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संत पापा ने डीआर कांगो में संघर्ष व आर्थिक उपनिवेशवाद की निंदा की

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की अपनी प्रेरितिक यात्रा के पहले दिन नागरिक अधिकारियों के साथ बैठक में, संत पापा फ्राँसिस अफ्रीकी राष्ट्र को प्रभावित करने वाले मुद्दों को संबोधित किया, जिसमें चल रहे संघर्ष और आर्थिक उपनिवेशवाद शामिल हैं और कांगो के लोगों से हिंसा को अस्वीकार करने का आग्रह किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

किंशासा, बुधवार 1 फरवरी 2023 (वाटिकन न्यूज) : मंगलवार को कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य पहुंचने पर अपने पहले भाषण में, संत पापा फ्राँसिस ने उन संघर्षों की निंदा की, जो देश को तबाह कर रहे हैं और विदेशी ताकतों द्वारा अपने विशाल प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन कर रहे हैं।

कांगो के राष्ट्रपति फेलिक्स शीसीकेदी से औपचारिक मुलाकात के बाद, किंशासा में "पैलेस डे ला नेशन" के बगीचे में सरकारी अधिकारियों, नागरिक समाज और राजनयिक कोर के साथ बैठक में संत पापा ने कांगो के लोगों से हिंसा और घृणा को अस्वीकार करने एवं अपने भाग्य को अपने हाथों में लेने का आग्रह किया ।

उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा "संपूर्ण काथलिक कलीसिया की निकटता, स्नेह और सांत्वना" लाने की उनकी इच्छा से पैदा हुई है और वे "सुलह और शांति के तीर्थयात्री के रूप में" आ रहे हैं।

कांगो के लोग अपने हीरों से ज्यादा कीमती हैं

डीआरसी की तुलना एक हीरे से करते हुए, जो देश के कई धन में से एक है, संत पापा ने कहा कि कांगो के लोग "उनकी उपजाऊ मिट्टी में पाए जाने वाले किसी भी खजाने की तुलना में असीम रूप से अधिक कीमती हैं। प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता से परे, उनके हृदय में एक "आध्यात्मिक संपदा" भी है, जहां से "शांति और विकास का जन्म होता है", हर कांगो निवासी को उसका हिस्सा बनने हेतु महसूस करना चाहिए। "हिंसा और घृणा को अब दिल में या किसी के होठों पर जगह नहीं मिलनी चाहिए, क्योंकि ये अमानवीय और गैर-ईसाई भावनाएँ हैं जो विकास को रोकती हैं और हमें एक उदास अतीत में वापस लाती हैं।"

संत पापा फ्राँसिस ने राष्ट्रपति फेलिक्स शीसीकेदी से हाथ मिलाया
संत पापा फ्राँसिस ने राष्ट्रपति फेलिक्स शीसीकेदी से हाथ मिलाया

खूनी हीरा

संत पापा फ्राँसिस ने उस शोषण पर शोक व्यक्त किया जिसे डीआरसी और पूरा अफ्रीकी महाद्वीप आज भी "आर्थिक उपनिवेशवाद" के रूप में झेल रहा है, जो "समान रूप से गुलाम" है, कांगो के लोगों को अपनी ही भूमि में "विदेशी" बना रहा है।

संत पापा ने निंदा करते हुए कहा, "लालच के जहर ने अपने हीरों को खून से रंग दिया है।"

संत पापा ने दुनिया से अतीत में किए गए "विनाशकारी" अन्याय को स्वीकार करने और इसके प्राकृतिक संसाधनों की चल रही लूट को समाप्त करने का आह्वान किया।

"कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य से दूर रहें! अफ्रीका से दूर रहें! अफ्रीका का गला घोंटना बंद करें: यह छीनी जाने वाली खदान या लूटे जाने वाला इलाका नहीं है। अफ्रीका अपनी नियति का नायक बने!"

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने डीआरसी को हिंसा के लिए छोड़ दिया

संत पापा फ्राँसिस ने फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर रुख किया और कहा कि व्यावहारिक रूप से खुद को हिंसा भक्षण करने वाले" डीआरसी से अलग कर लिया है। संत पापा ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफ्रीकी राष्ट्र में विकास और शांति का समर्थन करने के लिए नए सिरे से प्रयास करने का आह्वान किया।

संत पापा ने कहा, "वर्तमान शांति प्रक्रिया, जिसे मैं बहुत प्रोत्साहित करता हूँ, ठोस कार्यों द्वारा बनाए रखने की आवश्यकता है और प्रतिबद्धताओं को बनाए रखा जाना चाहिए।"

उन्होंने उन देशों और संगठनों का बहुत आभार व्यक्त किया जो इस संबंध में पर्याप्त सहायता प्रदान कर रहे हैं, गरीबी और बीमारी से लड़ने में मदद कर रहे हैं, कानून के शासन का समर्थन कर रहे हैं और मानवाधिकारों के प्रति सम्मान को बढ़ावा दे रहे हैं।

