हंगरी में सन्त पापा फ्राँसिस का दूसरा दिन
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर - वाटिकन सिटी
बुडापेस्ट, रविवार, 30 अप्रैल 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): "येसु आप पर विश्वास करते हैं, चाहते हैं कि आप प्रार्थना में उनके साथ संवाद करें। चाहते हैं कि आप उनके घर, गिरजाघर जाएँ, और एक युवा काथलिक व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान की पुष्टि को महसूस करें।" बुडापेस्ट के पाप लाज़लो स्पोर्ट्स आरेना में एकत्र हंगरी के लगभग 12,000 युवाओं को शनिवार सन्ध्या उक्त शब्दों से सन्त पापा फ्राँसिस ने जीवन में कभी हतोस्ताहित न होने का सन्देश दिया।
येसु पर भरोसा
सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु ने शुक्रवार 28 अफ्रैल को हंगरी की प्रेरितिक यात्रा शुरु की थी जो रविवार सन्ध्या विश्वविद्यालयीन एवं संस्कृति जगत के ज्ञाताओं के साथ मुलाकात से समाप्त हो रही है। इटली से बाहर सन्त पापा फ्राँसिस की यह 41 वीं तथा हंगरी में उनकी दूसरी प्रेरितिक यात्रा थी।
येसु ख्रीस्त के सामीप्य का स्मरण दिलाकर सन्त पापा ने युवाओं से कहा कि वे येसु की शरण जायें जो हर समय क्षमा कर देते तथा किसी भी चुनौती का सामना करने की शक्ति प्रदान करते हैं। यूक्रेन में "अगले दरवाजे" पर भारी पीड़ा का कारण बन रहे युद्ध के मद्देनज़र उन्होंने युवाओं से शांति निर्माता बनने का भी आग्रह किया।इस अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस को आधुनिक हंगरी के सबसे प्रसिद्ध आविष्कारों में से एक यानि एक रुबिक क्यूब भेंट स्वरूप अर्पित किया गया, जिसे मुस्कुराते हुए सन्त पापा ने ग्रहण कर आभार व्यक्त किया।
कलीसिया उदारता की भाषा बोले
शनिवार का दिन सन्त पापा फ्राँसिस ने बुडापेस्ट में समाज के ज़रूरतमन्दों तथा युवाओं के साथ व्यतीत किया। सर्वप्रथम, उन्होंने कलीसिया द्वारा संचालित धन्य लाज़लो बाथियानी स्ट्राटमान संस्थान में नेत्रहीन एवं अलग तरह से सक्षम विकलांग बच्चों से मुलाकात की और इसके बाद सन्त एलीज़ाबेथ को समर्पित महागिरजार में शरणार्थियों, निर्धनों एवं समाज में हाशिये पर जीवन यापन करने वालों से मुलाकात कर उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर सन्त पापा ने कलीसिया को स्मरण दिलाया कि वह हर स्थिति में मुलाकात का स्थल और "उदारता की भाषा" बने।
सन्त पापा के समस्त आयोजनों के सदृश ही, चौराहों और सड़कों पर लोगों की भरमार थी; सन्त एलीज़ाबेथ महागिरजाघर के आस-पड़ोस के घरों की बालकनियाँ उन लोगों से भरी हुई थीं, जो सन्त पापा की एक झलक पाने के लिए घंटों तक प्रतीक्षा करते रहे थे। वाटिकन न्यूज़ के संवाददाताओं को लोगों ने बताया कि वे सन्त पापा फ्राँसिस के हंगरी आगमन पर प्रसन्न थे, जिससे उनके मन में समाहित बेहतर जीवन की आशा मज़बूत हुई थी। यहाँ उपस्थित लोगों में कई यूक्रेन के युद्ध के बाद आये यूक्रेनी शरणार्थी शामिल थे। ग़ौरतलब है कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से बीस लाख से अधिक यूक्रेनी नागरिक अन्यत्र पलायन के लिये हंगरी के रास्ते से गुज़रे हैं तथा लगभग 35,000 शरणार्थियों ने हंगरी में अस्थायी सुरक्षा का दर्जा प्राप्त किया है।
हंगरी की स्थानीय कलीसिया शरणार्थियों के प्रति मानवतावादी लोकोपकारी कार्यों में पहले से ही संलग्न रही है, किन्तु यूक्रेनी युद्ध के बाद से उनके कल्याणकारी कार्य और अधिक सघन हो गये हैं। इनमें विश्व व्यापी उदारता संगठन कारितास की हंगरी शाखा, धर्मप्रान्तीय एवं पल्ली स्तरों पर लोकोपकारी योजनाएँ तथा नाईट्स ऑफ माल्टा की हंगरी शाखा शामिल हैं।
सन्त पापा ने ज़रूरतमन्द भाइयों एवं बहनों के प्रति ठोस एकात्मता एवं ख्रीस्तीय प्रेम के लिये हंगरी की कलीसिया के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।
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