टीवी राई के साप्ताहिक कार्यक्रम "अ सुआ इमाजिने" नामक कार्यक्रम में संत पापा फ्राँसिस अतिथि बने। टीवी राई के साप्ताहिक कार्यक्रम "अ सुआ इमाजिने" नामक कार्यक्रम में संत पापा फ्राँसिस अतिथि बने। 

संत पापा ने इतालवी टीवी पर विश्वास एवं विश्व के मुद्दों पर चर्चा की

संत पापा फ्राँसिस इटली के सार्वजनिक प्रसारण राई के एक साप्ताहिक धार्मिक कार्यक्रम में दिखाई दिये, जिसे 27 मई को रिकॉर्ड किया गया था और एक सप्ताह बाद प्रसारित किया गया था। संत पापा ने विश्व की चुनौतियों और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत किए, सभी को प्रार्थना करने और अपने विश्वास को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 05 जून 2023 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस विश्वास और धर्म पर इटली के सार्वजनिक टेलीविजन राई के साप्ताहिक कार्यक्रम "अ सुआ इमाजिने" ('उनकी छवि में') नामक कार्यक्रम के अतिथि बने। संत पापा ने कई मुद्दों और सामाजिक चुनौतियों, विशेष रूप से विश्व की स्थिति पर बातचीत की।

विश्व शांति की खोज के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, "यह मानवता जितनी पुरानी कहानी है: शांति के साथ आप हमेशा आगे निकलते हैं, शायद थोड़ा सा लेकिन आपको लाभ होता है, जबकि युद्ध के साथ आप सब कुछ खो देते हैं। सब कुछ! और तथाकथित लाभ" नुकसान हैं।"संत पापा ने 1939 में संत पापा पियुस बारहवें द्वारा दुनिया के नेताओं को दिये रेडियो संदेश में उनकी अपील को याद किया, द्वितीय विश्व युद्ध की पूर्व संध्या पर उन्होंने कहा था, "शांति से कुछ भी नहीं खोता। युद्ध से सब कुछ खोया जा सकता है।"

संत पापा फ्राँसिस ने यूक्रेन में संघर्ष को याद करते हुए इस चेतावनी को अपना बना लिया, जो यूरोप को घायल करता है। संत पापा दुनिया के सभी युद्धों और हिंसा को भी याद करते हैं। हिंसा, विशेष रूप से यातना, जिसे हम युद्धों और यहाँ तक कि मीडिया में भी देख रहे हैं, उन्होंने हिंसा के ग्लैमरीकरण की निंदा की। उम्होंने कहा कि यह एक भयानक वास्तविकता है जिसे रोका जाना चाहिए।

मीडिया सकारात्मक भूमिका निभा सकता है

राई प्रसारण में वीडियो लिंक-अप, लोगों के सामने आने वाली चुनौतियाँ, संत पापा फ्राँसिस के साथ बातचीत और टिप्पणी करने वाले लाइव प्रशंसापत्र शामिल हैं। कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग 4 जून रविवार के प्रसारण से एक सप्ताह पहले हुई थी।

संत पापा फ्राँसिस ने खुलासा किया कि वह कभी भी इस तरह के टेलीविजन स्टूडियो में नहीं थे, उन्होंने पहले भी  अधिक टेलीविजन नहीं देखा था, क्योंकि जब वे बड़े हो रहे थे, तब कोई टेलीविजन नहीं था।

मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में उन्होंने कहा, "मीडिया लोगों को एक-दूसरे को समझने में मदद करनी चाहिए, दोस्त बनाने में मदद करनी चाहिए और उन बुराइयों से छुटकारा पाने में मदद करनी चाहिए जो लोगों के जीवन को बर्बाद कर सकती हैं।" उन्होंने कहा कि इस सकारात्मक अवधारणा का अर्थ केवल धर्म और ईश्वर के बारे में बात करना नहीं है, यह बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन मानवीय आयाम, हमारी सामान्य मानवता की हमेशा याद करना और रक्षा करना है।

जुबली, क्षमा का अवसर

चर्चा 2025 में आगामी जुबली सहित कलीसिया की महत्वपूर्ण घटनाओं पर भी केंद्रित थी, जिसे संत पापा ने एक अवसर के रूप में वर्णित किया, "हर किसी को ईश्वर के साथ, एक-दूसरे के करीब लाना,  समस्याओं को हल करना, क्षमा करना ... लोगों में सबसे खूबसूरत चीजों में से एक है क्षमा करना।"

अपने व्यक्तिगत अनुभव को याद करते हुए, उन्होंने अपनी दादी, रोसा के बारे में बात की, जिन्होंने सबसे पहले उन्हें धन्य माँ मरियम को प्यार करना सिखाया: "वह मुझसे संत जोसेफ और माता मरिया के बारे में बातें करती थीं, लेकिन हमेशा केंद्र में येसु रहते थे।" उन्होंने कहा कि माता मरियम के दर्शन देने की सत्यता को समझने में मसीह की केंद्रीयता महत्वपूर्ण है। उन्होंने गौर किया कि "माता मरिया के दर्शन सच्चे रहे हैं, वे लोगों को हमेशा येसु की ओर इशारा करती हैं अपनी ओर कभी नहीं।

कष्ट से उबरना

कार्यक्रम के दौरान कष्ट विषय पर बोलते हुए, एक गंभीर रूप से बीमार पांच वर्षीय लड़की के माता-पिता प्रसारण में स्टूडियो में शामिल हुए। 1 अप्रैल को रोम के जेमेली अस्पताल से संत पापा को छुट्टी मिलने के एक दिन पहले उनकी बेटी एंजेलिका की मृत्यु हो गई। संत पापा ने उनसे अस्पताल के सामने मुलाकात की और शोकाकुल मां को गले लगाया, यह क्षण उस समय मौजूद मीडिया द्वारा कैद किया गया था।

संत पापा ने "कोमलता" और "पीड़ा सहने" के महत्व को याद करते हुए कहा कि कई बार सिर्फ वहाँ होना या हावभाव, , सबसे अधिक मददगार होते हैं शब्द नहीं, क्योंकि "दर्द के लिए कोई शब्द नहीं हैं, केवल हाव-भाव और मौन हैं।"

माता-पिता और शिक्षकों के लिए संदेश

संत पापा ने "निकटता, करुणा और कोमलता" जैसे आयामों को याद किया, जिसे उन्होंने "ईश्वर की शैली" कहा। उन्होंने कहा कि यह बच्चों को सिखाया जाना चाहिए क्योंकि "कोई दूसरा रास्ता नहीं है: या तो हम प्यार का रास्ता चुनते हैं, कोमलता का, या हम उदासीनता का रास्ता चुनते हैं।"

संत पापा ने माता-पिता को "सीमा दिखाने के लिए शिक्षित करने" हेतु प्रोत्साहित किया क्योंकि ऐसा नहीं करने से नुकसान होता है, बच्चों को "दुलार, प्यार की जरूरत है, लेकिन प्यार में 'ना' भी है। झुंझलाहट नहीं।" उन्होंने शिक्षकों के लिए भी यही कहा,जो बच्चों को सीखने और बढ़ने में मदद करते हैं, लेकिन जीवन के लिए आवश्यक अनुशासन भी सिखाते हैं।

राई के साप्ताहिक कार्यक्रम "अ सुआ इमाजिने" नामक कार्यक्रम में संत पापा फ्राँसिस पूरी टीम के साथ
राई के साप्ताहिक कार्यक्रम "अ सुआ इमाजिने" नामक कार्यक्रम में संत पापा फ्राँसिस पूरी टीम के साथ

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05 June 2023, 15:45