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उलनबाटोर के सुकबाटोर की प्रतिमा उलनबाटोर के सुकबाटोर की प्रतिमा 

मंगोलिया में पोप : काथलिक झुण्ड को गले लगाने हेतु मैदान के पार एक यात्रा

वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक ने मंगोलिया में पोप फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा को प्रस्तुत किया है। जहाँ वे पहले पोप होंगे जो इस एशियाई देश की यात्रा करेंगे।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बुधवार, 30 अगस्त 2023 (रेई) : मंगलवार को जारी एक प्रेस सम्मेलन में वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक मात्तेओ ब्रूनी ने मंगोलिया में पोप फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा की रूपरेखा प्रस्तुत की। पोप 31 अगस्त से 4 सितम्बर तक मंगोलिया की यात्रा करेंगे। यह इटली के बाहर उनकी 43वीं प्रेरितिक यात्रा होगी जिसमें वे 61वें देश का दौर करेंगे।

यूक्रेन में जारी युद्ध के एक ऐतिहासिक क्षण में मंगोलिया का स्थान भू-राजनीतिक रूप से प्रतीकात्मक है। इसका जिक्र संत पापा फ्राँसिस अपनी तीन दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के दौरान अपने पाँच भाषणों में से किसी एक में कर सकते हैं। इस दौरान वे देश के विभिन्न संस्थागत और सामाजिक दलों से मुलाकात करेंगे।

हालांकि, उनकी प्रेरितिक यात्रा का केंद्रबिन्दु छोटी काथलिक कलीसिया से मिलना होगा, जिसमें विश्वासियों की संख्या सिर्फ 1,500 है। ब्रूनी ने कहा, “पोप मुख्य रूप से उन्हें सम्बोधित करने के लिए मंगोलिया जा रहे हैं। वे इस सुन्दर समुदाय को प्रोत्साहन और आशा के शब्द प्रदान करेंगे, जो मानव जीवन के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते हैं।”

मंगोलिया में कलीसिया की स्थापना चौथी शताब्दी की शुरुआत में हुई जब वहाँ प्रथम धर्माध्यक्ष की नियुक्त हुई थी और जब मंगोल साम्राज्य में चीन का हिस्सा भी शामिल था। बाद में उस क्षेत्र में ईसाइयों की उपस्थिति कम होने लगी जो कम्युनिस्ट तानाशाही शासन के दौरान पूरी तरह गायब नहीं हो गई।

1992 में कलीसिया की पुनः स्थापना हुई और यह पिछले तीस वर्षों में 'उपस्थिति बनाए रखने के लिए आमंत्रित', मिशनरियों के महान कार्यों से पुनः सशक्त हुई है। सबसे महत्वपूर्ण धर्मसमाज मिशनरीज ऑफ द कंसोलटा है जिसने मंगोलिया के पहले और एकमात्र कार्डिनल  जोर्जो मारेंगो को दिया है, जो इस समय उलनबाटोर के प्रेरितिक अध्यक्ष हैं जिन्हें पिछले साल की कंसिस्टरी में लाल टोपी मिली है।

काथलिक कलीसिया एवं अन्य धर्म

3 सितम्बर को संत पापा फ्राँसिस की स्टेडियम (स्टेपी एरिना) में ख्रीस्तयाग उनकी यात्रा का केंद्रबिन्दु होगा, विशेषकर, कलीसिया के इतिहास की पृष्टभूमि पर और छोटी कलीसिया की समाज के क्षेत्र में सक्रिय सहभागिता के मद्देनजर। हाल के महीनों में ख्रीस्तीयों के काम पर परमधर्मपीठ और मंगोलिया के बीच एक समझौते का अध्ययन किया जा रहा है।

मंगोलिया में रहनेवाले 1,500 विश्वासियों में से 90% राजधानी में रहते हैं, जिनके साथ रूस, चीन, थाईलैंड, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, अजरबैजान और वियतनाम सहित विभिन्न पड़ोसी देशों के लगभग एक हजार विश्वासी भी शामिल होंगे।

रविवार को संत पापा ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता एवं अंतरधार्मिक वार्ता के कार्यक्रमों में भाग लेंगे जिसमें शमनवाद, शिंटोवाद, बौद्ध धर्म, इस्लाम धर्म, यहूदी धर्म, हिंदू धर्म और अन्य संप्रदायों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। मात्तेओ ब्रूनी ने कहा, ये कार्यक्रम शांति पूर्ण सहअस्तित्व के लिए बुलाहट के चिन्ह प्रकट करेंगे जो दशकों से मंगोलिया की विशेषता रही है। सरकारी अधिकारी और विश्व विद्यालय के प्रतिनिधि पर सभा में उपस्थित होंगे।

ब्रूनी ने तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रतिनिधियों के साथ बैठक को लेकर चीन के साथ संभावित तनाव के बारे में भी सवालों के जवाब दिए, जिसमें बुद्ध के दसवें अवतार माने जानेवाले एक बच्चे के साथ मुलाकात, साथ ही पावन ख्रीस्तयाग के बाद रूसी और चीनी ख्रीस्तीयों के साथ एक निजी मुलाकात की संभावना भी शामिल है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत मुलाकात की कोई योजना फिलहाल नहीं बनी है और बताया कि खीस्तीय एकता और अंतरधार्मिक कार्यक्रम में, बौद्ध धर्म समेत सभी धर्मों के दल शामिल होंगे। देश में बौद्धों की बहुलता है जो शांति के लिए बहुत अधिक प्रतिबद्ध होते हैं।

पड़ोसी देश चीन के संभावित संदर्भ के लिए, प्रेस कार्यालय के निदेशक ने रविवार, 27 अगस्त को अंतिम देवदूत प्रार्थना में पोप के शब्दों को याद किया। उन्होंने कहा, "पोप रविवार को बहुत स्पष्ट थे: वे मंगोलिया जा रहे हैं, वे इस मुलाकात की बड़ी इच्छा रखते हैं और खुशी एवं बड़े सम्मान के साथ आगे देख रहे है। उन्हें लोगों से मिलने की बड़ी अभिलाषा है। मैं और कुछ नहीं जोड़ूँगा। यात्रा मंगोलिया की है।"

 

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30 August 2023, 16:13