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15 अगस्त को लूर्द की माता मरियम से प्रार्थना करते तीर्थयात्री 15 अगस्त को लूर्द की माता मरियम से प्रार्थना करते तीर्थयात्री  (ANSA)

पोप ने लूर्द में 150वें राष्ट्रीय स्वर्गोदग्रहण तीर्थयात्रा को आशीष दी

पोप फ्राँसिस ने फ्रांस और दुनिया भर से लगभग 20,000 विश्वासियों को अपनी शुभकामनाएँ दीं, जो 15 अगस्त 2023 को धन्य कुँवारी मरियम के स्वर्गोदग्रहण के महापर्व के अवसर पर लूर्द की 150वीं तीर्थयात्रा के लिए एकत्रित हुए थे।

वाटिकन न्यूज पत्रकार

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 17 अगस्त 23 (रेई) : पोप फ्राँसिस ने फ्रांस और दुनिया भर से लगभग 20,000 विश्वासियों को अपनी शुभकामनाएँ दीं, जो 15 अगस्त 2023 को धन्य कुँवारी मरियम के स्वर्गोदग्रहण के महापर्व के अवसर पर लूर्द की 150वीं तीर्थयात्रा के लिए एकत्रित हुए थे।

संत पापा ने कहा, “आइये, हम दृढ़ता से धन्य माता की ओर मुड़ें, क्योंकि वे ही हमारी माता हैं और हम उनके बच्चे।”

संत पापा ने यह आह्वान करीब 20,000 विश्वासियों से किया जो फ्राँस एवं दुनिया भर से लूर्द के तीर्थस्थल पर कुँवारी मरियम के स्वर्गोदग्रहण महापर्व को मनाने के लिए जमा हुए थे। उन्होंने यह भी याद किया कि 15 अगस्त 2023 को राष्ट्रीय तीर्थस्थल का 150वाँ वर्षगाँठ मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “मैं, विशेष रूप से 15 अगस्त के इस पर्व दिवस में, हमारी प्यारी माँ के प्रति आपकी प्रार्थना और कृतज्ञता की उत्कट प्रार्थना में शामिल होता हूँ।"

पोप ने विश्वासियों को प्रार्थना और भक्ति की इस लंबी परंपरा को बनाए रखते देखकर प्रसन्नता व्यक्त की, और कहा कि लूर्द और फ्रांस के महागिरजाघर एवं पल्लियों में कई विश्वासी, "बड़े पुत्रवत विश्वास, एक दृढ़विश्वास के साथ हमारी माता से प्रार्थना कर रहे हैं, जो कभी निराश नहीं करतीं।"

भक्ति के माध्यम से माता मरियम के प्रति कोमलता की पुनः खोज

संत पापा ने उन पुरोहितों को सम्बोधित कर "उस प्यार और कोमलता को लगातार पोषित करने और मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसको विश्वासी अपनी प्रिय संरक्षिका के प्रति महसूस करते हैं, विशेषकर भक्ति के लोकप्रिय कृत्यों को करने या उसकी पुनः खोजने के माध्यम से।"

उन्होंने उदाहरण के लिए "15 अगस्त के सुंदर जुलूसों की सराहना की, जो देश में लगभग चार सौ वर्षों से चली आ रही परंपरा है।"

"पहले से कहीं अधिक, दुनिया, और विशेष रूप से फ्रांस, जिसे पूरी तरह से उसके प्रति समर्पित किया गया है - एक ऐसा समर्पण जिसे समाप्त नहीं किया जा सकता है - वर्तमान समय की कठिनाइयों, चिंताओं और चुनौतियों का सामना करने के लिए उसे कुँवारी मरियम की सुरक्षा की आवश्यकता है।"

हथियारों के बीच बहुप्रतीक्षित शांति के लिए मरियम की ओर रुख

उन्होंने कहा, "आइए हम दृढ़ता से उसकी ओर मुड़ें, क्योंकि वे हमारी माँ है और हम उसके बच्चे हैं!"

पोप ने प्रार्थना की कि शांति की रानी मरियम अपने बेटे के से गुजारिश करें ताकि "जहां भी हथियारों का शोर सुनाई दे, वहाँ बहुप्रतीक्षित शांति स्थापित हो सके।"

उन्होंने उनसे हर किसी के दिलों में भाईचारे के प्यार की सच्ची भावनाओं को जगाने का आह्वान किया, ताकि समाज में दूसरों के प्रति सम्मान, उनकी गरिमा और अधिकारों की रक्षा के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से विकास हो सके और कोई भी रास्ते से भटक न जाए।

परिवारों की विशेष तरीके से रक्षा करना

पोप ने प्रार्थना की कि येसु की माँ "विशेषकर" परिवारों की रक्षा करें। उन्होंने खासकर "ऐसे माता-पिता की याद की जो प्रतिदिन जिम्मेदारी का भारी बोझ उठाते हैं," और युवाओं को भी नहीं भूला जो "संभावनाओं में बहुत समृद्ध हैं, लेकिन अक्सर अपने भविष्य के बारे में चिंतित रहते हैं, या दुर्भाग्य से, कई बाधाओं से परेशान हैं।"

इसके बाद पोप ने बुजुर्गों की ओर रुख किया, जो "अपने अनुभव और ज्ञान से समृद्ध" हैं, जिन्हें "अक्सर त्याग दिया जाता है और उपेक्षित कर दिया जाता है।"

इस संदर्भ में, पोप फ्रांसिस ने प्रार्थना की कि कुँवारी मरियम उन सभी को सांत्वना दे जो पीड़ित हैं, बीमार हैं, अकेले हैं, हाशिये पर हैं या निर्वासित हैं।

अटूट आशा, विश्वास का साक्ष्य

पोप ने लूर्द में उपस्थित सभी बीमार और विकलांग लोगों के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त किया, जो  बड़ी संख्या में माता मरियम से सांत्वना पाने के लिए लूर्द की यात्रा करते हैं।

उन्होंने कहा कि वे, अपने साथ आए लोगों से मिलकर, "दुनिया को विश्वास और उदारता का एक स्पष्ट साक्ष्य देते हैं।"

पोप फ्रांसिस ने तीर्थयात्रियों से आग्रह किया कि उनका विश्वास "अटूट आशा" पैदा करे, जिस पर उन्हें अपने जीवन और समाज का निर्माण करना चाहिए, और लूर्द में एकत्र हुए सभी लोगों को "बड़ी प्रसंन्नता के साथ" अपना आशीर्वाद प्रदान किया।

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17 August 2023, 17:28