पोप ने इजराइल और फिलिस्तीन में शांति के लिए प्रार्थना की
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, रविवार, 8 अक्तूबर 2023 (रेई) : पोप फ्राँसिस ने रविवार को आग्रह करते हुए कहा, "कृपया हमलों और हथियारों को रोकें, और समझें कि आतंकवाद और युद्ध से कोई हल नहीं होता, बल्कि केवल बहुत सारे निर्दोष लोगों की मौत और पीड़ा होती है।"
उन्होंने जोर देते हुए कहा, “युद्ध हमेशा हार होता है! हर युद्ध एक हार है!”
रविवार को देवदूत प्रार्थना के बाद बोलते हुए, संत पापा ने कहा कि वे दुःख के साथ" इजराइल से नवीनतम समाचार सुन रहे हैं, "जहां हिंसा और भी अधिक उग्र रूप से भड़क उठी है, जिससे सैकड़ों मौतें हुई हैं और चोटें आई हैं।"
उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की, और कहा कि वे उनके लिए और "उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं जो घंटों आतंक और पीड़ा का अनुभव कर रहे हैं।" पोप ने सभी को इजराइल और फिलिस्तीन में शांति के लिए प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया।
इजराइल और फिलिस्तीन में हिंसा
शनिवार को पवित्र भूमि में अप्रत्याशित रूप से ताजा हिंसा भड़क उठी, जब फिलिस्तीनी हमास के आतंकवादियों ने इजराइल पर एक विस्मयकारी हमला किया, सैकड़ों रॉकेट दागे और इजराइल में सशस्त्र घुसपैठ की।
इजराइल ने तुरंत जवाबी हवाई हमले शुरू कर दिए, और देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि देश युद्ध में है।
अपुष्ट रिपोर्टों से पता चलता है कि दक्षिणी इजराइल और गाजा पट्टी में 400 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं और दर्जनों को पकड़ लिया गया है। कुछ इजरायली सूत्रों के अनुसार, लगभग 300 इजरायलियों के मारे जाने और दर्जनों के अपहरण की सूचना मिली है।
तनाव कम करने हेतु लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष का आह्वान
एक बयान में शनिवार को येरूसालेम के लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष ने कहा, "बहुत अधिक हताहतों और त्रासदियों से, जिनसे फिलिस्तीनी और इजरायली दोनों परिवारों को निपटना होगा, अधिक नफरत और विभाजन पैदा करेगा, और स्थिरता के किसी भी परिप्रेक्ष्य को अधिक से अधिक नष्ट करेगा।"
बयान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय और धार्मिक नेताओं से "स्थिति को कम करने, शांति बहाल करने और क्षेत्र में लोगों के मौलिक अधिकारों की गारंटी के लिए काम करने हेतु हर संभव प्रयास करने का आह्वान किया गया है।"
संघर्ष के समाधान की आवश्यकता
प्राधिधर्माध्यक्ष ने पवित्र भूमि में सभी पवित्र स्थानों, विशेष रूप से येरूसालेम के संबंध में तथाकथित "यथास्थिति" बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया; और "इस भूमि में फिलिस्तीनी-इजराइली संघर्ष का एक स्थायी और व्यापक समाधान खोजने की तत्काल आवश्यकता बतायी।"
प्राधिधर्माध्यक्ष का बयान इस प्रार्थना के साथ समाप्त हुआ कि ईश्वर "शांति और सद्भाव के कार्यान्वयन के लिए विश्व नेताओं को उनके हस्तक्षेप के लिए प्रेरित करें ताकि येरूसालेम सभी लोगों के लिए प्रार्थना का घर बन सके।"
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