येसु का चेहरा येसु का चेहरा  (Dmitry Kalinovsky)

पोप फ्राँसिस : ‘एक ईश्वरीय योजना’ हमें येसु के कार्य को देखने में मदद देता है

जेस्विट फादर अंतोनियो स्पादेरो की नई किताब की प्रस्तावना में संत पापा फ्राँसिस ने लिखी है कि हमें ईश्वर की कहानी का अनुसरण करना चाहिए, जब हम येसु के सच्चे चेहरे को येरूसालेम में उनकी यात्रा में खोजना चाहते हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

आधुनिक दुनिया में जब अनेक संकटों का सामना करना पड़ रहा है, संत पापा लिखते हैं कि “हमें नई भाषा, प्रभावशाली कहानियों और तस्वीरों, लेखकों, कवि और कलाकारों की प्रतिभा की जरूरत है जो दुनिया को सुसमाचार का संदेश दे सके, हमें येसु को दिखा सकें। ला चिविल्ता कत्तोलिका के प्रमुख संपादक जेस्विट फादर अंतोनियो स्पादेरो की नई किताब का उद्देश्य यही है।

सिनेमा जगत के संकेत पर ध्यान देते हुए, नई किताब “‘एक ईश्वरीय योजना’ : येसु एक उल्टे दृष्टिकोण से”, येसु के जीवन पर एक पटकथा के रूप में प्रकाश डालती है तथा पाठकों को येसु के एक नये दृष्टिकोण को देखने में मदद देती है।  

प्रस्तावना में संत पापा ने लिखा है कि “एक ईश्वरीय योजना हमें येसु की खोज में हमारी मदद करती है।” पोप ने येसु को अपने वश में करने की कोशिश, उन्हें प्रेममय रूप में अनावश्यक रूप से मीठा बनाकर प्रस्तुत करने के खिलाफ चेतावनी दी है। जबकि हमारे समय में येसु को उनके वास्तविक स्वरूप में देखे जाने की जरूरत है, उनकी कठोरता को भी देखना है जिसके बारे सुसमाचार जिक्र करता है।  

उन्होंने कहा, “आइये हम धूल को हटाना सीखें जो सुसमाचार में जम गया है, ताकि इसके तीव्र स्वाद को चखा जा सके।”

येसु की कहानी हमारी कहानी को ढंकती है

अपनी प्रस्तावना में संत पापा फ्राँसिस जोर देते हैं कि ईश्वरीय योजना या कहानी, हमारी अपनी कहानियों में बुने हुए येसु की कहानी के साथ, सुसमाचार की कहानी के माध्यम से चलती है।

“येसु की कहानी पढ़ना हमें हमारे अस्तित्व के ताने-बाने से दूर नहीं करती है बल्कि "हमें अपने स्वयं के इतिहास को देखने के लिए, इससे बचने की कोशिश किए बिना इसका सामना करने के लिए कहती है।"

अंत में, संत पापा ने लिखा है कि एक ईश्वरीय योजना हमें चुनौती देती है कि हम येसु के बारे क्या बोलते हैं उसपर चिंतन करें। हमें येसु के संदेश की घोषणा करने के लिए साधारण बासी, पुरानी भाषा का प्रयोग करने की आदत में नहीं पड़ना चाहिए।

"सबसे बुरी चीज हो सकती है यदि सुसमाचार प्रचार की भाषा की शक्ति को बिलकुल साधारण रूप में अनुवाद किया जाए।" इसके बजाय, "सुसमाचार प्रतिभा का स्रोत होना चाहिए, आश्चर्य का, हमें अंदर तक झकझोरने में सक्षम होना चाहिए।"

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14 January 2023, 15:58