संत पापाः स्वास्थ्य में गिरावट, देखभाल की कमी
वाटिकन सिटी
संत पापा फ्रांसिस ने बुधवार को “स्वस्थ्य प्रबंधन में नैतिकता” पर हुए एक कार्यशाला के प्रतिभागियों से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने अपने स्वास्थ्य के बारे में जिक्र करते हुए, स्वास्थ्य की देख-रेख करने का आहृवान किया।
संत पापा ने हमेशा की तरह मजाकिये लिहाज में कहा, “जैसे कि आप सभी देखते हैं, मैं जिंदा हूँ।” चिकित्सकों ने मुझे दुबई जाने नहीं दिया, क्योंकि वहाँ बहुत गर्मी है, और गर्मी से वातानुकूलित स्थिति में रहना श्वासनी के उचित नहीं है।”
संत पापा ने ईश्वर को धन्यवाद दिया कि उन्हें निमोनिया नहीं है, उन्होंने इसे “बहुत तीव्र, संक्रामक श्वासनी कहा।” उन्होंने कहा, "मुझे अब बुखार नहीं है, लेकिन एंटीबायोटिक्स और दवाइयाँ अभी भी चल रही हैं।”
शक्ति और कमजोरी
अपने स्वास्थ्य की चर्चा के उपरांत उन्होंने सामान्य रूप से स्वास्थ्य और उसकी देखभाल के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य मजबूत और नाजुक दोनों है।” व्यक्ति का स्वास्थ्य कैसा है, यह कितना लचीला, कितना मजबूत है, लेकिन यह नाजुक भी है। स्वास्थ्य की खराब देखभाल उसे कमजोर बनाता है।”
संत पापा ने कहा कि वह निवारक दवाइयों के महत्व को देखते हैं, क्योंकि यह “घटनाओं को घटित होने से पहले ही रोक देती है।”
उन्होंने सेमिनार के विषयवस्तुओं पर अपनी सराहना व्यक्त की और कहा कि लोग बीमार होने पर चिकित्सा के पास स्वास्थय लाभ हेतु जाते हैं, और जब वे ठीक हो जाते तो उन्हें अपने स्वास्थ्य की देख-रेख क रने की जरुरत है।
उन्होंने कहा, “हम न केवल चिकित्सा और औषधीय समाधान तलाशें, बल्कि अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें, स्वास्थ्य की भलाई के बारे में सोचें और उसे अच्छी तरह संरक्षित रखें।” “हमें सिर्फ इलाज नहीं बल्कि अपने स्वास्थ्य की देख-रेख भी करनी है।”
संत पापा के स्वास्थ्य की स्थिति
संत पापा शनिवार से फेफड़े के सूजन से उबर रहे हैं। फ्लू के लक्षण पाये जाने पर, सही आकलन हेतु उनका सीटी स्कैन कराया गया था। वे 1-3 दिसंबर को सीओपी-28 जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुबई जाने वाले थे, लेकिन डॉक्टरों की सलाह को सुनते हुए उन्होंने मंगलवार की शाम को अपनी यात्रा रद्द कर दी।
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