"कूटनीति के लिए जगह बनाने की जरूरत है जो प्रामाणिक रूप से मानवीय हो, एक ऐसी कूटनीति के लिए जहां लोग अन्य लोगों के लिए चिंता करते हों, एक ऐसी कूटनीति जो भूमि और संसाधनों पर नियंत्रण, विस्तारवाद और बढ़े हुए मुनाफे पर केंद्रित न हो, बल्कि लोगों को विकास और विकसित होने के अवसर प्रदान करने पर केंद्रित हो।"

जनजातिाद और शत्रुता के प्रतिगमन से बचें

हीरे की छवि पर वापस जाते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि कांगो समाज की समृद्धि इसके "बहुफलकीय" चरित्र से उपजी है, जिसे "जनजातिवाद और शत्रुता के किसी भी प्रकार के प्रतिगमन से बचने" को संरक्षित किया जाना चाहिए।

संत पापा ने कांगो की एक कहावत को याद करते हुए कहा, "समस्या, जातीय और सामाजिक समूहों की प्रकृति नहीं है, लेकिन जिस तरह से वे एक साथ रहने के लिए चुनाव करते हैं: उनकी इच्छा या एक-दूसरे का सामना न करने, मेल-मिलाप करने और संघर्ष की भयावहता और शांति एवं समृद्धि के उज्ज्वल भविष्य के बीच नए सिरे से शुरुआत करने से फर्क पड़ता है।”

इस संबंध में, संत पापा फ्राँसिस ने डीआरसी में शांति और भाईचारे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होकर इस समृद्धि में योगदान देने के लिए धर्मों और नागर समाज द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

नागरिक और राजनीतिक जीवन में पारदर्शिता की आवश्यकता

हीरे के रूपक को जारी रखते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने नागरिक और राजनीतिक जीवन में पारदर्शिता पर ध्यान केंद्रित किया और कहा, "जो चीज समाज में अच्छाई के प्रकाश को मंद कर देती है वह अक्सर अन्याय और भ्रष्टाचार का अंधेरा होता है।" इस संबंध में, उन्होंने व्यक्तिगत या सामूहिक हितों के बजाय पारदर्शी और विश्वसनीय चुनावों को बढ़ावा देने, शांति प्रक्रियाओं में अधिक भागीदारी, आम भलाई और लोगों की सुरक्षा को आगे बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि क्षेत्र के हर हिस्से में राज्य की उपस्थिति को मजबूत किया जाना चाहिए और कई शरणार्थियों और विस्थापितों की देखभाल की जानी चाहिए।

डीआरसी के सबसे कीमती हीरों को चमकाएं

संत पापा फ्राँसिस ने "सबसे कीमती हीरे को चमकने" के लिए शिक्षा में निवेश करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस संबंध में खेद व्यक्त किया कि बहुत सारे कांगो के बच्चे अभी भी स्कूल नहीं जाते हैं और इसके बजाय खानों में बंधक के रुप में काम कराया जाता है और उनका शोषण किया जाता है।

"बच्चे, युवा लड़कियां और सभी युवा भविष्य की आशा का प्रतिनिधित्व करते हैं, आइए हम उस आशा को दबने न दें, बल्कि जुनून के साथ विकसित करें!"

अपने लंबे संबोधन को समाप्त करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा के लिए "सृष्टि के अच्छे प्रबंधक" होने की साझा जिम्मेदारी को याद किया और आपातकालीन हस्तक्षेपों से परे जाकर अफ्रीकियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए दीर्घकालिक अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

साहसी और समावेशी सामाजिक नवीनीकरण में संलग्न हों

संत पापा फ्राँसिस ने कांगो के लोगों से "निराशा" और "असफलता" के आगे नहीं झुकने, बल्कि अपने देश के "साहसी और समावेशी सामाजिक नवीनीकरण" में संलग्न होने का आग्रह किया।

"मसीह के नाम पर, जो आशा के प्रभु हैं, हर संभावना के प्रभु हैं, जो हमें हमेशा नए सिरे से शुरू करने की ताकत देते हैं, इस शानदार भूमि के सबसे कीमती हीरे की गरिमा और मूल्य के नाम पर, जो इसके नागरिक हैं, मैं सभी को एक साहसी और समावेशी सामाजिक नवीनीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहूँगा।”

डीआरसी में वर्तमान संघर्ष और चुनौतियाँ भी राष्ट्रपति फेलिक्स शीसीकेदी के संत पापा को संबोधन का केंद्र बिंदु थे, जिसमें उन्होंने कांगो के सभी लोगों की ओर से देश की स्थिति के प्रति हमेशा रुचि दिखाने के लिए और "अपने पूर्वी प्रांतों में शांति के लिए उत्साहपूर्वक प्रार्थना करने" के लिए संत पापा को धन्यवाद दिया। उन्होंने इन प्रांतों के आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने की इच्छा के लिए भी आभार व्यक्त किया।

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01 February 2023, 11:41