स्ट्राटमान संस्थान में निर्धनों से मुलाकात
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
बुडापेस्ट, शनिवार, 29 अप्रैल 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): हंगरी प्रेरितिक यात्रा के दूसरे दिन, शनिवार को, सन्त पापा फ्राँसिस ने बुडापेस्ट स्थित हंगरी की सन्त एलीज़ाबेथ को समर्पित महागिरजाघर में राष्ट्र के निर्धनों, हाशिये पर जीवन यापन करनेवालों, आप्रवासियों एवं शरणार्थियों के साथ मुलाकात की तथा सन्ध्या समय राष्ट्र के युवा प्रतिनिधियों से मुलकात कर उन्हें अपना सन्देश दिया।
स्ट्राटमान संस्थान की भेंट
इन मुलाकातों से पूर्व सन्त पापा ने स्ट्राटमान संस्थान की भेंट कर यहाँ उपचार पा रहे रोगियों से मुलाकात कर उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान किया। लाज़लो बाथियानी स्ट्राटमान संस्थान धन्य स्ट्राटमान द्वारा स्थापित अस्पताल एवं शरणस्थान है, जहाँ ज़रूरतमन्दों का मुफ्त चिकित्सा प्रदान की जाती है।
लाज़लो बाथियानी स्ट्राटमान का जन्म 1870 में हुआ था। आप हंगरी के विख्यात चिकित्सक एवं समर्पित काथलिक विश्वासी थे। सन् 1902 में आपने निर्धनों की सेवा के लिये हंगरी के निकटवर्ती ऑस्ट्रिया के कीट्से में एक छोटा सा अस्पताल खोला था, जहाँ डॉ. बाथियानी स्ट्राटमान निर्धनों को निशुल्क उपचार प्रदान किया करते थे। 22 जनवरी 1931 को विएन्ना में कैंसर रोग से आपका निधन हो गया था। 23 मार्च 2003 को सन्त पापा सन्त जॉन पौल द्वितीय द्वारा आप धन्य घोषित किये गये थे। आज, गूसिंग पल्ली गिरजाघर में, धन्य स्ट्राटमान के अवशेष सुरक्षित हैं, जहाँ अनेकानेक श्रद्धालु चंगाई के लिये प्रार्थना अर्पित करने पहुँचते हैं।
असीसी के सन्त की प्रार्थना
स्ट्राटमान संस्थान की भेंट के अवसर पर निर्धारित कार्यक्रम में प्रभाषण नहीं था किन्तु सन्त पापा ने सहज ही वहाँ उपस्थित समस्त चिकित्सकों, उपचारकों एवं रोगियों को सम्बोधित किया तथा स्वागत और स्नेह के लिए संस्थान के सभी लोगों के प्रति धन्यवाद दिया। विशेष रूप से, इस भेंट को असीसी के सन्त फ्राँसिस की प्रार्थना से शुरु करने के लिये उन्होंने संस्थान के निर्देशक के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि सन्त फ्राँसिस की प्रार्थना जीवन का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है क्योंकि संत हमेशा कृपा मांगते हैं कि जहां कुछ नहीं है वहां मैं कुछ कर सकूँ, जहाँ कोई कमी है तो वहाँ मैं कुछ दे सकूँ।
सन्त पापा ने कहा, सच्चाई के रास्ते पर अनवरत आगे बढ़ते रहना ही सुसमाचार है। उन्होंने कहा कि येसु मसीह संसार में सत्य की प्रकाशना के लिये आये थे, अस्तु वास्तविकता को ध्यान में रखे बिना विचारों, विचारधाराओं को लेना और उन्हें आगे बढ़ाना आसान नहीं होता। तथापि, उन्होंने कहा कि येसु मसीह के मार्ग पर चलकर हम हर कठिनाई का सामना करने का बल प्राप्त करते हैं।
शनिवार प्रातः ही सन्त पापा फ्राँसिस ने हंगरी की सन्त एलीज़ाबेथ को समर्पित महागिरजाघर में निर्धनों, ज़रूरतमन्दों एवं शरणार्थियों से मुलाकात कर उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान किया।
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