देवदूत प्रार्थना में पोप : ईश्वर हमें बेहिसाब क्षमा करते हैं
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, रविवार, 17 सितंबर 2023 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 17 सितम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व विश्वासियों को सम्बोधित कर पोप ने उन्हें येसु के समान करुणावान बनने और बेहिसाब क्षमा करने का आह्वान किया।
सत्तर गुना सात बार
संत पापा ने कहा, “आज का सुसमाचार पाठ (मती.18,21-35) क्षमाशीलता के बारे बोलता है। पेत्रुस येसु से पूछते हैं : प्रभु! यदि मेरा भाई मेरे विरूद्ध अपराध करता जाए तो मैं उसे कितनी बार क्षमा करूँ? सात बार तक? (21)
सात बाईबल में एक ऐसी संख्या है जो पूर्णता को दर्शाता है, इसलिए पेत्रुस अपने प्रश्न की धारणाओं में बहुत उदार है। लेकिन येसु आगे जाते और जवाब देते हैं : मैं तुम से नहीं कहता सात बार तक, बल्कि सत्तर गुना सात बार तक।(22)
अर्थात्, वे उनसे कहते हैं कि जब तुम क्षमा करते हैं तो हिसाब मत करो, क्योंकि हर चीज में और हमेशा क्षमा करना अच्छा है! ठीक वैसे ही जैसे ईश्वर हमारे साथ करते हैं और जैसा कि पापमोचकों जो ईश्वर की क्षमा प्रकट करते: हमेशा क्षमा करने के लिए बुलाये जाते हैं। संत पापा ने कहा, “मैं पुरोहितों और पापमोचकों से यह कहता हूँ: हमेशा क्षमा करें जैसे ईश्वर क्षमा करते हैं।”
ईश्वर बेहिसाब क्षमा करते हैं
इसके बाद येसु इस सच्चाई को एक दृष्टांत के द्वारा स्पष्ट करते हैं। जिसमें संख्या है। एक राजा, अर्जी करने पर अपने एक नौकर को 10 हजार दीनार माफ कर देता है। यह एक बारी संख्या है जो करीब 200 और 500 टन चांदी के बराबर है। यह कर्ज इतना भारी था जीवनभर की कमाई से भी इसे पूरा नहीं किया जा सकता। फिर भी स्वामी जो पिता का प्रतिनिधित्व करता है, दया करके सारा कर्ज माफ कर देता है। (27)
ऑक्सीजन की तरह
संत पापा ने कहा, “यही ईश्वर का हृदय है: वे हमेशा माफ करते हैं क्योंकि ईश्वर दयालु हैं। आइये, हम न भूले कि ईश्वर कैसे हैं : वे निकट हैं, दयालु हैं और कोमल हैं। यही ईश्वर का तरीका है। उसके बाद, यह सेवक जिसका कर्ज मार्फ कर दिया गया था, अपने सह-सेवक के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाता जो उससे 100 दिनार का उधारी था। यह कर्ज करीब तीन महीने के वेतन के समान था। मानो यह कहा जा सकता है कि एक-दूसरे को माफ करने में कीमत चुकानी पड़ती है! - लेकिन यह रकम, पिछली रकम की तुलना में बिलकुल कम है जिसको मालिक ने माफ कर दिया था।
येसु का संदेश स्पष्ट है: ईश्वर बेहिसाब तरीके से क्षमा करते हैं। वे हर सीमा को पार करते हैं। वे प्रेम और मुफ्त रूप से कार्य करते हैं। ईश्वर को खरीदा नहीं जा सकता, वे मुफ्त हैं, सब कुछ निर्बाध है। हम उनका बदला नहीं चुका सकते, जब हम अपने भाइयों एवं बहनों को माफ करते हैं तब हम उनका अनुकरण करते हैं। इस तरह जो ख्रीस्तीय हैं उनके लिए माफ करना कोई विकल्प नहीं बल्कि मौलिक शर्त है। वास्तव में, हम में से प्रत्येक जन क्षमा किये गये हैं। ईश्वर ने हमें अपना जीवन दिया है और हम उनकी दया का बदला किसी तरह से भी नहीं चुका सकते।
हालांकि, उनकी उदारता का साक्ष्य, हम दूसरों को क्षमा देकर दे सकते हैं, उनकी गवाही देकर हमारे आसपास नये जीवन के बीज बो सकते हैं। क्षमाशीलता के बाहर, कोई आशा नहीं है; क्षमाशीलता के बाहर कोई शांति नहीं है। क्षमाशीलता का ऑक्सीजन है जो घृणा से दूषित हवा को शुद्ध कर सकती है। क्षमाशीलता वह औषधि है जो आक्रोश की जहर को ठीक करता है। यह क्रोध को शांत करने और समाज को दूषित करनेवाली हृदय की कई बीमारियों को ठीक करने का तरीका है।
चिंतन
आइये, हम अपने आप से पूछें: क्या मैं विश्वास करता हूँ कि मुझे ईश्वर से अपार क्षमाशीलता का वरदान मिला है? क्या मुझे यह जानकर खुशी होती है कि जब मैं गिरता हूँ तो वे मुझे माफ करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, तब भी जब दूसरे माफ नहीं करते, तब भी जब मैं भी खुद को माफ नहीं कर पाता? वे माफ कर देते हैं: क्या मुझे विश्वास है कि वे माफ कर सकते है? और फिर: क्या मैं जानता हूँ कि उन लोगों को कैसे माफ किया जाए जिन्होंने मुझे ठेस पहुंचाई है?
इस संबंध में, संत पापा ने एक अभ्यास का प्रस्ताव रखा, “मैं आपके सामने एक छोटा सा अभ्यास प्रस्तावित करना चाहता हूँ: आइए, अब हम में से प्रत्येक उस व्यक्ति के बारे में सोचने का प्रयास करें जिसने हमें चोट पहुंचाई है, और ईश्वर से उन्हें माफ करने की शक्ति मांगें। और आइए प्रभु के प्रेम के लिए उसे क्षमा करें: भाइयों और बहनों, इससे हमारा भला होगा, इससे हमारे दिलों में शांति बहाल होगी। क्या मैं विश्वास करता हूँ कि वे माफ कर देते हैं?”
तब माता मरियम से प्रार्थना करते हुए कहा, “ईश्वर की माता मरियम, हमें ईश्वर की कृपा को ग्रहण करने और एक दूसरे को क्षमा करने में हमारी मदद करे।”
इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
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