खोज

इटालियन काथलिक साप्ताहिक पत्रिका के राष्ट्रीय संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस इटालियन काथलिक साप्ताहिक पत्रिका के राष्ट्रीय संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस  (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

पोप : काथलिक पत्रकार डिजिटल दुनिया में सामंजस्य को बढ़ावा दें

इटालियन काथलिक साप्ताहिक पत्रिका के राष्ट्रीय संघ प्रेस यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए संत पापा ने, उन्हें डिजिटल दुनिया में "संचार की पारिस्थितिकी" को बढ़ावा देने और धन्य कार्लो अकुतिस के उदाहरण पर चलने का प्रोत्साहन दिया।

वाटिकन न्यूज

पोप फ्राँसिस ने इटली के काथलिक पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए कहा, मीडिया जगत में युगांतरकारी परिवर्तनों के लिए "लोगों की गरिमा, न्याय, और सच्चाई, वैधता और शैक्षिक सह-जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता" की नये सिरे से आवश्यकता है।

सेतु का निर्माण करें, दीवारें नहीं

बृहस्पतिवार को इटालियन काथलिक साप्ताहिक पत्रिका के राष्ट्रीय संघ प्रेस यूनियन, "कोरलो" और "आइआर्ट - चितादिनी मेदियली" संघ के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ एक मुलाकात में, पोप ने उन्हें याद दिलाया कि संचार, अनिवार्य रूप से "साझा करना, एकता के धागे को बुनना" है। दीवारें बनाये बिना पुल का निर्माण करना है।''

आज के महान "संचार राजमार्गों" के संदर्भ में, जो तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और सूचनाओं से भरे हुए हैं, पोप फ्राँसिस ने उपस्थित लोगों को हमेशा तीन रास्तों पर चलने के लिए आमंत्रित किया।

शिक्षा का मार्ग

उन्होंने कहा, पहला रास्ता शिक्षित करने का है, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि "समाज का भविष्य दांव पर है।" दरअसल, शिक्षा पुरानी पीढ़ी और युवा पीढ़ी को जोड़ने का जरिया है जो आज डिजिटल संस्कृति में डूबी हुई है।

पोप ने कहा, "युवाओं को आज की जटिलता, विशेषकर, वेब पर खोजने के लिए शिक्षित करने में विवेक और सरलता जरूरी है।"

"विवेकशीलता और सादगी आज की जटिलता से निपटने के लिए दो बुनियादी शैक्षिक तत्व हैं, खासकर वेब पर, जहां भोला-भाला नहीं होना चाहिए और न ही क्रोध और नफरत बोने के प्रलोभन में ही पड़ना चाहिए।"

इसलिए, उन्होंने इतालवी पत्रकारों को समुदायों, स्कूलों और परिवारों में "संचार की पारिस्थितिकी" को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया: "आपकी बुलाहट लोगों को यह याद दिलाना है कि समाचार और सनसनी खेज से परे, हमेशा वास्तविक लोगों की भावनाएँ, कहानियाँ होती हैं जो हैं जिनका सम्मान किया जाना चाहिए।”

पोप फ्राँसिस ने जोर देकर कहा, "संचार कार्य समाज को पुरुषों और महिलाओं के बीच स्नेहपूर्ण संबंधों सहित सम्मान और देखभाल के लिए शिक्षित करना है।"

समाज के सबसे कमजोर लोगों की रक्षा का मार्ग

उन्होंने दूसरा रास्ता बतलाया कि समाज के सबसे कमजोर लोग, जिनमें नाबालिग, बुजुर्ग और विकलांग लोग शामिल हैं, उन्हें "डिजिटल के आक्रमण और उत्तेजक तथा विवादास्पद संचार के प्रलोभन से बचाना।"

उन्होंने काथलिक पत्रकारों को बिना किसी डर के इस मुद्दे पर नागरिक जागरूकता को बढ़ावा देना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया, यह टिप्पणी करते हुए कि यह "संचारी लोकतंत्र का प्रश्न है।"

"सिर्फ बचाव का खेल न खेलें, बल्कि अंदर से छोटे रहकर बड़ा सोचें, क्योंकि आपको एक महान कार्य के लिए बुलाया गया है: शब्दों और छवियों के माध्यम से, लोगों की गरिमा की रक्षा करने, विशेष रूप से छोटे लोगों और गरीबों, ईश्वर के प्रिय लोगों की।”

साक्ष्य का मार्ग

अंत में, पोप फ्रांसिस ने साक्ष्य के मार्ग पर प्रकाश डाला। उन्होंने धन्य कार्लो अकुतिस का उदाहरण दिया, जो अपनी कम उम्र में, "सुसमाचार का प्रचार करने, मूल्यों और सौंदर्य को संप्रेषित करने के लिए नई संचार तकनीक का उपयोग करना जानते थे।"

वास्तव में, "साक्ष्य भविष्यवाणी है, एक रचनात्मकता है, जो हमें मुक्त करती है और हमें अपनी आस्तीन चढ़ाने, जोखिम उठाने के लिए अपने आराम स्थल को छोड़ने" और "सुसमाचार के प्रति निष्ठा ... भाईचारे के बारे में बात करने के लिए" एक व्यक्तिवादी दुनिया; युद्धरत विश्व में शांति की; एक अधीर और उदासीन दुनिया में गरीबों की ओर ध्यान देने के लिए प्रेरित करती है।”

अंत में, पोप फ्राँसिस ने इताली संचारकों के कार्यों को, काथलिक पत्रकारों और लेखकों के संरक्षक धन्य कार्लो अकुतिस और संत फ्राँसिस डी सेल्स को सौंप दिया ताकि वे प्रशिक्षण, सुरक्षा और साक्ष्य के रास्ते पर मार्गदर्शन कर सकें।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

23 November 2023, 16:44