संत पापा ने भारत में घातक ट्रेन दुर्घटना पर 'हार्दिक संवेदना' व्यक्त की
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार 03 जून 2023 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने भारत में एक घातक ट्रेन दुर्घटना से प्रभावित सभी लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की है।
संत पापा की संवेदना
भारत में प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोल्दो जिरेली को राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो परोलिन द्वारा संत पापा की ओर से शनिवार को भेजे गए एक तार में, संत पापा ने त्रासदी के शिकार लोगों के लिए प्रार्थना की और आध्यात्मिक निकटता का आश्वासन दिया।
संत पापा ने कहा कि उन्हें "ओडिशा राज्य में ट्रेन दुर्घटना के कारण हुए जनहानि के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ" और इस त्रासदी से प्रभावित सभी लोगों को अपनी आध्यात्मिक निकटता का आश्वासन दिया।
उन्होंने मृतकों की आत्माओं को "सर्वशक्तिमान की प्रेमपूर्ण दया" के सुपुर्द किया और अपनी "हार्दिक संवेदना उन लोगों के लिए भेजा, जो अपने प्रियजनों के लिए शोक मनाते हैं। संत पापा ने सभी के लिए साहस और सांत्वना के दिव्य उपहारों का आह्वान किया।
संत पापा फ्राँसिस ने "कई घायलों के लिए शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और आपातकालीन सेवा कर्मियों के प्रयासों के लिए" प्रार्थना करते हुए अपने संदेश को समाप्त किया।
कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन हादसा
ओडिशा के बालासोर से करीब 40 किलोमीटर आगे चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर एक मालगाड़ी से हो गई। टक्कर के बाद ट्रेन की 10 से 12 स्लीपर बोगी पटरी से उतर गये।
शुक्रवार 2 जून को स्थानीय समय अनुसार शाम 7 बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस 127 कि.मीटर प्रति घंटे की रफतार से दौड़ रही थी। ओडिशा के बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास उसकी टक्कर मालगाड़ी से हो गई। रेलवे के सिग्नलिंग कंट्रोल रुम से आ रही प्रारंभिक सूचना के अनुसार यह हादसा मानवीय भूल के कारण भी हो सकता है क्योंकि शुरुआती जाँच में सामने आया है कि ट्रेन ने गलत पटरी बदली और लूप लाईन ले ली जबरि उसे मेन टैक पर जाना था। लूप लाईन पर मालगाड़ी खड़ी थी।
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराने के बाद मेन लाइन पर डिरेल हो गई। उसके डब्बे मेन लाइन पर पलट गये। कुछ ही मिनट बाद हावड़ा जाने वाली यश्वंत नगर एक्सप्रेस दूसरी दिशा से आई और डिरेल कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गई।
दक्षिण पूर्व रेलवे ने 33 ट्रेनों को स्थगित कर दिया है और 36 ट्रेनों के रुट बदल दिये हैं।
बचाव कार्य
हादसा के तुरंत बाद से एनडीआरएफ की 7 टीमें, ओडीआरएएफ की 5 इकाईयां और 24 अग्निशमन सेवाएं औरआपातकालीन इकाईयां बचाव कार्य में लग गई। दवाओं के साथ पारामेडिकल स्टाफ के साथ 100 से अधिक मेडिकल टीमें इलाज के लिए दुर्टनास्थल पर हैं। 200 से ज्यादा एंबुलेंस से करीब 900 घायलों को सोरो, बालासोर, भद्रक और कटक के अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया है। जहाँ उनका मुफ्त में इलाज चल रहा है।
फंसे यात्रियों की आवजाही के लिए 30 बसें लगाई गई हैं।
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