सेल्ता फुटबॉल क्लब से पोप : खेल त्याग और टीम वर्क सिखाता है
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 11 जुलाई 2023 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को वाटिकन में, शतवर्षीय जयन्ती मना रहे स्पानी फुटबॉल रॉयल क्लब सेल्टा डी विगो के खिलाड़ियों और प्रबंधकों का स्वागत किया। क्लब, जिसे 'रियल सेल्टा' के नाम से भी जाना जाता है, की स्थापना 1923 में गैलिसिया के बास्क शहर विगो में हुई थी।
अपने संबोधन में पोप फ्राँसिस ने खेल पर प्रकाश डालते हुए इसकी तुलना जीवन और इसके सही अर्थ से की जो मूल्यों की पुनः खोज करने एवं उसे बढ़ावा देने का अवसर है, जैसे कि उदार होना, टीम में काम करना, दूसरों को मित्र के रूप में स्वीकार करना, अधिक एकजुट एवं भाईचारापूर्ण विश्व को बढ़ावा देना।
हम सभी एक है
इस बात पर गौर करते हुए कि कम्पनी नीला रंग धारण करती है जो माता मरियम का रंग है और साथ ही अपने देश अर्जेंटीना के फुटबॉल क्लब का रंग भी नीला है संत पापा फ्राँसिस ने अपने विचार की शुरुआत यह कहते हुए की कि यह लगभग वैसे ही है जैसे कुँवारी मरियम "अटलांटिक के दो तटों को अपने लिए रखना चाहती थी, जिसने हमें अलग करने से ज्यादा एकजुट किया है, ताकि हम उन्हें कभी न भूलें।"
संत पापा ने यह भी याद किया कि सेल्ता के वर्तमान अध्यक्ष कार्लोस मौरिनो अतारेस जिनका जन्म विगो में हुआ था, अपने परिवार को ऊपर उठाने के लिए एक युवा के रूप में उन्हें अटलांटिक पार कर दक्षिणी अमेरिका जाना पड़ा था, वहाँ जाने के लिए उन्हें अपने परिवार को छोड़ना पड़ा था जो स्पेन में उनका इंतजार कर रहा था।
संत पापा ने कहा, “एक तरह से, हम कह सकते हैं कि मानव का हृदय उन छोटे टुकड़ों से बना है जो रहते या छोड़ते हुए गहरी याद दिलाती है कि हम सभी जुड़े हुए हैं; कि हम सभी अस्तित्व के तूफानी समुद्र में तीर्थयात्री हैं।”
आत्म बलिदान और टीमवर्क
पोप फ्राँसिस ने टीम के प्रतीक चिन्ह की एक और विशेषता पर भी विचार किया: संत जेम्स का क्रूस (तलवार जैसा दिखनेवाला एक क्रूस, जो कुमुदनी के फूल के आकार में है), ऊपर की ओर उठता विजय के बैनर का "वह क्रूस भी आपकी गैलिशियन मातृभूमि की याद दिलाता है," "इसे यूरोप और पूरे ख्रीस्तीय धर्म के साथ एकजुट करता है, जो शुरू से ही प्रथम प्रेरित जिसने मसीह के लिए अपना खून बहाया, उनके पदचिन्हों पर चलता रहा है।"
संत पापा ने कहा कि संत जेम्स के क्रूस की तरह स्टेडिम और जीवन दोनों में, आपके हथियार के छोटे भाव हैं जिनपर हम कभी कभी ध्यान नहीं देते, जीत मानवता से शुरू होती है, अपनी शक्ति पर भरोसा किये बिना, एक साथ काम करते हुए, इस बात को समझते हुए कि जीत सबकी है। यह व्यक्ति को उदार बनाता है जो दूसरों के लिए त्याग किस तरह की जाए उसे जानने में कोई कसर नहीं छोड़ता है।
संत पापा ने कहा, “दल में कार्य महत्वपूर्ण है : यदि आप खेल जगत में दल के रूप में काम नहीं करते हैं, तो सभी को हार मिलती है।
"उसी तरह", संत पापा ने आगे कहा, "यह स्वीकार करना है कि अन्य टीमों के साथ खुद की तुलना करने से सुधार, सीखने, खुद को परखने और हमारे खेल का मूल्यांकन करने में मदद मिलती है।"
इस अर्थ में, उन्होंने जोर देकर कहा, "दूसरा व्यक्ति, प्रतिद्वंद्वी से अधिक, सम्मान के योग्य है।"
खेल और जीवन
पोप फ्राँसिस ने कहा, "अगर हमारा खेल और हमारा जीवन एक-दूसरे के अनुरूप हैं, तो हम यह उदाहरण पेश करेंगे और उन रंगों के प्रति जुनून नहीं, बल्कि वे जो प्रतिनिधित्व करते हैं, उनके प्रति प्यार व्यक्त करने में सक्षम होंगे।"
“ये सफेद और नीले झंडे और प्रेरित (संत जेम्स) का यह मार्ग हमें महासागरों को पार करने और महाद्वीपों को एकजुट करने में सक्षम बनाता है, जबकि न्याय के मुकुट की प्रतीक्षा करते हुए, जो प्रभु, निष्पक्ष न्यायाधीश, उन सभी को प्रदान करेगा जो उस पर आशा रखते हैं। ”
खेल के शौकिया आयाम को कभी न खोएँ
अंत में, पोप फ्राँसिस ने खेल के शौकिया आयाम (शौक से खेलना) को सुरक्षित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि "जब खेल इस शौकिया आयाम को खो देता है", तो यह "जुनून से रहित, सड़न रोकनेवाले व्यवसाय" में बदल जाता है।
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