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जर्मनी के काथलिको की पाँचवीं धर्माध्यक्षीय धर्मसभा, फ्रेकफर्ट, 09.03.2023 जर्मनी के काथलिको की पाँचवीं धर्माध्यक्षीय धर्मसभा, फ्रेकफर्ट, 09.03.2023  

जर्मन कलीसिया के प्रति सन्त पापा फ्राँसिस की चिंता

सन्त पापा फ्रांसिस ने जर्मनी की चार धर्मतत्व विज्ञान एवं ईशशास्त्री विद्धान महिलाओं के एक पत्र का जवाब देते हुए इस तथ्य के प्रति गहन चिन्ता व्यक्त की है कि जर्मनी की कलीसिया सार्वभौमिक कलीसिया के मार्ग से अधिकाधिक दूर जाने का जोखिम उठा रही है।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार, 22 नवम्बर 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्रांसिस ने जर्मनी की चार धर्मतत्व विज्ञान एवं ईशशास्त्री विद्धान महिलाओं के एक पत्र का जवाब देते हुए इस तथ्य के प्रति गहन चिन्ता व्यक्त की है कि जर्मनी की कलीसिया सार्वभौमिक कलीसिया के मार्ग से अधिकाधिक दूर जाने का जोखिम उठा रही है।   

ईशशास्त्री विद्धान कैथरीन वेस्टरहॉर्स्टमन एवं मारियान्ने श्लोसर तथा दर्शनशास्त्री हान्ना बार्बरा गेर्ल फाल्कोविट्स एवं डॉरथी श्मिट्स ने 06 नवम्बर को सन्त पापा फ्राँसिस को पत्र लिखकर हाल के महीनों में वाटिकन में संपन्न धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के पथ से जर्मनी की कलीसिया के दूर हटने के बारे में उत्कंठा व्यक्त की थी।

सन्त पापा का पत्र

चार ईशशास्त्री एवं दर्शन शास्त्री विद्धान महिलाओं के पत्र का प्रत्युत्तर देते हुए 10 नवम्बर को सन्त पापा फ्राँसिस ने एक पत्र में  लिखा कि वे भी "उन कई ठोस कदमों के बारे में चिंतित हैं जिनके साथ जर्मनी की स्थानीय कलीसिया के बड़े हिस्से सार्वभौमिक कलीसिया के सामान्य रास्ते से दूर जाने की धमकी दे रहे हैं।"  

वाटिकन में सम्पन्न धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में 230 धर्माधिकारियों ने भाग लिया था जिनमें, धर्माध्यक्षों एवं पुरोहितों के साथ-साथ लोकधर्मीविश्वासी भी उपस्थित रहे थे। धर्मसभा के कार्यशिविरों में समलैंगिकता, यौन नैतिकता में परिवर्तन, पुरोहितीय ब्रह्मचर्य, पुरोहितीय शक्ति, दुराचार और दुर्व्यवहार का मुकाबला, कलीसिया में  महिलाओं की भूमिका तथा पुरोहितों एवं लोकधर्मियों के बीच सहयोग और समन्वय जैसे मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित किया गया था। एक धर्माध्यक्षीय धर्मसभाई समिति के गठन का भी प्रस्ताव रखा गया था।

धर्मसभा समिति का प्रस्ताव

चार विद्वान महिलाओं ने विशेष रूप से उक्त धर्मसभाई समिति के गठन पर चिन्ता ज़ाहिर की है, "जिसका उद्देश्य एक निर्देशात्मक और निर्णय लेने वाली परिषद का प्रस्ताव तैयार करना है।"

महिलाओं को सम्बोधित पत्र में सन्त पापा ने इस बात को रेखांकित किया कि ऐसा निकाय, काथलिक कलीसिया की पवित्र संस्कारीय संरचना के साथ सामंजस्य नहीं बिठा सकता है।"

उन्होंने स्मरण दिलाया कि इस प्रकार की समिति की स्थापना को "16 जनवरी 2023 के एक पत्र के अनुसार परमधर्मपीठ द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है।

2019 व 2012 का पत्र, घोषणा

जर्मनी की तीर्थयात्री ईशप्रजा शीर्षक से 2019 में लिखे अपने पत्र का स्मरण दिलाते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा इसमें उन्होंने जर्मनी के कलीसियाई नेताओं से कार्यात्मकवादी बहाव या वैचारिक कटौती में पड़े बिना, सुसमाचार के सही रास्ते पर चलने का आह्वान किया था। तदोपरान्त, 2021 में प्रकाशित घोषणा में भी यह स्पष्ट कर दिया गया था कि धर्मसभा प्रक्रिया सैद्धांतिक निर्णय नहीं ले सकती, क्योंकि उसके पास "शासन के नए रूपों और नए सैद्धांतिक एवं नैतिक दृष्टिकोण" के लिए "धर्माध्यक्षों और विश्वासियों को बाध्य करने का अधिकार" नहीं है।  

सन्त पापा ने आशा व्यक्त की कि जर्मन पथ के प्रस्ताव सार्वभौमिक कलीसिया की धर्मसभाई पथ में विलीन हो सकेंगे तथा प्रार्थना, पश्चाताप और साथ ही परित्यक्तों, बीमारों एवं दूसरों तक पहुँच द्वारा ख्रीस्तीय सुसमाचार का साक्ष्य प्रदान कर सकेंगे।

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22 November 2023, 11:00