दादा-दादी और युवा लाभदायक आदान-प्रदान में एक साथ बढ़ते हैं, संत पापा
वाटिकन समाचार
वाटिकन सिटी, सोमवार 24 जुलाई 2023 : रविवार 23 जुलाई को दादा-दादी और बुजुर्गों के तीसरे विश्व दिवस पर संत पापा फ्राँसिस ने पूरे इटली के लगभग 8,000 बुजुर्ग लोगों के लिए संत पेत्रुस महागिरजाघर में पवित्र निस्सा समारोह की अध्यक्षता की।
इस वर्ष के विश्व दिवस का विषय संत लूकस के सुसमाचार से लिया गया है, "उसकी दया युगानुयुग तक बनी रहती है।"
संत पापा ने अपने प्रवचन में, सुसमाचार पाठ में सुनाए गए तीन दृष्टांतों में से प्रत्येक पर विचार किया, जो कि "एक साथ बढ़ने" के सामान्य विषय पर केंद्रित था।
गेहूँ और खरपतवार एक साथ उग रहे हैं
संत पापा ने कहा, सुसमाचार में येसु का पहला दृष्टांत बताता है कि गेहूं और जंगली बीज एक ही खेत में एक दूसरे के बगल में उगते हैं, जो ख्रीस्तियों को जीवन के प्रति हमारे दृष्टिकोण में यथार्थवादी होने की याद दिलाता है।
उन्होंने कहा, "मानव इतिहास में, जैसा कि हममें से प्रत्येक के जीवन में, प्रकाश और छाया, प्रेम और स्वार्थ का मिश्रण है। अच्छाई और बुराई एक दूसरे से इस हद तक गुंथे हुए हैं कि अविभाज्य प्रतीत होते हैं।"
उन्होंने कहा कि ऐसा यथार्थवादी रवैया विचारधाराओं को किनारे कर देता है और हमें यह एहसास कराने में मदद करता है कि बुराई न केवल हमारे "बाहर" रहती है, बल्कि उसका सामना हमारे भीतर भी किया जाना चाहिए।
धैर्यवान ईश्वर पर भरोसा रखें
संत पापा ने आगे कहा कि ख्रीस्तियों को अच्छे गेहूं के बीच "आवेगपूर्ण और आक्रामक" रवैये के माध्यम से बुराई के खरपतवार को उखाड़ने कोशिश नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "हम अक्सर एक 'शुद्ध समाज', एक 'शुद्ध कलीसिया’ बनाने की चाहत का प्रलोभन देखते हैं," जबकि इस पवित्रता तक पहुंचने के लिए काम करते समय, हम उन लोगों के प्रति अधीर, अकर्मण्य और यहां तक कि हिंसक हो जाते हैं जो गलती में पड़ गए हैं।
संत पापा ने कहा, बुराई के सामने सही रवैया धैर्य है, जो हमें दूसरों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने की ओर प्रेरित करता है और यह जागरूकता कि "बुराई पर जीत अनिवार्य रूप से ईश्वर का काम है।"
जीवन के रहस्य को स्वीकार करना
फिर उन्होंने याद किया कि बुजुर्ग अक्सर पुरानी यादों और पिछली गलतियों को सुधारने की इच्छा के साथ अपने जीवन को याद करते हैं। फिर भी, येसु दादा-दादी और बुजुर्गों को आमंत्रित करते हैं कि वे "शांति और धैर्य के साथ जीवन के रहस्य को स्वीकार करें। निर्णय प्रभु पर छोड़ दें और ग्लानि एवं पश्चात्ताप वाला जीवन न जिएं।"
संत पापा ने कहा, "वास्तव में बुढ़ापा एक कृपा समय है, क्योंकि यह मेल-मिलाप करने का मौसम है, उस प्रकाश को कोमलता से देखने का समय है जो छाया के बावजूद चमक रहा है, इस आशा में विश्वास है कि ईश्वर द्वारा बोया गया अच्छा गेहूं उन जंगली पौधों पर हावी हो जाएगा जिनके साथ शैतान हमारे दिलों को परेशान करना चाहता है।"
भ्रातृ समाज के लिए सार्थक आदान-प्रदान
इसके बाद संत पापा फ्राँसिस दूसरे दृष्टांत पर गौर किया, जो बताता है कि मानव इतिहास में स्वर्ग का राज्य एक छोटे राई के दाने की तरह बढ़ता है।
उन्होंने कहा, बड़ा होना और बूढ़ा होना, राई के एक बड़े पेड़ के रूप में विकसित होने जैसा है, जहां दूसरों को छाया और आराम मिल सके। उन्होंने आगे कहा, दादा-दादी बच्चों और पोते-पोतियों को घर का सौहार्द सीखने, देखभाल और कोमलता का अनुभव करने के लिए एक जगह प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा, "इस उपयोगी आदान-प्रदान में हम जीवन की सुंदरता सीख सकते हैं, एक भ्रातृ समाज का निर्माण कर सकते हैं और कलीसिया में एक-दूसरे का सामना करने और परंपरा और आत्मा की नवीनता के बीच संवाद करने में सक्षम हो सकते हैं।"
विश्वास सौंपना
तीसरा दृष्टांत, जो आटा फूलने के लिए खमीर और आटे को मिलाने की बात करता है, संत पापा फ्राँसिस ने अंतर-पीढ़ीगत आदान-प्रदान के निमंत्रण के रूप में "मिश्रण करने" क्रिया पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार व्यक्तिवाद और स्वार्थ पर काबू पाया जा सकता है, ताकि बुजुर्ग लोगों को उनके अकेलेपन में हाशिए पर न रखा जाए या त्याग न दिया जाए।
अंत में, संत पापा ने युवा लोगों और बुजुर्गों से अपने उपहार साझा करने और एक साथ बढ़ने, एक-दूसरे को सुनने, एक साथ बात करने और एक-दूसरे का समर्थन करने का आग्रह किया।
मिस्सा के अंत में, दादा-दादी के एक समूह ने संत पापा के शब्दों का उदाहरण पेश किया। उन्होंने प्रतीक रूप 5 महादेश के 5 युवाओं को विश्व युवा दिवस क्रूस सौंपा, जो 1-6 अगस्त को लिस्बन, पुर्तगाल में विश्व युवा दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे।
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