हंगरी में सन्त पापा की प्रेरितिक यात्रा का प्रथम दिन
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
बुडापेस्ट, शनिवार, 29 अप्रैल 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): हंगरी में अपनी तीन दिवसीय यात्रा के प्रथम दिन, शुक्रवार को, सन्त पापा फ्राँसिस ने राष्ट्र के गणमान्य नागर अधिकारियों, धर्माध्यक्षों, स्थानीय कलीसियाई याजकवर्ग के सदस्यों, पुरोहितों एवं धर्मसमाजियों तथा स्वयंसेवी कार्यों में संलग्न प्रेरितिक कार्यकर्त्ताओं से मुलाकात कर उन्हें अपना सन्देश दिया।
उत्साहपूर्वक स्वागत
इस समय सन्त पापा फ्राँसिस हंगरी की तीन दिवसीय प्रेरितिक यात्रा पर हैं। इटली से बाहर उनकी 41 वीं विदेश यात्रा शुक्रवार, 28 अप्रैल को आरम्भ हुई थी तथा रविवार देर सन्ध्या समाप्त होगी। शुक्रवार को सन्त पापा ने यात्रा से पूर्व वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास में 15 बेघर लोगों से मुलाकात के बाद लगभग 75 पत्रकारों एवं वाटिकन के वरिष्ठ अधिकारियों के संग रोम के फ्यूमीचीनो हवाई अड्डे का रुख किया था। दो घण्टों की उड़ान के उपरान्त वे बुडापेस्ट पधारे जहाँ राष्ट्र के गणमान्य अधिकारियों एवं कलीसिया के प्रतिधिनिधियों ने राष्ट्र में उनका स्वागत किया। जैसे ही सन्त पापा का काफिला बुडापेस्ट स्थित राष्ट्रपति निवास पर उनकी पहली मुलाकात के लिए निकला, सड़क के ओर-छोर कतारबद्ध स्कूली बच्चों के समूहों सहित कई लोगों ने गुलाबी टोपियाँ पहने, झण्डे फहराते तथा जयनारे लगाते उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
राष्ट्र में सन्त पापा फ्राँसिस की उपस्थिति के दौरान सरकार ने सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिये पंजीकृत सभी लोगों के लिये मुफ्त सार्वजनिक परिवहन की पेशकश की थी। कुछेक हंगेरियन लोगों से बातचीत में इस तथ्य की पुष्टि हुई कि सन्त पापा की उपस्थिति से हंगरी के नागरिक अत्यन्त प्रसन्न हैं। कई लोगों ने बताया कि राज्य एवं कलीसिया परिवारों को उनके विश्वास को जीने में मदद करते हैं। एक माँ ने इस तथ्य को साझा किया कि उनके बच्चे एक काथलिक स्कूल में पढ़ते हैं, और बताया कि हंगरी में माता-पिता अपने बच्चों को मुफ्त में काथलिक कलीसिया द्वारा संचालित स्कूलों में भेज सकते हैं।
युद्ध के काले बादल
एक ओर, सन्त पापा फ्राँसिस की उपस्थिति के लिए हंगरी में खुशहालियाँ स्पष्टतया दृश्यमान हैं, तो दूसरी ओर, देश की सीमा के ठीक पार पड़ोसी देश यूक्रेन में युद्ध के काले बादल मंडरा रहे हैं तथा लोगों को अकथनीय पीड़ा के लिये मजबूर कर रहे हैं। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की त्रासदी ने सन्त पापा फ्राँसिस को शांति, संवाद एवं कूटनैतिक समाधान के लिए अनगिनत अपीलें जारी करने और पूरे मानव परिवार को बढ़ते संघर्ष और बढ़ती हथियारों की दौड़ से उत्पन्न ख़तरे के खिलाफ कई चेतावनियां जारी करने के लिए प्रेरित किया है।
राष्ट्र में अपने पहले आधिकारिक संबोधन में, संत पापा फ्राँसिस ने हंगरी के वरिष्ठ नागर अधिकारियों से "राष्ट्रीय सीमाओं से परे देखने" का आग्रह किया, यूरोप में बढ़ते राष्ट्रवाद और अतिवाद के खिलाफ चेतावनी दी तथा यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए "एकल अभिनायकों" का बहिष्कार करने तथा शांति स्थापना हेतु "रचनात्मक प्रयासों" का आह्वान किया।
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