कार्डिनल मरेंगो : पोप की यात्रा ने मंगोलिया में सद्भाव के बीज बोये
वाटिकन न्यूज
मंगोलिया, मंगलवार, 5 सितंबर 2023 (रेई) : मंगोलिया में पोप फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा के अंतिम दिन उलानबातर के प्रेरितिक अध्यक्ष कार्डिनल जोर्जो मारेंगो ने "एशिया के मध्य स्थित" देश में पोप की यात्रा से व्याप्त खुशी की महान भावना पर प्रकाश डाला।
वाटिकन न्यूज की पत्रकार लिंडा बोरदोनी से, धर्माध्यक्षीय आवास में पोप फ्राँसिस के मंगोलिया से प्रस्थान करने से कुछ ही देर बाद बात करते हुए कार्डिनल मरेंगो ने कहा कि प्रेरितिक यात्रा ने पोप और मंगोलिया के लोगों के बीच, मित्रता के नये संबंधों को जोड़ने के लिए "नाटकीय रूप से योगदान दिया है," विशेषकर, छोटा ख्रीस्तीय समुदाय, साथ ही पूरे देश को।
सवाल : कार्डिनल मरेंगो, यह पोप की मंगोलिया यात्रा का अंतिम दिन है, क्या आप संक्षेप में यात्रा का सार, आपके अनुभव, आपके विचार और विरासत जिसको वे छोड़ के जा रहे हैं, साझा करना चाहेंगे?
कार्डिनल मरेंगो : यह एक महान कृपा रही, जिसको हम सभी ने इन दिनों पाया है। एक भावना जो रह जाती है, यद्यपि हमें चिंतन करना है और इन दिनों हमने जो अनुभव किया है उसपर वापस जाना है, वह है आनन्द की भावना, सुसमाचार का आनन्द, एवंजेली गौदियुम, जिसको हमने संत पापा के शब्दों में, हमारे छोटे समुदाय के प्रति उनके सामीप्य के भाव में और पूरे मंगोलिया में महसूस किया है।
और मैं कह सकता हूँ कि यहाँ उनकी उपस्थिति ने उनके तथा उनके पूर्वाधिकारी संत पेत्रुस और इस महान देश के बीच मित्रता के एक नये संबंध को जोड़ने में बड़ा योगदान दिया है। निश्चय ही काथलिक समुदाय को सामने है लेकिन पूरे देश और बाकी जनता को भी।
सवाल : ऐसा लगता है कि लोग उनके (पोप) साथ बहुत खुश थे पूरी यात्रा में ...
उत्तर : जी हाँ। यह एक ऐसी चीज थी जो हर घंटे बढ़ रही थी। जब उलानबातर की सड़कों से पोप पार हो रहे थे, लोगों को हाथ हिलाते देख मुझे एक विचार आया कि उन्होंने सचमुच शांति, आनन्द और मित्रता का संदेश लाया, जैसा कि उन्होंने विगत दिनों बार-बार अपने संदेश में कहा है।
सवाल : यह एक अंतरधार्मिक वार्ता एवं शांति का देश है, इसलिए मैं सोचती हूँ कि उनके संदेश को खास रूप से स्वीकार किया गया। आप क्या उम्मीद करते हैं कि इसमें बोया गया?
कार्डिनल मरेंगो : मैं सोचता हूँ कि संत पापा की उपस्थिति ने उन्हें निश्चय ही सौहार्द का बीज दिया है, जैसा कि उन्होंने विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों को याद दिलाने के रूप में बतलाया; सहयोग के मूल्य, एक ऐसे समाज का निर्माण करना जहाँ धार्मिक मूल्यों पर विशेष ध्यान दिया जाता हो और धन की खोज में दौड़ने की अपेक्षा मानवीय, नैतिक और आध्यात्मिक मूल्य को संतुलित किया जाता है।
मैं सोचता हूँ कि दिनों और घंटों के साथ इसमें भी वृद्धि हुई और मुझे लगता है कि यह एक बीज है, जिसे रखा जाना चाहिए और मुझे उम्मीद है कि यह अधिक फल लायेगा।
सवाल : अंत में, क्या आप अपने खास क्षण के बारे बतला सकते हैं?
यह मेरे लिए बहुत भावुक करनेवाला दिन था जब मैंने उन्हें सुखबातर चौराहे पर राष्ट्रपति से हाथ मिलाते हुए देखा।
सदियों से चली आ रही इस दोस्ती के बारे में सोच रहा हूँ, सदियों से चली आ रही है, लेकिन अब जाकर दिख सकी है।
इसने मुझे पोप के इस देश की यात्रा पर आने की इस महान घटना के लिए कृतज्ञता की भावना दी और फिर खुशी और आनन्द के कई अन्य क्षण भी रहे।
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