देवदूत प्रार्थना में पोप : अच्छाई बोने से कभी न थकें

रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान संत पापा फ्राँसिस ने बोनेवाले के दृष्टांत पर चिंतन किया तथा ख्रीस्तीयों से आग्रह किया कि वे येसु के उदाहरणों पर चलते हुए अच्छाई के बीज बोने से कभी न थकें, चाहे यह कठिन ही क्यों न लगे।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, रविवार, 16 जुलाई 2023 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 16 जुलाई को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। जहाँ उन्होंने सुसमाचार पाठ से बीज बोनेवाले के दृष्टांत पर चिंतन किया।(मती.13:1-23)

संत पापा ने कहा, “आइये हम एक बीज की कल्पना करें : यह छोटा है, बहुत कम दिखाई पड़ता लेकिन इससे एक पेड़ बनता है जो फल लाता। उसी प्रकार ईश वचन : सुसमाचार के बारे सोचें, यह एक छोटी किताब है जिसको सभी पढ़ सकते हैं, जो उन लोगों में नवजीवन का संचार करती है जो उसे ग्रहण करते हैं।” इस तरह यदि ईश वचन बीज है, तो हम मिट्टी हैं, हम इसे ग्रहण कर सकते हैं अथवा नहीं। लेकिन येसु अच्छे बीज बोनेवाले, उदारता पूर्वक बीज बोने से कभी नहीं थकते। वे हमारी मिट्टी को जानते हैं, वे हमारी अस्थिरता के पत्थर एवं हमारी आवाजों के कांटे को समझते हैं।(21-22) जो वचन को दबा सकते हैं लेकिन वे हमेशा उम्मीद बनाये रखते हैं कि हम प्रचुर फल लायेंगे।(8)

प्रभु यही करते हैं वे अथक रूप से बीज बोते रहते हैं और हमें भी यही करना चाहिए। लेकिन किस प्रकार? आइये हम कुछ उदाहरण लें।

माता-पिता को प्रोत्साहन

माता पिता अपने बच्चों में अच्छाई एवं विश्वास के बीज बोते हैं और उन्हें निराश हुए बिना वैसा ही करना चाहिए, जबकि कभी-कभी वे नहीं समझे जाने और नहीं सुने जाने की शिकायत करते हैं अथवा दुनिया की मानसिकता उनके विपरीत होती है। अच्छा बीज तब भी बना रहता है, उसकी गिनती होती है और समय आने पर वह जड़ भी पकड़ेगा। लेकिन यदि अविश्वास को स्थान देते हुए, वे बीज बोना छोड़ दें और अपने बच्चों को फैशन और मोबाईल फोन के हवाले कर दें, उनके लिए बिलकुल समय न दें, उन्हें कुछ भी न सिखायें, तो उपजाऊ भूमि में सिर्फ खर-पतवार उग आयेंगे। 

युवाओं को निमंत्रण

युवाओं का आह्वान करते हुए संत पापा ने कहा कि वे भी हरेक दिन सुसमाचार के बीज बो सकते हैं। उदाहरण के लिए, प्रार्थना के द्वारा। यह एक छोटा बीज है जिसे हम नहीं देख सकते लेकिन इसके द्वारा हम सब कुछ को येसु को समर्पित कर देते हैं ताकि वे इसे पका दें। इसके अलावा हम अपना जीवन दूसरों को भी दे सकते हैं, जो बहुत अधिक जरूरतमंद हैं। यह व्यर्थ बर्बाद होने के समान लग सकता है लेकिन यह पवित्र समय है, जबकि उपभोक्तावाद और सुखवाद की स्पष्ट संतुष्टि व्यक्ति को खाली हाथ छोड़ देती है। अध्ययन का समय थकानदेह होता और तुरन्त संतुष्ट करनेवाला नहीं होता है लेकिन वास्तव में यह बेहतर भविष्य से निर्माण के लिए आवश्यक है।

पुरोहित, धर्मसमाजी और लोकधर्मी

एक अन्य उदाहरण, सुसमाचार के बीज बोनेवाले, कई पुरोहित, धर्मसमाजी और लोकधर्मी जो सुसमाचार के प्रचार में लगे हुए हैं जो ईश वचन को जीते और उसका प्रचार करते हैं उन्हें अक्सर तत्काल सफलता नहीं मिलती। हम यह कभी न भूलें कि जब हम ईश वचन की घोषणा करते हैं, और हमें लगता है कि कुछ नहीं हो रहा है तो वास्तव में, पवित्र आत्मा क्रियाशील होते हैं और ईश्वर का राज्य बढ़ने लगता है हमारे प्रयास से परे। अतः हम खुशी से आगे बढ़ें।

हम उन लोगों की याद करें जिन्होंने हमारे जीवन में ईश वचन का बीज बोया। हो सकता है कि यह कई वर्षों के बाद बढ़ा हो लेकिन हम उन्हें धन्यवाद दें। 

चिंतन

संत पापा ने विश्वासियों को चिंतन हेतु प्रेरित करते हुए कहा, "आइये हम अपने आप से पूछें, क्या मैं अच्छाई बोता हूँ? क्या मैं सिर्फ अपने लिए बटोरने का सोचता हूँ? अथवा क्या मैं दूसरों के लिए भी बोता हूँ? क्या मैं अपने दैनिक जीवन : अध्ययन, कार्य, खाली समय में सुसमाचार के बीज बोता हूँ? क्या मैं निराश होता या येसु के समान बीज बोना जारी रखता हूँ, तब भी जब मैं तुरन्त फल नहीं देखता? "

तब माता मरियम से प्रार्थना करते हुए संत पापा ने कहा, “माता मरियम, जिन्हें आज हम कार्मेल पर्वत की धन्य कुँवारी मरियम के रूप में सम्मान देते हैं, हमें सुसमाचार के उदार एवं प्रसन्नचित बोनेवाले बनने में सहायता दें।"

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्तना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशार्वाद दिया।

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16 July 2023, 14:26