‘धन्य उलमा परिवार दूसरों के लिए ख्रीस्तीय देखभाल का एक आदर्श’: सत पापा फ्राँसिस
वाटिकन न्यूज
मार्कोवा, सोमवार, 11 सितंबर 2023 (वाटिकन न्यूज, रेई) : उलमा परिवार के नौ सदस्यों को रविवार, 10 सितंबर को उनके पोलिश गृहनगर मार्कोवा में धन्य घोषित किया गया, जहां द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों को शरण देने के लिए नाजी सैनिकों ने उन्हें 24 मार्च 1944 को पूरे परिवार को शहीद कर दिया था।
संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को देवदूत प्रार्थना का पाठ करने के बाद वहाँ उपस्थित विश्वसियों से बोलते हुए उलमा परिवार के कार्यों को हर किसी के अनुसरण के लिए ख्रीस्तीय जीवन का मॉडल बताया।
उन्होंने उलमा परिवार को "जरूरतमंदों की भलाई करने और उनकी सेवा करने के हमारे प्रयासों का अनुकरण करने के लिए एक मॉडल" कहा। उन्होंने कहा, "उस समय की नफरत और हिंसा के जवाब में, उन्होंने सुसमाचारी प्रेम को अपनाया।"
संत पापा ने कहा कि पोलिश परिवार ने "द्वितीय विश्व युद्ध के अंधेरे में प्रकाश की किरण का प्रतिनिधित्व किया" और सभी को तालियाँ बजाकर नए धन्य उलमा परिवार को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया।
संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तियों से "दया के साथ हथियारों की ताकत और दृढ़ प्रार्थना के साथ हिंसक बयानबाजी का विरोध" करके उनके उदाहरण का पालन करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, "हम विशेष रूप से उन कई देशों के लिए प्रार्थना करें जो युद्ध के कारण पीड़ित हैं।" "एक विशेष तरीके से, आइए हम शहीद यूक्रेन के लिए अपनी प्रार्थनाएँ तेज़ करें... जो बहुत पीड़ित है।"
धन्य घोषणा मिस्सा समारोह
रविवार को मार्कोवा में संत प्रकरण हेतु गठित विभाग के प्रीफेक्ट कार्डिनल मार्सेलो सेमेरारो ने धन्य घोषणा मिस्सा समारोह की अध्यक्षता की, जिसमें 7 कार्डिनलों, 1000 पुरोहितों और 32,000 से अधिक विश्वासियों ने भाग लिया।
धन्य घोषित उलमा परिवार के सदस्य जोज़ेफ़ और विकटोरिया हैं और उनके बच्चे स्टानिस्लावा, बारबरा, व्लाडिसलाव, फ्रांसिसज़ेक, अंतोनी, मारिया और एक बेनाम बच्चा है जो विकटोरिया की शहादत के समय पैदा हुआ था।
पवित्र मिस्सा के दौरान अपने उपदेश में, कार्डिनल सेमेरारो ने कहा कि उलमा का पारिवारिक घर "एक सराय बन गया है जहाँ तिरस्कृत, बहिष्कृत और मृत्यु-पीड़ितों का स्वागत किया जाता था और उनकी देखभाल की जाती थी।"
उन्होंने कहा कि जोज़ेफ़ और विकटोरिया ने पवित्र जीवन बिताया, जो न केवल वैवाहिक जीवन में बल्कि उनके पूरे परिवार में पूरी तरह से अंतर्निहित थी।
धन्य बेनाम-बच्चा
कार्डिनल सेमेरारो ने नव-धन्य घोषित बेनाम बच्चे की ख्रीस्तीय गवाही को भी प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा, "बिना एक शब्द कहे, आज छोटा धन्य आधुनिक दुनिया से गर्भधारण के क्षण से लेकर प्राकृतिक मृत्यु तक, विशेष रूप से असहाय और हाशिए पर पड़े लोगों के जीवन का स्वागत करने, प्यार करने और उसकी रक्षा करने के लिए पुकार रहा है।"
उन्होंने कहा कि बच्चे की "मासूम आवाज उस समाज की अंतरात्मा को झकझोरने का प्रयास करती है जहां गर्भपात, इच्छामृत्यु और जीवन के प्रति अवमानना को उपहार के बजाय बोझ के रूप में देखा जाता है।"
कार्डिनल ने कहा, "उलमा परिवार हमें उस फेंकने वाली संस्कृति पर प्रतिक्रिया करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिसकी संत पापा फ्राँसिस निंदा करते हैं।"
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