पोप फ्राँसिस: विश्वासियों को ईश वचन से पोषित होने में मदद करें
वाटिकन न्यूज
उन्होंने कहा, “विश्वासियों को ईश्वर के वचन से पोषित करने में मदद करने के अपने मिशन के साथ आगे बढ़ें, विशेष रूप से, इस महत्वपूर्ण समय में, जब सभी को पवित्र धर्मग्रंथ को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना है।” संत पापा ने यह प्रोत्साहन तब दिया जब उन्होंने इटली के 47वें राष्ट्रीय बाइबिल सप्ताह के लिए रोम में एकत्रित इटालियन बाइबिल संघ के सदस्यों और पवित्र धर्मग्रंथ के शिक्षकों का गर्मजोशी से स्वागत किया। जिसकी विषयवस्तु है "सार्वभौमिकता और विशिष्टवाद के बीच अनुबंध और गठबंधन।"
पोप ने कहा, "प्रिय मित्रो, आप आगे बढ़ें, ईश्वर के लोगों को वचन से पोषित होने में मदद करने के अपने मिशन में आगे बढ़ें, ताकि बाइबिल तेजी से सभी की विरासत बन सके।"
इस बात पर जोर देते हुए कि बाइबल "प्रभु के लोगों की पुस्तक है, जिसे सुनने पर, वह बिखराव और विभाजन से, एकता की ओर बढ़ती है," उन्होंने कहा, "यह कुछ हद तक, हमेशा, प्रभु की गतिशीलता है: वे भेजते हैं और यह तितर-बितर होने के समान लगता है, लेकिन वे फिर एकता में लाते हैं।"
पोप ने अपने सामने मौजूद लोगों से कहा कि इस वर्ष का उनका विषय उनके दिल के करीब है और कलीसिया की एक प्रमुख चिंता है। उन अनुबंधों का विश्लेषण करने के लिए उन्होंने उन्हें धन्यवाद दिया जो समकालीन दुनिया के साथ कलीसिया के संबंधों को बारीकी से शामिल करते हैं।
वचन की सेवा में एक साथ काम करना
पोप फ्राँसिस ने एकजुट होने का प्रोत्साहन देते कहा कि उनके इस मुलाकात में वे और एक मूल्य पर जोर देना चाहते है, "वह है वचन की सेवा में एक साथ काम करना।"
पोप ने इटली में कलीसिया को बाइबिल संघ द्वारा स्थायी आधार पर प्रदान किए जानेवाले सहयोग के व्यापक कार्य के केंद्र में होने की सराहना की। उन्होंने याद किया कि यह देश के पहले धार्मिक संघों में से एक है, जो अभी भी विभिन्न धर्मप्रांतों में मौजूद है, विशेष रूप से धर्मप्रांतीय बाइबिल सप्ताहों के संचालन के माध्यम से, जिसको यह इटली के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की बाइबिल प्रेरिताई के सहयोग से समर्थन देता है।
संत पापा ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह उपस्थिति सभी प्रकार के अभिजात्यवाद और बहिष्करण से बचते हुए पूरे क्षेत्र में बढ़ेगी।"
निर्णायक क्षण में तालमेल की आवश्यकता
संत पापा ने स्वीकार किया कि बाईबिल संघ, परमधर्मपीठीय बाइबिल संस्थान के साथ भी मिलकर काम कर रहा है, "परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालयों के सुधार के लिए एक निर्णायक क्षण में, जहाँ शैक्षणिक संस्थानों के बीच गठबंधन हमेशा आसान नहीं होता।" "हालांकि," उन्होंने आगे कहा, "संघ के कई सदस्यों के लिए, परमधर्मपीठ बाइबिल संस्थान 'अल्मा मातेर' बना हुआ है जिसने उन्हें शोध और प्रेरिताई के लिए प्रेरित किया है।"
पोप ने कहा, "यह तालमेल का एक उदाहरण पेश करता है जिसे रोम और अन्य जगहों पर, विभिन्न अध्ययन संस्थानों के बीच तत्काल बढ़ावा देने की आवश्यकता है, कम से कम अपूरणीय विलुप्त होने के जोखिम से बचने के लिए।"
संत पापा ने अपना संदेश उन्हें प्रेरितिक आशीर्वाद देकर और अपनी प्रार्थनाओं में याद रखने के लिए कहकर समापन किया।
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