संत पापा: ख्रीस्तीय हिंसा और युद्ध के अंधेरे में एक रोशनी हैं
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, शुक्रवार 24 नवम्बर 2023 : “हिंसा और संघर्ष से जूझ रही आज की दुनिया को भाईचारे, शांति और दोस्ती की जरूरत है”, यह बात संत पापा फ्राँसिस ने संत पापा पॉल षष्टम हॉल में इटली में रोमाना बंधुत्व समुदाय और नाइन समूह के लगभग 500 सदस्यों का अभिवादन कर कहा।
अपने संबोधन में, संत पापा ने तीन अनुभवों पर प्रकाश डाला जो सुसमाचार के प्रकाश को जीवन के अंधकार को भेदने और जोखिम उठाने की अनुमति देते हैं: आतिथ्य, देखभाल और भाईचारा। उन्होंने कहा, वास्तव में, यह उन थके हुए और उत्पीड़ित लोगों द्वारा अनुभव किया गया अनुभव है, जो प्रकृति की सुंदरता और मौन के आकर्षण के बीच, प्राचीन रोमानस्क पल्ली गिरजाघर में कुछ दिन बिताने के लिए आते हैं, जहां रोमाना बंधुत्व समुदाय है, यह "सुंदरता, सादगी और सुनने का स्थान” है।
मेहमाननवाज़ी
सबसे पहले आतिथ्य के बारे में बोलते हुए, संत पापा ने कहा कि "रोमाना बंधुत्व समुदाय का जन्म इस भावना के साथ हुआ था, एक ऐसी जगह के रूप में जहां कोई भी घर जैसा महसूस कर सकता है; हर कोई शरीर और आत्मा में आराम करने और सुसमाचार की खुशबू को सांस लेने की इच्छा के साथ वहां पहुंच सकता है।" संत पापा ने उपस्थित लोगों को आमंत्रित करते हुए कहा, "इस भावना को कभी न खोएं, हमेशा खुलेपन और स्वागत की इस शैली को विकसित करने के लिए काम करें, स्वतंत्रता का मरूद्यान बने रहने के लिए, हर प्राणी के लिए ईश्वर के अनंत प्रेम को व्यक्त करें।"
देखभाल
इसके बाद संत पापा ने देखभाल की बात की। संत पापा ने कहा, जब हम यह शब्द सुनते हैं तो हम तुरंत येसु की करुणा के बारे में सोचते हैं। "ईश्वर के पुत्र ने पिता की उस कोमलता का प्रयोग किया और उसे अवतरित किया जो हमारी और विशेष रूप से हमारे शरीर और आत्मा के घावों की देखभाल करता है।" संत पापा ने कहा, रोमाना बंधुत्व हमें यह भी याद दिलाता है कि "ख्रीस्तीय होने का मतलब है घायलों और दर्द में पड़े लोगों की देखभाल करना, जहां सब कुछ खो गया हो वहां छोटी रोशनी जलाना।"
सामाजिक मित्रता
अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने भाईचारे की बात की। उन्होंने कहा, "यह आपके जीवन जीने का तरीका है।" रोमाना की भविष्यवाणी एकजुटता के साथ एक भाईचारे वाले विश्व के सपने को आगे बढ़ाने की है; शांति और सामाजिक मित्रता का बीज बोना है। संत पापा ने कहा, "यह अभिव्यक्ति, 'सामाजिक मित्रता', बहुत सुंदर है, लेकिन इसे आगे बढ़ाना आसान नहीं है।" उन्होंने कहा कि इस दोस्ती के खिलाफ जाने वाली सबसे बुरी चीजों में से एक "गपशप" है, जो "नुकसान पहुंचाती है और नष्ट कर देती है।" संत पापा ने कहा, "ज़ुबान संभालकर बोलें!" "क्योंकि जब किसी को गपशप करने का मन करता है और वह अपनी जीभ काटता है, तो उसकी जीभ सूज जाती है और वह गपशप नहीं कर पाता।"
जिंदगी बहुत छोटी है
अंत में, संत पापा ने इस बात पर जोर दिया कि आज की दुनिया को, जो अभी भी हिंसा और संघर्ष से ग्रस्त है, "इस भाईचारे, इस सामाजिक मित्रता" की बहुत आवश्यकता है और इसलिए उन्होंने उपस्थित प्रत्येक सदस्य से "भाईचारे के आतिथ्य का अभ्यास जारी रखने" के लिए कहा। एक ऐसी जगह की पेशकश करें जहां लोग आराम कर सकें और जहां हर कोई ईश्वर के प्यार को अनुभव कर सके और एक सार्वभौमिक भाईचारे का हिस्सा महसूस कर सके, जिसका पिता ईश्वर येसु में शुरु करना चाहते थे और येसु हमें उनके साथ और पवित्र आत्मा के साथ मिलकर निर्माण करने के लिए कहते हैं। संत पापा ने कहा, "स्वार्थी बनने के लिए जीवन बहुत छोटा है।"
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