करें।"

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10 December 2022, 16:36