सोशल मीडिया के जाल से सावधान रहें युवा काथलिक
वाटिकन सिटी
लिस्बन, शुक्रवार, 4 अगस्त 2023 (रेई, रॉयटर्स): लिस्बन में 37 वें विश्व युवा दिवस के लिये एकत्र लाखों युवा काथलिकों से गुरुवार को सन्त पापा फ्रांसिस ने आग्रह किया कि वे सोशल मीडिया में छिपी झूठी खुशियों से सावधान रहें।
पुर्तगाल में अब तक देखे गये सर्वाधिक विशाल जनसमूह ने गुरुवार को लिस्बन के एडवर्ड सातवें पार्क की ओर जाती सन्त पापा फ्राँसिस की श्वेत पापामोबिल गाड़ी को घेर रखा तथा उनके इर्द-गिर्द एकत्र होकर जयनारों एवं करतल ध्वनि से अपने बीच उनका हार्दिक स्वागत किया।
तमाम विश्व से सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष सन्त पापा फ्राँसिस पुर्तगाल की अपनी पाँच दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के दूसरे चरण में पहुँच चुके हैं। इटली से बाहर सन्त पापा फ्राँसिस की यह 42 वीं प्रेरितिक यात्रा है। गुरुवार की शाम सन्त पापा फ्राँसिस के साथ विश्व युवा दिवस का पहला खास कार्यक्रम था, जिसका शुभारम्भ मंगलवार को हुआ तथा सन्त पापा द्वारा ख्रीस्तयाग अर्पण से रविवार को समाप्त होगा।
आभासी दुनिया से सावधान रहें
पुलिस के अनुसार सन्त पापा के दर्शन को विश्व के कोने-कोने से एकत्र युवाओं की संख्या लगभग पांच लाख थी। बताया जा रहा है कि 2016 में पुर्तगाल द्वारा यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप जीतने के जश्न के बाद से लिस्बन में यह सबसे बड़ी भीड़ थी।
उत्तरी शहर बार्सिलोस की 20 वर्षीय मारियाना मोरेरा ने कहा, "हम खुश हैं। यह अविश्वसनीय बात है क्योंकि पुर्तगाल इतना छोटा देश है कि ऐसा लगता है कि कोई भी इसके बारे में नहीं जानता है, इसलिए यह जानना अच्छा है कि हम इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की मेज़बानी कर रहे हैं।"
गीत गाते और नाचते युवाओं की भीड़ से उत्साहित प्रतीत होते सन्त पापा फ्रांसिस ने उन्हें "आभासी दुनिया के भ्रम" से सावधान रहने की चेतावनी दी, जहां एल्गोरिदम बाज़ार अनुसंधान के लिए उनके नामों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन किसी व्यक्ति की विशिष्टता तथा उसकी अद्वितीयता को कभी नहीं समझ पाते हैं।
उन्होंने कहा, "ऐसी कई वास्तविकताएं हैं जो हमें आकर्षित करती हैं और खुशी का वादा करती हैं किन्तु बाद में वही दिखाई देती हैं जो वे वास्तव में हैं: व्यर्थ, अनावश्यक, नकली और कृत्रिम वस्तुएँ जो हमें अंदर से खोखला छोड़ देती हैं।"
गूगल से परे
सन्त पापा फ्रांसिस ने कहा कि प्रभु ईश्वर "कोई खोज इंजन नहीं" हैं, और उन्होंने कभी सरल और सीधे उत्तर नहीं दिए, बल्कि मनुष्यों के अन्तर में ऐसी प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कर देते हैं जो एक स्वस्थ बेचैनी पैदा करती हैं और लोगों को सच्चाई की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
अपने परमाध्यक्षीय काल के आरम्भिक बिन्दु से ही सन्त पापा फ्राँसिस काथलिक कलीसिया में सुधारों को लाने का प्रयास करते रहे हैं। उन्होंने महिलाओं की भूमिका को सशक्त बनाने तथा निर्धनों और हाशिये पर जीवन यापन करनेवालों की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित कराते हुए किसी को भी पीछे न छोड़ने की संस्कृति को प्रोत्साहन दिया है। गुरुवार को युवा जनसमूह से सन्त पापा ने कहाः "कलीसिया में सभी के लिए जगह है, उन लोगों के लिए भी जो ग़लतियाँ करते हैं, जो गिरते हैं या संघर्ष करते हैं।" युवाओं को "तोदोस, तोदोस, तोदोस!" यानि हर कोई, हर कोई, हर कोई! के नारे के साथ आमंत्रित कर उन्होंने सबके आलिंगन का अनुरोध किया।
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