संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  

संत पापा ने संत इजिदियो समुदाय को शांति कायम रखने हेतु प्रोत्साहित किया

संत इजिदियो समुदाय की वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय बैठक में भेजे गए एक संदेश में संत पापा फ्राँसिस ने विशेषकर यूक्रेन में युद्ध और संघर्ष से निपटने के लिए आशा न खोने और प्रार्थना करते रहने का आह्वान किया। इस वर्ष की बैठक 10-12 सितंबर को बर्लिन, जर्मनी में हुई।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बुधवार 13 सितंबर 2023 (वाटिकन न्यूज) :"हम अपने आस-पास की त्रासदियों और युद्ध में पड़े नहीं रह सकते, लेकिन हमें विश्वास करना चाहिए कि शांति के साहस के माध्यम से आशा है।" संत पापा फ्राँसिस ने "असीसी की भावना" में संत इजिदियो समुदाय द्वारा प्रचारित अंतर्राष्ट्रीय बैठक को भेजे गए संदेश में यह प्रोत्साहन दिया। "शांति की साहसिकता" विषय पर यह सभा 10 से 12 सितंबर 2023 तक बर्लिन, जर्मनी में सम्पन्न हुई।

संत पापा ने ख्रीस्तीय नेताओं, विश्व धर्मों के नेताओं और नागर अधिकारियों के बीच इस साल जर्मन राजधानी में ब्रैंडेनबर्ग गेट के पास हुई मुलाकात को याद किया, जिसकी शुरुआत 1986 में असीसी में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय द्वारा की गई और इस प्रार्थना और संवाद की तीर्थयात्रा को ईमानदारी से जारी रखा है।

संत पापा ने उनकी बैठक के स्थान को विशेष रूप से विचारोत्तेजक बताया, क्योंकि यह ठीक उसी स्थान पर हो रहा है जहां दीवार गिरी थी जिसने दोनों जर्मनी को अलग कर दिया था और पश्चिमी और पूर्वी यूरोप को विभाजित कर दिया था। संत पापा ने कहा कि दीवार के गिरने से लोगों के लिए स्वतंत्रता, परिवारों का पुनर्मिलन और शीत युद्ध के बाद एक नई विश्व शांति की आशा जैसे नए क्षितिज खुले।

हालाँकि, उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि वर्षों से, ऐसे भविष्य का वादा इस सामान्य आशा पर नहीं, बल्कि "विशेष हितों" और "परस्पर अविश्वास" पर बनाया गया था।

युद्ध जारी है

संत पापा ने कहा कि आज भी युद्ध दुनिया के कई हिस्सों को तबाह कर रहा है।

संत पापा ने कहा, "मैं अफ्रीका और मध्य पूर्व के कई क्षेत्रों के बारे में सोच रहा हूँ, यूरोप सहित ग्रह के कई अन्य क्षेत्रों के बारे में भी सोच रहा हूँ, जो यूक्रेन युद्ध को झेल रहा है। एक भयानक संघर्ष जिसका कोई अंत नहीं है, जो "मृत्यु, चोट, दर्द, निर्वासन और विनाश का कारण बनी है।"

संत पापा फ्राँसिस ने पिछले साल शांति के लिए प्रार्थना करने हेतु रोम के प्रतिष्ठित कोलोसियम में समुदाय की बैठक को याद करते हुए कहा, "हमने शांति की पुकार सुनी, जिसे गंदा और कुचल दिया गया है।"

संत पापा ने कहा, "हम इस परिदृश्य से खुद को नहीं जोड़ सकते।" संत पापा ने जोर देकर कहा, "कुछ और चाहिए। हमें 'शांति के साहस' की जरूरत है, जो आपकी बैठक के केंद्र में है।"

“हम इस परिदृश्य से खुद को नहीं जोड़ सकते। कुछ और चाहिए..."

उन्होंने इस "शांति के दुस्साहस" की अपील करते हुए तर्क दिया, "यथार्थवाद पर्याप्त नहीं है, राजनीतिक विचार पर्याप्त नहीं हैं, अब तक लागू किए गए रणनीतिक दृष्टिकोण पर्याप्त नहीं हैं और अधिक की आवश्यकता है, क्योंकि युद्ध जारी है।"

शांति का दुस्साहस

संत पापा ने कहा कि शांति का दुस्साहस, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए, हम सभी के लिए और उन लोगों के लिए आवश्यक भविष्यवाणी है जो युद्धरत देशों के भाग्य को अपने हाथों में रखते हैं।

"शांति का दुस्साहस विश्वासियों को एक विशेष तरीके से चुनौती देता है कि वे इसे प्रार्थना में बदल दें, स्वर्ग से वह आह्वान करें जो पृथ्वी पर असंभव लगता है।"

उन्होंने कहा, आग्रहपूर्ण प्रार्थना, पहली तरह की दुस्साहस की आवश्यकता है। "सुसमाचार में मसीह 'हमेशा प्रार्थना करने और हिम्मत न हारने की आवश्यकता' की ओर इशारा करते हुए कहते हैं: ''मांगो और तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो और तुम पाओगे; खटखटाओ और तुम्हारे लिए दरवाजा खोला जाएगा।''

संत पापा ने अन्य धर्मों के सभी भाइयों और बहनों के साथ मिलकर "शांति के भिखारी" बनने का अनुरोध किया।

हिम्मत हारे बिना प्रार्थना करना

संत पापा फ्राँसिस ने बैठक में भाग लेने वालों से कहा कि वे युद्ध की समाप्ति के लिए उनकी प्रार्थना में शामिल होते हैं और वे जो कुछ भी करते हैं उसके लिए वे तहे दिल से धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा, "अतीत में इतने बड़े दुःख और इतने सारे घावों की स्मृति से उत्पन्न स्पष्ट रूप से अकाट्य तर्क पर निर्मित असंभव की दीवार को पार करने के लिए आगे बढ़ना वास्तव में आवश्यक है।" उन्होंने माना कि यह मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं।

उन्होंने कहा, "विश्वासियों के लिए यह असंभव नहीं है, जो आशापूर्ण प्रार्थना के साहस को जीते हैं," लेकिन यह राजनेताओं, नेताओं या राजनयिकों के लिए भी असंभव नहीं होना चाहिए," उन्होंने आमंत्रित करते हुए कहा, "आइए हम बिना हिम्मत हारे शांति के लिए प्रार्थना करना, विनम्र और आग्रहपूर्ण भावना के साथ ईश्वर के हृदय के हमेशा खुले रहने वाले दरवाजे और मानव जाति के दरवाजे पर दस्तक देना जारी रखें।"

संत पापा फ्राँसिस ने अपना संदेश अंत करते हुए कहा, "आइए, हम प्रार्थना करें कि शांति के रास्ते खोले जाएं, खासकर प्रिय और युद्धग्रस्त यूक्रेन के लिए।"

"आइए, हम भरोसा करें कि प्रभु हमेशा अपने बच्चों की पीड़ा भरी पुकार सुनते हैं।"

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13 September 2023, 16:03