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सिनॉड को सम्बोधित करते संत पापा फ्राँसिस सिनॉड को सम्बोधित करते संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

सिनॉड से पोप : पवित्र आत्मा हमें सद्भाव व सम्मानपूर्ण सुनने की ओर अग्रसर करते हैं

संत पापा फ्राँसिस ने 4 अक्टूबर को सिनॉडालिटी (सहकारिता) पर धर्मसभा की 16वीं आमसभा का वाटिकन में उद्घाटन करते हुए सिनॉड प्रतिभागियों को याद दिलाया कि पवित्र आत्मा ही सिनॉड के नायक हैं, कोई दूसरा नहीं। और उनसे अपने आपको खुलकर व्यक्त करने, साथ ही सम्मानपूर्वक सुनने का आह्वान किया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 5 अक्टूबर 2023 (रेई) : संत पापा ने कहा, “हम धर्मसभा के मुख्य पात्र नहीं हैं बल्कि पवित्र आत्मा है,” इसलिए यदि पवित्र आत्मा मुख्य हैं तो धर्मसभा सही है और यदि वे मुख्य नहीं हैं तो यह सही नहीं होगा।  

पोप ने वाटिकन में बुधवार को शुरू हुई धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की 16वीं महासभा के उद्घाटन के दौरान अपनी प्रारंभिक सम्बोधन में यह बात कही।

धर्माध्यक्षों की धर्मसभा की 16वीं महासभा दो अवसरों पर सम्पन्न होगी, यानी एक वर्ष के अंतराल पर दो सत्रों में आयोजित की जाएगी: पहली 4 से 29 अक्टूबर 2023 तक, और दूसरी अक्टूबर 2024 में।

संत पापा ने अपने सम्बोधन की शुरूआत सिनॉड के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए की और उनके कार्यों के लिए धन्यवाद दिया, साथ ही संत पापा पौल छठवें की याद की, जिन्होंने धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के विचार-विमर्श को सुविधाजनक बनाने के लिए द्वितीय वाटिकन महासभा के बाद सिनॉड का सचिवालय स्थापित किया। उन्होंने स्वीकार किया कि कलीसिया वार्तालाप के लिए हमेशा तैयार नहीं रही है, लेकिन दुनियाभर के धर्माध्यक्षों एवं ईश प्रजा के लिए अब यह अधिक महत्वपूर्ण हो गया है कि सिनॉडालिटी पर बात की जाए।

उन्होंने कहा, “यह आसान नहीं है, लेकिन सुन्दर है। यह अति सुन्दर है।”

संत पापा ने सभा को धर्माचार्यों के दस्तावेजों को पढ़ने पर जोर दिया जो उन्हें सिनॉडल यात्रा में मदद कर सकते हैं।

कलीसिया के नायक हमारा हाथ पकड़कर हमारा मार्गदर्शन करते

प्रतिभागियों को याद दिलाते हुए संत पापा ने कहा कि “कलीसिया के जीवन में पवित्र आत्मा ही नायक हैं” जो “कलीसिया को आगे बढ़ाते” हैं एवं “माता के समान” हैं।

संत पापा ने कहा, “पवित्र आत्मा हमारा मार्गदर्शन करते एवं सांत्वना देते हैं।”

उन्होंने "सद्भाव" की दिशा में काम करने का आह्वान किया, और इस बात पर प्रकाश डाला कि सद्भाव अनिवार्य रूप से "सूक्ष्म अंतर" के लिए जगह छोड़ देगा।

उन्होंने सुझाव दिया कि यदि हम धर्मसभा को बिल्कुल उसी तरह से समाप्त करते हैं, "बिना किसी छोटे अंतर के, तो यह धर्मसभा नहीं है।"

पवित्र आत्मा से किया गया, हमारे द्वारा नहीं

संत पापा ने कहा कि इसे "विशेष तरीके से कलीसिया में शामिल करने की आवश्यकता है, जिसे पवित्र आत्मा द्वारा किया जाना चाहिए, हमारे द्वारा नहीं।"

सिनॉड को गलत तरीके से चित्रित करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए संत पापा ने कहा कि “यह एक संसद नहीं है, न ही कलीसिया की प्रेरितिक देखभाल के लिए एक सभा।”

संत पापा ने एक ओर पत्रकारों के सुकार्यों की सराहना की, वहीँ खेद प्रकट किया कि वे सनसनीखेज पर अधिक ध्यान देते हैं और उनसे आग्रह किया कि वे “सुनने की प्राथमिकता” पर कलीसिया की रूचि को प्रसारित करने के लिए कार्य करें।   

उन्होंने कहा, “हरेक व्यक्ति को खुलकर खुद को व्यक्त करना चाहिए,” तथा याद दिलाया कि विश्वास की इस यात्रा में पवित्र आत्मा उन्हें सुदृढ़ करेंगे।

ख्रीस्त की केंद्रीयता – सिनॉड मार्गदर्शक सूत्र'

पोप के सम्बोधन से पहले, वाटिकन के पॉल षष्ठम हॉल में समारोह, राष्ट्रपति प्रतिनिधि, मिस्र के अलेक्जेंड्रिया के कॉप्टिक काथलिक प्राधिधर्माध्यक्ष इब्राहिम इसाक सेड्रक के अभिवादन के साथ शुरू हुआ, जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे प्रभु कलीसिया के लिए अपना प्यार दिखाते रहे हैं और किस तरह उन्होंने धर्मसभा को प्रेरित किया।

प्राधिधर्माध्यक्ष सेड्रक ने स्वीकार किया कि सिनॉडल प्रक्रिया हमेशा सरल नहीं रही है, विशेषकर शुरू में, क्योंकि इस धर्मसभा को ईश्वर की प्रजा के बीच विचार-विमर्श करने के लिए तैयार की गई थी ताकि अपनी विशिष्ठता के साथ, हरेक बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति के लिए, यह अधिक जीवंत, वास्तविक एवं ठोस हो सके।"

दुनिया हमसे पुनर्जीवित ख्रीस्त, जीवन और आशा के साक्ष्य की प्रतीक्षा करती है।

“इसलिए मसीह की केंद्रीयता इस धर्मसभा का मार्गदर्शक सूत्र बनें। उसे हमारी चर्चाओं का अल्फा और ओमेगा बनने दें, उसे वह प्रकाश बनने दें जो हमारे विचार-विमर्शों को आलोकित करता, उसे हमारे सभी प्रयासों का अंतिम पड़ाव बनने दें। मैं प्रार्थना कर रहा हूँ ताकि हम धर्मसभा अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हो सकें।"

4 अक्टूबर को संत पापा ने संत फ्राँसीस असीसी के पर्व की भी याद की, तथा 2015 में हमारे आमघर पृथ्वी की देखभाल पर प्रकाशित विश्वपत्र लौदातो सी के दूसरे भाग को प्रकाशित किया।

लौदातो सी का दूसरा भाग लौदाते देयुम संत पापा का एक ऐसा प्रेरितिक प्रबोधन है जो पर्यावरण की वर्तमान परिस्थिति पर आधारित है और क्या किया जाना चाहिए उसपर चर्चा करता है।

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05 October 2023, 17:14