संत पापा फमिलिया दा एस्पेरांका से : 'आशा का करिश्मा' न छोड़ें
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, शुक्रवार 29 सितंबर 2023 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन में ब्राजील स्थित लोकधर्मियों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘फमिलिया दा एस्पेरानका’ (आशा का परिवार) की 40वीं वर्षगांठ पर इसके सदस्यों से मुलाकात की, जिसे लोकधर्मियों के लिए बने परमधर्मपीठीय सम्मेलन द्वारा अनुमोदित किया गया है, जो नशे की लत वाले लोगों के साथ-साथ कमजोर लोगों, नाबालिग, एड्स से पीड़ित लोग और अन्य जरूरतमंद लोगों का भी समर्थन करता है।
जर्मन में जन्मे फ्रांसिस्कन पुरोहित हंस स्टेपल ने 1983 में ब्राजीलियाई राज्य संत पावलो के गुआराटिंगुएटा नगर पालिका में पहला ‘आशा का परिवार’ की स्थापना की, जो नशीली दवाओं के आदी लोगों के लिए एक रिकवरी सेंटर था।
फादर हंस असीसी के संत फ्रांसिस और फोकोलारे आंदोलन की इतालवी संस्थापिका क्लारा लुबिक की गरीबी और एकता के करिश्मे से प्रेरित थे। तब से ‘आशा का परिवार’ संगठन, पूरे ब्राज़ील और यहां तक कि अन्य देशों में सबसे जरूरतमंदों तक पहुंचने वाले नेटवर्क के रूप में विकसित हुआ है।
आशा का करिश्मा न छोड़ें
वाटिकन के संत दमासियुस प्रांगण में एसोसिएशन के लगभग 1,200 सदस्यों को संबोधित करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने उनके काम और गवाही के लिए आभार व्यक्त किया और उन्हें अपने करिश्मा और "आशा की बुलाहट" को न छोड़ने हेतु प्रोत्साहित किया।
संत पापा ने कहा, "ईश्वर आपको उन लोगों के लिए आशा लाने हेतु बुलाते हैं, जो शायद अब अपने जीवन में कोई अर्थ नहीं देखते हैं, यह उन लोगों के माध्यम से ईश्वर को बिना शर्त उनसे प्यार करने का आह्वान है जो खुद को सामाजिक भेद्यता की स्थितियों में पाते हैं।"
हमारे समाज में उदासीनता का संकट
संत पापा ने कहा, "आज की दुनिया की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक उदासीनता है। ‘फमिलिया दा एस्पेरांका’ "कई युवा लोगों के दर्द के प्रति उदासीन नहीं रहा है, जो अपने अस्तित्व संबंधी पीड़ा से पीड़ित हैं, खासकर उन लोगों का जिनका जीवन नशीली दवाओं और अन्य व्यसनों के कारण नष्ट हो गया है। आप भले समारी के उदाहरण का अनुसरण करते हुए, उन्हें उनकी गरिमा को फिर से खोजने में मदद करते हैं।”
संत पापा ने कहा, “आप कई लोगों के 'पड़ोसी', या यूं कहें, 'भाई' बन गए हैं जिन्हें आपने सड़क पर उठाया है और जैसा कि भले समारी के दृष्टांत में है, आप उनका इलाज करने, उन्हें ठीक करने और उनकी गरिमा को फिर से खोजने में उनकी मदद करने में उनका साथ देते हैं।”
आर्थिक और आध्यात्मिक समर्थन
संत पापा फ्राँसिस ने कहा, हालांकि आशा लाने का मतलब केवल बुराइयों को हराना, आघातों पर काबू पाना और परिवार और समाज में एक व्यक्ति के लिए स्थान ढूंढना नहीं है। फ़मिलिया दा एस्पेरान्का द्वारा किए गए कार्यों में एक आध्यात्मिक आयाम भी है, जैसा कि स्वर्गीय संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने कहा था, जब उन्होंने 2007 में ब्राज़ील की अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान गुआराटिंगुएटा में एसोसिएशन का दौरा किया था, कि यह "ईश्वर की पुनः खोज और कलीसिया के जीवन में सक्रिय भागीदारी है।"
"आपकी आशा का करिश्मा, पवित्र आत्मा द्वारा आपको दिया गया विशेष उपहार है और यह आपको लोगों की भौतिक और आध्यात्मिक अखंडता, शरीर और आत्मा की देखभाल करने की ओर ले जाता है।"
एसोसिएशन की 40वीं वर्षगांठ पर संत पापा फ्राँसिस ने सभी सदस्यों को "विनम्रता" और "साम्यवाद" के साथ अपने संस्थापक के करिश्मे को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
अंत में संत पापा ने एसोसिएशन के सभी सदस्यों को अपने काम से दी गई गवाही के लिए धन्यवाद दिया और पुरोहितों, सेमिनारियों, पुरुषों और महिलाओं को चुनौतियों और मनोवैज्ञानिक समस्याओं से उबरने में मदद करने के लिए भी धन्यवाद दिया जो कुछ समर्पित लोगों को प्रभावित करते हैं।
उन्होंने कहा, "इस खूबसूरत काम को जारी रखें, जो कलीसिया के लिए बहुत जरूरी है!"
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