57वें विश्व शांति दिवस की विषयवस्तु 'कृत्रिम बुद्धिमत्ता और शांति' संदेश
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 8 अगस्त 2023 (रेई) : समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय विभाग ने संत पापा फ्राँसिस के शांति संदेश को 8 अगस्त को प्रकाशित किया जिसमें कहा गया है कि "विघटनकारी क्षमता और द्विपक्षीय प्रभावों से संपन्न" इन नई प्रौद्योगिकियों के अर्थ पर एक खुली बातचीत की आवश्यकता है, क्योंकि इसका उपयोग आमघर की रक्षा करना है न कि असमानताओं को बढ़ावा देना।
ए आई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) में विकास का "मानव गतिविधि, व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन, राजनीति और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है" और इसी कारण समग्र मानव विकास के लिए गठित विभाग ने 1 जनवरी 2024 को अगले विश्व दिवस विश्व शांति दिवस के लिए पोप फ्राँसिस के संदेश की विषयवस्तु "कृत्रिम बुद्धिमत्ता और शांति" रखी है।
खुली वार्ता
विभाग ने बयान में कहा है कि संत पापा काम करते समय "सतर्क" रहने के महत्व पर जोर दे रहे हैं "ताकि हिंसा और भेदभाव का तर्क सबसे नाजुक और बहिष्कृत लोगों की कीमत पर, ऐसे उपकरणों के उत्पादन और उपयोग में जड़ें न जमा ले," "जो अन्याय और असमानताएँ संघर्षों और विरोधों को बढ़ावा देती हैं।"
मानवता की सेवा में
संदेश "कृत्रिम बुद्धिमत्ता की अवधारणा और उपयोग को जिम्मेदार तरीके से उन्मुख करने की आवश्यकता" पर भी जोर देता है, जिसका लक्ष्य "मानवता की सेवा और हमारे सामान्य घर की सुरक्षा हो।" जो "उस नैतिक प्रतिबिंब" को "शिक्षा और कानून" के क्षेत्रों तक विस्तारित किए बिना संभव नहीं होगा।
बयान में यह कहते हुए निष्कर्ष निकाला गया कि कैसे "व्यक्ति की गरिमा की सुरक्षा, और पूरे मानव परिवार के लिए प्रभावी रूप से खुली बिरादरी की चिंता," दुनिया में न्याय और शांति को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए तकनीकी विकास हेतु अपरिहार्य परिस्थितियों का प्रतिनिधित्व करती है।”
विश्व शांति दिवस
हर साल कलीसिया 1 जनवरी को, ईश्वर की माता मरियम की स्मृति में, विश्व शांति दिवस मनाती है। इसकी स्थापना 1967 में पोप पॉल छटवें ने की थी, जिसमें संत पापा के संदेशों की एक लंबी परंपरा स्थापित की गई थी, जिसमें सभी लोगों को शांति निर्माण के काम के संबंध में महत्वपूर्ण विषयों पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।
पिछले साल 56वें विश्व शांति दिवस के लिए पोप के संदेश का शीर्षक था "किसी को भी अकेले नहीं बचाया जा सकता है।" एक साथ मिलकर कोविड-19 का मुकाबला करें, शांति के रास्ते पर एक साथ चलें।”
संदेश में, पोप फ्रांसिस ने वैश्विक समुदाय को "आम संसाधन के संदर्भ में सोचने के लिए आमंत्रित किया था, यह पहचानने के लिए कि हम एक बड़े समुदाय से हैं, और हमारे मन और हृदय को सार्वभौमिक मानव बंधुत्व के लिए खोलना है, "उस संसाधन के लिए जो वास्तव में सभी के लिए है" उसे आगे बढ़ाने हेतु एक साझा और गंभीर प्रतिबद्धता की आशा करना।”
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