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मंगोलिया में ऊलानबतार के राज्यमहल में औपचारिक मुलाकात, 02.09.2023 मंगोलिया में ऊलानबतार के राज्यमहल में औपचारिक मुलाकात, 02.09.2023  (ANSA)

"अनगिनत संघर्षों से तबाह होती पृथ्वी" पर अफसोस

मंगोलिया की राजधानी ऊलानबतार में अपनी प्रेरितिक यात्रा के दूसरे दिन, शनिवार को, काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस ने दो विश्व शक्तियों-रूस और चीन- के बीच फंसे देश में बोलते हुए नेताओं से "युद्ध के काले बादलों" को दूर करने का आह्वान किया।

वाटिकन सिटी

ऊलानबतार, शनिवार, 02 सितम्बर 2023 (रेई, रॉयटर्स): मंगोलिया की राजधानी ऊलानबतार में अपनी प्रेरितिक यात्रा के दूसरे दिन, शनिवार को, काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस ने दो विश्व शक्तियों-रूस और चीन- के बीच फंसे देश में बोलते हुए नेताओं से "युद्ध के काले बादलों" को दूर करने का आह्वान किया।

आधिकारिक स्वागत समारोह

मंगोलिया में अपने पहले कार्य दिवस पर, राजकीय महल के भीतर आयोजित आधिकारिक मुलाकातों से पूर्व सन्त पापा फ्रांसिस ने एक विस्तृत आउटडोर स्वागत समारोह में भाग लिया जिसमें सदियों से चली आ रही परेड तथा आधुनिक पोशाकें धारण किये सैनिकों सहित प्राचीन मंगोल योद्धाओं की तरह घुड़सवार शामिल थे।

समारोह के दौरान सन्त पापा, पारंपरिक वस्त्र, चौड़ी किनारी वाली मंगोल टोपी और जूते पहने, मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख के साथ बैठे। बाद में दोनों ने राजकीय महल के अंदर स्थापित खानाबदोशों द्वारा प्रयुक्त गोलाकार गेर में निजी तौर पर मुलाकात की। गोपनीयता की परम्परा का पालन करते हुए इस मुलाकात का विवरण नहीं दिया गया है तथापि वाटिकन एवं मंगोलियाई अधिकारियों द्वारा जारी वकतव्यों में कहा गया कि मुलाकात सौहार्द्रपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुई।

शांति और भ्रष्टाचार के घातक ख़तरे को समाप्त करने की अपील के साथ एशियाई राष्ट्र की अपनी पहली यात्रा की शुरुआत करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने मंगोलिया के संस्थापक जेनजिस खान के समय से चली आ रही धार्मिक स्वतंत्रता से परिपूर्ण परंपरा की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

शांति के तीर्थयात्री

सन्त पापा फ्रांसिस ने मंगोलिया के राष्ट्रपति भवन के भीतर स्थापित एक पारंपरिक मंगोलियाई गेर या गोल यर्ट के अंदर राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख से मुलाकात की और अतिथि ग्रन्थ में एक संदेश लिखकर अपने मंगोलियाई दौरे का उद्देश्य बताया। उन्होंने लिखा कि शांति के तीर्थयात्री के रूप में वे मंगोलिया की यात्रा कर रहे थे, जो "एक युवा तथापि प्राचीन तथा आधुनिक परंपराओं से समृद्ध देश है।"

86 वर्षीय सन्त पापा फ्रांसिस शुक्रवार को मंगोलिया पहुंचे थे और समय के अंतर से अभ्यस्त होने के लिए उन्होंने दिन भर आराम किया। मंगोलिया में यह किसी काथलिक परमाध्यक्ष की पहली यात्रा है। सन्त पापा फ्राँसिस की यह 43 वीं विदेश यात्रा है जिसका प्रमुख उद्देश्य विश्व के सर्वाधिक छोटे काथलिक समुदाय को उसके विश्वास में सुदृढ़ करना था। मंगोलिया में काथलिकों की संख्या मात्र 1,400 है।  

राष्ट्रपति, सरकारी नेताओं और राजनयिक कोर के समक्ष किये गये प्रभाषण में, सन्त पापा फ्रांसिस ने कहा कि वे "मैत्री  के तीर्थयात्री हैं जो एक शान्त वातावरण में उनके पास पहुँचे थे।"

मंगोलियाई इतिहास के प्रति अभिमुख होते हुए उन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि चीन के उत्तर में स्थित विशाल देश जेनजिस खान के जन्म की 860 वीं वर्षगाँठ मना रहा है, जिन्होंने मंगोलियाई जनजातियों को एकजुट किया था तथा शांति की अवधि की स्थापना की थी जिसे "पाक्स मंगोलिका" के नाम से जाना जाता है। उन्होंने राष्ट्रपति को 1246 ई. में सन्त पापा इनोसेंट चतुर्थ द्वारा तीसरे मंगोल सम्राट गुयुग को भेजे गये औपचारिक पैग़ाम की एक प्रति भी भेंट स्वरूप अर्पित की।

युद्ध के प्रति उत्कंठा

आधुनिक मुद्दों के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हुए सन्त पापा ने कहा, "स्वर्ग अनुदान दे कि आज, अनगिनत संघर्षों से तबाह होती इस धरती पर एक ऐसा नवीनीकरण हो जिसमें अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का सम्मान किया जाये।"

शनिवार को एक ट्वीट सन्देश प्रकाशित कर सन्त पापा ने लिखाः "युद्ध के काले बादल दूर हो जाएं, सार्वभौमिक भाईचारे की दृढ़ इच्छा से ये काले बादल छट जाएं ताकि मुलाकातों और बातचीत के माध्यम से तनाव का समाधान किया जा सके तथा सभी लोगों के मौलिक अधिकारों की गारंटी दी जाये।"

सन्त पापा फ्राँसिस ने कठोर शब्दों में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निन्दा की है तथा इस युद्ध की समाप्ति और युद्ध  पीड़ितों की मानवतावादी सहायता की बहाली के लिये अपने विशेष दूत कार्डिनल मातेओ ज़ूपी को कीव, वॉशिंगटन तथा मॉस्को प्रेषित किया है। बैजिंग में भी कार्डिनल ज़ूपी की यात्रा तय है।  

चीन-वाटिकन सम्बन्ध

सन् 1921 तक मंगोलिया चीन का हिस्सा रहा था और मंगोलिया की चीन से निकटता की वजह से ही इन दिनों विश्व का ध्यान बैजिंग के साथ वाटिकन के कठिन संबंधों की ओर ध्यान आकर्षित हुआ है। दोनों पक्षों ने 2018 में काथलिक धर्माध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन बैजिंग ने तब से कई बार इसका उल्लंघन किया है।

शनिवार सुबह स्वागत समारोह के दौरान ऊलानबतार राज्य महल के बाहर एकत्र जनसमुदाय में कुछ ही दर्जन चीनी नागरिक झंडे लहराते दिखाई दिये।  

मंगोलिया में पहली सितम्बर से चार सितम्बर तक जारी अपनी प्रेरितिक यात्रा के लिये शुक्रवार को रोम से रवाना होते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने अपने रास्ते में पड़नेवाले चीन को भी एक तार सन्देश प्रेषित कर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लिखा था कि उनकी शुभकामनाएं चीन के सभी लोगों के लिए हैं और वे "राष्ट्र की भलाई" के लिए सभी चीनी लोगों को अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन देते हैं। इसके प्रत्युत्तर में चीन के अधिकारियों ने कहा है कि वे वाटिकन के साथ बातचीत के लिये तैयार हैं।

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02 September 2023, 10:53