वाटिकन में पोप बेनेडिक्ट १६वें का अंतिम संस्कार सम्पन्न
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, ५ जनवरी २०२३ (देई) : ख्रीस्तयाग के दौरान सरो या साईप्रस की लकड़ी से बने ताबूत में पोप बेनेडिक्ट १६वें के पार्थिव शरीर को वेदी के सामने रखा गया था।
इस अवसर पर करीब १ लाख लोगों ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित होकर, अपने प्रिय पूर्व परमाध्यक्ष को भावभीनी विदाई दी। समारोह में कार्डिनलों, धर्माध्यक्षों, पुरोहितों एवं धर्मसमाजियों ने भारी संख्या में भाग लिया। विश्वभर से कई नेताओं ने भी अंतिम संस्कार याग में उपस्थित होकर पोप बेनेडिक्ट को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। जिनमें जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टेनमीयर और इटली के राष्ट्रपति सेरजो मत्तारेला तथा बेल्जियम, स्पेन, लुतवानिया, पोलैंड, पुर्तगाल, सन मरीनो स्लोवेनिया, तोगो, उंगेरिया, चेक रिपबलिक, गैबॉन, स्लोवाकिया, साईप्रस, कोलोम्बिया, क्रोवात्सिया, फ्राँस, ग्रेट-ब्रिटेन के नेता शामिल हुए। विभिन्न ख्रीस्तीय समुदाय के धर्मगुरू भी इस मौके पर अपनी सहभागिता दिखायी।
बृहस्पतिवार को भोर होने से पहले ही हजारों लोगों ने संत पेत्रुस प्रांगण की ओर बढ़ना शुरू कर दिया था, जो मेटल-डिटेक्टर जांच के बाद प्राँगण में प्रवेश किया। पिछले तीन दिनों में लगभग 2 लाख लोगों ने संत पेत्रुस महागिरजाघर आकर पोप बेनेडिक्ट के पार्थिव शरीर का दर्शन किया। पोप बेनेडिक्ट के जन्मस्थान बावरिया के गवर्नर मार्कस सोएडर ने भी रोम के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और कम से कम 10 जर्मन धर्माध्यक्ष उपस्थित थे।
ससम्मान सेवानिवृत पोप बेनेडिक्ट १६वें के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए उपस्थित लोगों की भीड़ को देखते हुए एवं स्थिति को व्यवस्थित रखने के लिए १००० पुलिसकर्मियों को वाटिकन में तैनात किया गया था। वाटिकन और आसपास के क्षेत्र को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया था जो अंतिम प्रतिभागी के जाने के बाद तक लागू था। किसी प्रकार की अनहोनी घटना न हो इसके लिए पूरे रोम शहर में इन दिनों बेहतर सुरक्षा का इंतजाम किया गया है।
पवित्र मिस्सा के अंत में ताबूत की आशीष की गई एवं संत पापा फ्राँसिस ने पोप बेनेडिक्ट १६वें की आत्मा को ईश्वर को सौंपते हुए विशेष प्रार्थना का पाठ किया। उन्होंने इस प्रकार प्रार्थना की, “ईश्वर की विश्वासी प्रजा, जो यहाँ एकत्रित है, जिनके वे चरवाहे थे अब उनका साथ देते हुए, उन्हें आपको सौंप देती है...हम एक साथ कहना चाहते हैं, पिता हम आपके हाथों में उनकी आत्मा को सौंप देते हैं।”
“बेनेडिक्ट, दुल्हे (ख्रीस्त) के विश्वासी मित्र, आपका आनन्द उनकी आवाज सुनकर पूर्ण हो जाए, अब और अनन्त काल तक।”
तत्पश्चात् उनके पार्थिव शरीर को संत पेत्रुस महारिजाघर लिया गया, वहाँ ले जाते समय संत पापा फ्राँसिस ने पुनः एक बार उनके ताबूत पर हाथ रखकर प्रार्थना की एवं उन्हें अंतिम विदाई दी। संत पापा बेनेडिक्ट १६वें ने निवानिवृत होने के बाद प्रार्थना द्वारा पोप और कलीसिया की आध्यात्मिक मदद की।
[ Photo Embed: ससम्मान सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट १६वें को कब्र में रखा जाता है]
उनके पार्थिव शरीर को संत पेत्रुस महागिरजाघर के तहखाने के उस कब्र में दफनाया गया, जहाँ संत पापा जॉन पौल द्वितीय को उनकी धन्य घोषणा के पहले दफनाया गया था।
ससम्मान सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट १६वें का निधन ३१ दिसम्बर को ९५ साल की उम्र में वाटिकन के मातेर एक्लेसिया मठ में हुआ।
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