संत पापाः कार्य प्रेम की ठोस अभिव्यक्ति
वाटिकन सिटी
संत पापा फ्रांसिस ने पुर्तगाल की अपनी प्रेरितिक यात्रा के तीसरे दिन लिस्बन में कल्याणकारी कार्य संगठन, “सेराफिना का पैरोक्वियल सेंटर” के प्रतिनधियों से मुलाकात की।
संत पापा फ्रांसिस ने सहायता और सेवा कार्य केन्द्र के प्रतिनिधियों के प्रति अपनी कृतज्ञता के भाव प्रकट करते हुए कहा कि विश्व युवा दिवस के अवसर पर एक साथ आना और कुंवारी मरियम को अति शीघ्रता से सहायता के कार्य हेतु निकलने पर चिंतन करना, कितना अच्छा है। वास्तव में, सेवा और करूणा के कार्य ख्रीस्तीय यात्रा की शुरूआत और लक्ष्य है, यह हमें प्रेमपूर्ण कार्य को प्रत्यक्ष उदाहरण प्रस्तुत करता है।
संत पापा ने तीन मुख्य बिन्दुओं एक साथ मिलकर भलाई करना, ठोस कार्य और अति संवेदनशीलों के निकट रहने पर प्रकाश डाला।
मिलकर कार्य करना
मिलकर भलाई करने के बारे में संत पापा ने कहा कि यहाँ हम “मिलकर” को मुख्य शब्द स्वरूप पाते हैं और हम इसे अपने में बहुत बार दुहराते हैं- युवा और बुजुर्गों, स्वस्थ्य और बीमारों के संग एक साथ रहना, उनकी सहायता करना और उन्हें प्रेम करना। जोआव द्वारा दिये गये साक्ष्य पर बल देते हुए संत पापा ने कहा, “हम अपने को बीमारी से परिभाषित न करें क्योंकि हम में से कोई भी अपने में बीमार या समस्या नहीं हैं, अपनी कमजोरियों और तुष्टियों के बावजूद हम ईश्वर और मानव समुदाय के लिए एक अनमोल और पवित्र उपहार हैं।” अतः हम एक साथ मिलकर एक दूसरे को चाहे हम जैसे भी हैं समृद्ध बनायें।
कलीसिया एक जलस्रोत
ठोस कार्य के संबंध में संत पापा ने कहा कि यह भी हमारे लिए महत्वपूर्ण है जैसे कि फादर फ्राँचेस्कों ने हमें संत जोन 13वें की बातों का उदाहरण देते हुए कहा कि कलीसिया पुरातन का एक संग्रहालय नहीं है, कुछ लोग ऐसा सोचते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। यह गाँव का एक पुराना कुआँ के समान है जो पीढ़ियों और भविष्यों के लिए जल स्रोत की भांति है। जलस्रोत लोगों की प्यास बुझाने में मदद करता है, उनकी जो यात्रा करते हुए थंके-मांदे आते हैं। अतः ठोस रूप में कार्य करने का अर्थ “वर्तमान” समय में ध्यान देना, जैसे कि आप अपने कार्यों को अधिक सावधानी और व्यवहारिक अर्थ में करते आ रहे हैं जो पुर्तगाली लोगों के विशेष गुण हैं।
प्रेम की अभिव्यक्ति कार्य
इसके उपरांत संत पापा ने ठोस कार्य की चर्चा करते हुए कहा कि प्रेम अपने में अमूर्त नहीं होता है बल्कि यह ठोस रुप में व्यक्त होता है। क्या मैं सभों के लिए प्रेम का अनुभव करता हूँ, दूसरों के लिए मेरी सोच ठोस या अमूर्त है। उन्होंने दूसरों के संबंध में हमारी मनोभावनाओं को देखने का आहृवान किया। क्या गरीबी से हमें घृणा होती हैॽ अपने लिए एक परिशुद्ध जीवन की आशा करना संभव नहीं है क्योंकि यह जीवन की सच्चाई नहीं है। सच्चाई से रूबरू होते हुए हमें दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनने की जरुरत है। संत पापा ने कहा कि सच्चाई को ध्यान में रखे बिना हम विश्व युवा दिवस के बारे में सोच नहीं सकते हैं। “जीवन की हकीकतों का स्पर्श करते हुए आप अपने हाथों को गंदा करें और दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनें।” संत पापा ने इस भांति कल्याणकारी कार्यों के प्रतिनिधियों को अपने दैनिक जीवन के कार्यों निरंतर आगे बढ़ाने का प्रेरणा प्रदान की।
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