संत पापाः इतालवी तीर्थयात्रा संघः मरियम की खोज करें
वाटिकन सिटी
इटली के राष्ट्रीय तीर्थयात्रा संघ की 120वीं सालगिरह पर संत पापा ने संघ के सद्स्यों से मुलाकात करते हुए उनके कार्य की सराहना की और उन्हें अपना संदेश दिया।
संत पापा ने कहा कि आप के कार्य कलीसिया की सुन्दरता का साक्ष्य देते हैं, जो कमजोरों की चिंता करती और उनका साथ देते हुए करूणामय कार्य के द्वारा सुसमाचार की घोषणा करती है। “मैं आप के मूल्यवान कार्यों की प्रशंसा करता हूँ और इसे सदैव जारी रखने को प्रोत्साहित करता हूँ।”
मलहल और चंगाई की यात्रा
युवा जोवान्नी बतीस्ता तोमास्सी के विश्वास और तीर्थयात्रा में हुए अनुभूतियों के आधार पर स्थापित की गई इतालवी राष्ट्रीय तीर्थयात्रा संघ को अपने संदेश में संत पापा ने कहा कि तीर्थयात्रा आप के कार्यों का केन्द्र-बिन्दु है। आज भी लूर्द और विश्व के विभिन्न तीर्थस्थलों की तीर्थयात्रा का आयोजन जो आप करते हैं वह असंख्य, बीमार, असहाय, बुजुर्ग लोगों के लिए मलहम का कार्य करती है। “वे जीवन और चंगाई की यात्राएं हैं जो मानवीय जीवन के अस्तित्व को सम्मान देता है विशेषकर उन्हें जो बीमारी, दुख और अपने को टूटे स्थिति में पाते हैं।” संत पापा ने कहा कि तीर्थ में हम येसु के चेहरे को पाते हैं जो हमारी सारी कमजोरियों को अपने ऊपर लेते और हमें अपनी शक्ति और पुनरूत्थान से भरते हैं।
कलीसिया “खुला अस्पताल”
संत पापा ने इतालवी तीर्थयात्रा संघ के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आप के कार्य कलीसिया की सजीव निशानी बनती है। यह कलीसिया को एक “खुला अस्पताल” बनाती है उस समारी की भांति जो करूणा में जरुतत में पड़े व्यक्ति की सेवा हेतु आगे आता है। उन्होंने कहा, “कृपया आप याद रखें आप के कार्य करने की शैली सदैव ऐसा ही रहे।”
मरियम में विश्वास करें
आप ईश्वर के वचनों से पोषित हों और यह आप के लिए “लाठी” की भांति कार्य करे जो आप की यात्रा में आपकी मदद करता रहे जिससे आप कठिनाइयों के होने पर भी न डगमगायें। संत पापा ने संघ के सदस्यों को मरियम में विश्वास करने का आहृवान किया। “आप सदैव उनकी खोज करते हुए उनपर चिंतन करें क्योंकि उनका आलिंगन आप की तीर्थयात्रा का लक्ष्य होता है।”
ख्रीस्त जयंती की निकटता में माता मरियम का स्वरुप हमारे और भी करीब आता है, हम उनकी ओर देखें और अपने को उनके द्वारा देखने दें। “हम उनकी तरह ईश्वर की योजना को भयभीत हुए बिना “हाँ” कहें और परित्यक्त और आश्रयहीनों की देख-रेख करें। विश्वास की तीर्थयात्री माता आप के संघ के साथ सदैव बनी रहें।
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