संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

संत पौलुस दिखलाते हैं कि हमारी दुर्बलता में ईश्वर किस तरह कार्य करते हैं

संत पेत्रुस और संत पौलुस के महापर्व के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया जहाँ उन्होंने संत पौलुस के उदाहरणों पर प्रकाश डाला और कहा कि उन्होंने अपनी उदारता एवं कमजोरी में येसु के रास्ते को इंगित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

जब कलीसिया संत पेत्रुस और पौलुस की पवित्रता का महापर्व मनाती है, पोप फ्राँसिस ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया।

परम्परा के अनुसार देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने देवदूत प्रार्थना का पाठ करने से पहले प्रेरित संत पेत्रुस के उदाहरण पर चिंतन किया, जिनसे येसु ने कहा था: "तुम पेत्रुस हो, और इस चट्टान पर मैं अपनी कलीसिया बनाऊँगा।"

पोप ने ग्रीक शब्द "चट्टान" के तीन अर्थों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसका अर्थ चट्टान, पत्थर या कंकड़ हो सकता है।

चट्टान की तरह साहसी

उन्होंने कहा, सबसे पहले, पेत्रुस एक चट्टान है, जो उन क्षणों में प्रकट होता है जब वे "मजबूत, स्थिर, वास्तविक और उदार" होते हैं।

पोप ने कहा, "उन्होंने येसु का अनुसरण करने के लिए सब कुछ छोड़ दिया।" “उन्होंने जीवंत ईश्वर के पुत्र मसीह को पहचाना; पुनर्जीवित प्रभु की ओर तेजी से जाने के लिए समुद्र पर चलने लगे। गिरफ़्तारी और कोड़े लगने से पहले उन्होंने साहसपूर्वक येसु का प्रचार किया। परंपरा हमें शहादत का सामना करते समय उनकी दृढ़ता के बारे में भी बताती है।”

पत्थर के समान भरोसेमंद

संत पेत्रुस के नाम को एक पत्थर के रूप में भी समझा जा सकता है, एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो दूसरों को सहारा देता है। संत पापा ने कहा कि संत पेत्रुस अपने भाइयों एवं बहनों को कलीसिया के निर्माण में मदद दिये।

सुसमाचार उन्हें येसु के बुलावे का उदारता पूर्वक जवाब देनेवाले, येसु का अनुसरण करने में दूसरों को मजबूती देनेवाले और सुसमाचार प्रचार करने में समुदाय को प्रोत्साहित करनेवाले के रूप में प्रस्तुत करता है।

पोप ने कहा, "वे 'पत्थर' है, जो पूरे समुदाय के लिए एक विश्वसनीय संदर्भ बिंदु है।"

कंकड़ की तरह कमजोर

संत पापा ने कहा, इसके साथ-साथ संत पेत्रुस का छोटापन उभर कर सामने आता है, जिससे पता चलता है कि वे एक "कंकड़" भी है।

उन्होंने कहा, "कभी-कभी वे समझ नहीं पाते थे कि येसु क्या कर रहे हैं।" "जब येसु की गिरफ्तारी हो रही थी, तो पेत्रुस डर गया और येसु को नकार दिया, फिर पश्चाताप किया और फूट-फूट कर रोने लगा, लेकिन उसे क्रूस के नीचे खड़े होने का साहस नहीं हुआ।"

पोप ने आगे कहा, क्वो वादिस परंपरा के अनुसार, पीटर भी रोम से भागने की कोशिश कर रहा था, जब शुरू में उसे अपनी शहादत का सामना करना पड़ा।

मजबूत और कमजोर स्थिति वाला वास्तविक व्यक्ति

पेत्रुस इन तीन पहलुओं में से प्रत्येक को शामिल करता है, जिसके साथ प्रत्येक ख्रीस्तीय पहचान कर सकता है।

पोप फ्राँसिस ने कहा, "पेत्रुस में हम चट्टान की ताकत, पत्थर की विश्वसनीयता और एक साधारण कंकड़ की लघुता पाते हैं। वे कोई सुपरमैन नहीं है - वे हमारे जैसे आदमी हैं, जो अपनी अपूर्णता में येसु को उदारतापूर्वक 'हाँ' कहते हैं।

प्रेरित में, ईश्वर ने प्रकट किया कि ये वे हैं जो "पेत्रुस को अपनी कृपा से मजबूत बनाते हैं, हमें अपने प्रेम से जोड़ते है, और अपनी दया से हमें क्षमा करते हैं।"

पोप ने कहा, संत पेत्रुस और पौलुस वास्तविक लोग थे, उनके अपने दोष, उनकी ताकत और कमजोरियाँ थीं।

शक्ति, उदारता, नम्रता

अंत में, पोप फ्राँसिस ने ख्रीस्तीयों से खुद से पूछने का आग्रह किया कि हम किस तरह से संत पेत्रुस के साथ अपनी पहचान बनाते हैं, और प्रार्थना की कि धन्य कुँवारी मरियम हमें उनकी ताकत, उदारता और विनम्रता का अनुकरण करने में मदद कर सकती हैं।

संत पापा ने देवदूत प्रार्थना के पूर्व चिंतन हेतु प्रेरित करते हुए कहा, "क्या हम अपने छोटेपन से अवगत हैं?" "और सबसे बढ़कर, अपनी कमजोरी में, क्या हम अपने आप को प्रभु को सौंपते हैं जो विनम्र और ईमानदार लोगों के माध्यम से महान कार्य करते हैं?"

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29 June 2023, 16:48