इटली के विकलांग कर्मचारियों के राष्ट्रीय संघ के सदस्यों के साथ संत पापा फ्राँसिस इटली के विकलांग कर्मचारियों के राष्ट्रीय संघ के सदस्यों के साथ संत पापा फ्राँसिस  (Vatican Media)

एएनएमआईएल से संत पापा : कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल सुरक्षित हो

संत पापा फ्राँसिस ने काम पर घायल या अपंग हुए लोगों के लिए बने इटली के राष्ट्रीय संघ (एएनएमआईएल) के सदस्यों को संबोधित किया और कार्यस्थल पर श्रमिकों की उचित सुरक्षा की अपील की, उनके साथ 'स्पेयर पार्ट्स' की तरह व्यवहार किए जाने पर निंदा की और उन्हें उनके संरक्षक संत, संत जोसेफ को सौंप दिया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, सोमवार, 11 सितंबर 2023 (वाटिकन न्यूज, रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 11 सितंबर को  इटली के अपंग श्रमिकों के लिए बने राष्ट्रीय संघ के करीब 300 सदस्यों को वाटिकन में स्वागत किया जो अपने संघ की 80वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इसकी स्थापना 1943 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान की गई।

युद्ध का पागलपन

संत पापा ने कहा, “आपने उस संदर्भ में पहला कदम उठाया है, जो हमें याद दिलाता है कि हर सशस्त्र संघर्ष आज भी अपने साथ विकलांग लोगों की भीड़ लेकर आता है और यह कि नागरिक आबादी युद्ध के पागलपन के नाटकीय परिणाम भुगतती है। एक बार जब संघर्ष समाप्त हो जाता है, तब शरीरों और दिलों में भी मलबा बना रहता है। सबसे कमजोर और सबसे वंचितों से शुरू करके, जीवन और उसकी गरिमा की सुरक्षा और संवर्धन के माध्यम से, दिन-ब-दिन, साल-दर-साल शांति का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए।”

संत पापा ने काम पर दुर्घटनाओं के संबंध में नागरिक कानून में सुधार और खुद को विकलांग पाए जाने वाले लोगों के पेशेवर पुन:एकीकरण के लिए उनके द्वारा प्रचारित पहल के लिए धन्यवाद दिया। संत पापा ने कहा कि वास्तव में, यह न केवल विकलांगता के विभिन्न रूपों से पीड़ित लोगों के लिए सही कल्याण और सामाजिक सुरक्षा देखभाल की गारंटी देने का सवाल है, बल्कि उन लोगों को नए अवसर देने का भी है जिन्हें फिर से एकीकृत किया जा सकता है और जिनकी गरिमा को पूरी तरह से मान्यता देने की आवश्यकता है। संत पापा ने दुर्घटना की रोकथाम और सुरक्षा नीतियों, विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं के पक्ष में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने हेतु उनके कामों के लिए विशेष धन्यवाद दिया।

कार्य-संबंधी मौतें युद्ध बुलेटिन जैसी दिखती हैं

संत पापा ने भले सामरी के दृष्टांत का उदाहरण देते हुए कहा कि घायल लोग जीवन की सड़क के किनारे परित्याग का जोखिम उठाते हैं। पुरोहित और लेवी घायल व्यक्ति को देखते हैं, परंतु दूषित न होने के लिए, वे रुकते नहीं हैं और उदासीनता में आगे बढ़ते हैं। संत पापा ने कहा कि काम की दुनिया में कभी-कभी ऐसा ही होता है: हम बाजार की मूर्तिपूजा के प्रति समर्पित होकर ऐसे चलते रहते हैं, जैसे कुछ हुआ ही न हो। लेकिन हम कार्यस्थल पर होने वाली दुर्घटनाओं के आदी नहीं हो सकते, न ही दुर्घटनाओं के प्रति उदासीनता अपना सकते हैं। हम मानव जीवन की बर्बादी को स्वीकार नहीं कर सकते। मौतें और चोटें एक दुखद सामाजिक दरिद्रता हैं जो सभी को प्रभावित करती हैं, न कि केवल इसमें शामिल व्यवसायों या परिवारों को। हमें सामान्य मानवता के नाम पर, देखभाल करने की कला सीखने और पुनः सीखने से नहीं थकना चाहिए। वास्तव में, सुरक्षा की गारंटी न केवल अच्छे कानून से होती है, जिसे लागू किया जाना चाहिए, बल्कि कार्यस्थल पर भाइयों और बहनों के रूप में रहने की क्षमता से भी होती है।

कार्यस्थल पर सुरक्षा नियोक्ता का पहला कर्तव्य है

संत पापा ने कहा कि कार्यस्थल पर सुरक्षा व्यक्तिगत देखभाल का एक अभिन्न अंग है। दरअसल, एक नियोक्ता के लिए यह पहला कर्तव्य और भलाई का पहला रूप है। हालाँकि, ऐसे रूप जो विपरीत दिशा में जाते हैं और जिन्हें एक शब्द में केयरवॉशिंग कहा जा सकता है। ऐसा तब होता है जब उद्यमी या विधायक, सुरक्षा में निवेश करने के बजाय, कुछ धर्मार्थ कार्यों के साथ अपने विवेक को साफ़ करना पसंद करते हैं। इस प्रकार वे अपनी सार्वजनिक छवि को हर चीज से पहले रखते हैं, संस्कृति या खेल में परोपकारी बनते हैं, कला के कार्यों या पूजा स्थलों को उपयोगी बनाते हैं, लेकिन इस तथ्य पर ध्यान नहीं देते हैं कि " ईश्वर की महिमा जीवित मनुष्य है" जैसा कि लियोन के संत इरेनियिस ने सिखाया है।

श्रमिक 'स्पेयर पार्ट्स' नहीं हैं

संत पापा ने कहा, “श्रमिकों के प्रति जिम्मेदारी प्राथमिकता है: जीवन को किसी भी कारण से नहीं बेचा जा सकता है, खासकर यदि वह गरीब, अनिश्चित और नाजुक हो। हम इंसान हैं, मशीनें नहीं, हम अनोखे हैं, स्पेयर पार्ट्स नहीं।” संत पापा ने पुनः उनकी प्रतिबद्धता के लिए अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समाज की प्रगति में मदद करने और  यह समझने के लिए प्रोत्साहित किया कि मनुष्य आर्थिक हितों से पहले आते हैं, कि प्रत्येक व्यक्ति समुदाय के लिए एक उपहार है और वह उनमें से एक को भी अपंग या अक्षम करना पूरे सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुँचाता है।

संत पापा ने सभी श्रमिकों के संरक्षक संत, संत जोसेफ की सुरक्षा में उन्हें समर्पित किया, साथ ही अपने लिए प्रार्थना करने की आग्रह करते हुए उनसे विदा ली।

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11 September 2023, 15:54