हथियारों को शांत करना पहली शर्त, सन्त पापा फ्राँसिस
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 2 दिसम्बर 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): संत पापा फ्राँसिस ने कहा है कि युद्ध को समाप्त करने के लिए हथियारों को शांत करना पहला कदम है। शुक्रवार को "लीडर पोर ला पाक्स" अर्थात् "शांति के लिए नेता" नामक ग़ैरसरकारी संगठन के प्रतिनिधियों से मुलाकात के अवसर पर सन्त पापा ने यह बात कही।
हथियारों को शांत करें
इस समय "लीडर पोर ला पाक्स" संगठन के प्रतिनिधि रोम स्थित सन्त जॉन लातेरान परमधर्मपीठीय विश्व विद्यालय में अपनी आम सभा के लिये एकत्र हुए हैं। संगठन के सदस्यों से सन्त पापा ने कहा, "हम जिस दौर से गुजर रहे हैं, उसमें "शांति के लिए नेता" होना न केवल एक प्रतिबद्धता है बल्कि यह एक बड़ी जिम्मेदारी भी है।" उन्होंने इस बात पर अफ़सोस जताया कि शांति निर्माण की इच्छा की कमी के कारण मानव परिवार युद्ध के गम्भीर ख़तरे से गुज़र रहा है।
उन्होंने कहा, "अनुभव हमें सिखाता है कि युद्ध की स्थिति में शांति कायम करने के लिये हथियारों को शांत करना पहला कदम होता है, लेकिन फिर सह-अस्तित्व, संस्थानों, संरचनाओं और सेवाओं के वर्तमान और भविष्य का पुनर्निर्माण भी नितान्त आवश्यक है।" उन्होंने कहा, "शांति के लिए सुलह के रूपों, साझा मूल्यों और – अपरिहार्य – शिक्षा और प्रशिक्षण के रास्तों की आवश्यकता होती है।"
हथियार कायरता का प्रतीक
सन्त पापा ने कहा, "शांति का निर्माण हमें रचनात्मक होने के लिए, और यदि आवश्यक हो, तो अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की सामान्य योजनाओं से परे जाने तथा उन लोगों का विरोध करने के लिए कहता है जो युद्ध को राज्यों के बीच विवादों को हल करने का काम सौंपते हैं, या फिर शक्ति के बल पर लोगों के बीच सह-अस्तित्व के लिए आवश्यक न्याय की शर्तें रखने की बात करते हैं।"
उन्होंने कहा कि मानव जीवन का बलिदान, जनसंख्या की पीड़ा, नागरिक संरचनाओं का अंधाधुंध विनाश और मानवता के सिद्धांतों का उल्लंघन केवल युद्ध के "दुष्प्रभाव" नहीं हैं, बल्कि ये अंतर्राष्ट्रीय अपराध हैं।
सन्त पापा ने कहा, "संघर्षों को सुलझाने के लिए हथियारों का इस्तेमाल करना कमज़ोरी और कायरता का प्रतीक है। बातचीत, मध्यस्थता और सुलह शुरू करने के लिए साहस की आवश्यकता होती है। दूसरों से श्रेष्ठ महसूस न करने का साहस; संघर्ष के कारणों का सामना करने का साहस, अपने हितों को त्यागने और आधिपत्य की योजनाओं को त्यागने का साहस; शत्रु की श्रेणी को पार करने का साहस ताकि सार्वभौमिक बंधुत्व के निर्माता बन सकें, जो विविधता में ताकत और प्रत्येक व्यक्ति की आकांक्षाओं में एकता को प्राप्त करता है।"
सच्ची शांति
शांति निर्माण का अर्थ समझाते हुए सन्त पापा ने कहा, इसका अर्थ है ग़रीबी को खत्म करना, भूख को पराजित करना, स्वास्थ्य और देखभाल की गारंटी देना, हमारे आम घर यानि सृष्टि की रक्षा करना, मौलिक अधिकारों को बढ़ावा देना और मानव गतिशीलता के कारण होने वाले भेदभाव को दूर करने के लिए विकास प्रक्रियाओं को शुरू करना। उन्होंने कहा कि ऐसा कर ही शांति हमारे प्रत्येक भाई-बहन के लिए गरिमा का पर्याय बन सकेगी।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here