संत पापाः जागना हृदय तैयार रखना है

संत पापा ने वाटिकन, संत मार्था के प्रार्थनालय से विश्वासियों के संग आगमन के प्रथम रविवार का देवदूत प्रार्थना पाठ किया।

वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने आगमन के प्रथम रविवार को संत मार्था के प्रार्थनालय से, विश्व के विभिन्न देशों से आये हुए विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा,  प्रिय भाइयो एवं बहनों सुप्रभात।

संत पापा ने कहा कि मेरे स्वास्थ्य में अब भी सुधार हो रहा है, अतः मैं पूरी तरह से अपने संंदेश को नहीं पढ़ सकता हूँ, इसे आज भी मान्यवर पाओलो ब्रेडा आप के लिए पढ़कर सुनायेंगे। 

आज, आगमन के प्रथम रविवार, धर्मविधि के छोटे सुसमाचार में येसु अपने संबोधन में, तीन बार हमें सीधे तौर पर “जागते रहो” कहते हैं।

अतः आज की विषयवस्तु है “जागते रहना”। हम इसे कैसे समझ सकते हैंॽ कभी-कभी इस गुण को सजा पाने के भय से प्रेरित एक मनोभाव के रुप में हम पाते हैं, मानों आकाश की ऊँचाई से कोई उल्कापिंड हमारे ऊपर गिरने वाला हो और यदि हम उसे सही समय पर दूर नहीं करते तो वह हमारे लिए विनाश का कारण बनेगा। लेकिन इसका अर्थ निश्चित रूप से यह नहीं है।

जागना भय प्रेरित नहीं है

येसु एक दृष्टांत के माध्यम हमें इसे स्पष्ट करते हैं, वे कहते हैं कि एक स्वामी अपने सेवकों के पास लौटकर आयेगा जो उनकी राह देख रहे होते हैं। धर्मग्रँथ के अनुसार सेवक अपने स्वामी का विश्वासभजन है, जिसके संग उसका अच्छा और एक प्रेमपूर्ण संबंध बना हुआ है। हम इसे मूसा से संबंधित एक उदाहरण से समझ सकते हैं जिसे ईश्वर के सेवक स्वरुप परिभाषित किया जाता है। वहीं हम माता मरियम को भी अपने में यह कहते हुए सुनते हैं, “देखिए मैं प्रभु की दासी हूँ।” अतः सेवक का जागते रहना भय से प्रेरित नहीं है, लेकिन यह चाह से उत्पन्न होता है, जहाँ वह अपने स्वामी के आने पर उनसे मिलने की प्रतीक्षा करता है। वे उनके आने की राह देखते हैं क्योंकि वे उसे प्रेम करते हैं, वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आने पर वे स्वागत किये जायें औऱ अपने घर को साफ-सुथरा पायें। वे उन्हें पुनः पाकर खुश होते हैं, यहाँ तक कि उनके लौटने पर एक बड़े परिवार के रूप में, महोत्सव स्वरूप मनाने की सोचते हैं, जिसका अंग वे अपने को समझते हैं।

प्रेम भारी आशा में जीवन

हम सबों के लिए यह प्रेम भरी आशा है जहाँ हम ईश्वर के वापस आने की तैयारी करते हैं- जिसे हम कुछ सप्ताहों के बाद ख्रीस्त जंयती के रुप में मानयेंगे। हम अंतिम समय की तैयारी करते हैं जहाँ वे अपनी महिमा में लौटकर आयेंगे। वे रोज दिन हमारे लिए यूखारीस्तीय बलिदान में मिलने आते हैं, जहाँ हम उनके वचनों को सुनते, उन्हें विशेष रूप से जरूरत में पड़े अपने भाई-बहनों में पाते हैं।

जागना- हृदय तैयार रखना

अतः इन सप्ताहों में विशेष रुप से, हम सावधानी पूर्वक अपने हृदय को तैयार करें, जिससे यह उनके स्वागत हेतु साफ-सुथरा रहे। वास्तव में, जागते रहने का अर्थ अपने हृदय को तैयार रखना है। यह हमारे लिए एक संतरी के मनोभाव को व्यक्त करता है जो रात के थकान होने पर भी अपने को निद्रा के प्रलोभन में पड़ने नहीं देता है बल्कि जागते रहता औऱ भोर होने की प्रतीक्षा करता है। येसु हमारी ज्योति हैं औऱ यह हमारे लिए अति सुन्दर बात है कि हम उनके स्वागत हेतु अपने हृदय को, प्रार्थना और करूणामय कार्यो के माध्यम तैयार करें। ये दो तैयारियाँ उन्हें हमारे संग रहने में सहज बनाती हैं। इस संदर्भ में, एक प्रार्थनामय व्यक्ति, टूर्स के संत मार्टिन  जिन्होंने अपने परिधान के आधे भाग को एक भिखारी के लिए दे दिया कहते हैं कि मैंने सपने में येसु को उस परिधान को पहने देखा।

यहाँ हमारे लिए ख्रीस्त जंयती का एक सुन्दर कार्यक्रम है-येसु ख्रीस्त को अपने भाई-बहनों में मिलना जिन्हें हमारी जरुरत है, जिनमें हम येसु को अपने लिए पाते हैं, जिन्हें हम अपना समय देते, सुनते और ठोस रुप में सहायता करते हैं। येसु ख्रीस्त उनके द्वारा हमारे पास आते हैं।

हमारी तैयारी कैसी हो

प्रिय भाइयो, हमारे लिए यह अच्छा है कि हम अपने में पूछें कि हम कैसे अपने हृदय को येसु का स्वागत करने हेतु तैयार करते हैं। हम उनकी क्षमा, उनके वचनों, उनके संग मेज में और प्रार्थना हेतु समय निकालते हुए जरुरतमंदों के पास जाते और ऐसा करते हैं। हम व्यर्थ की चीजों की चिंता किये बिना और शिकायत किये बिना अपने में उनकी आशा को जागृत करें, लेकिन हम अपने हृदय को सचेत रखें, अर्थात उनके प्रति रुचि रखते हुए, जागरूकता और अपनी तैयारी में उनसे मिलने हेतु अधीर रहें।

माता मरियम जो प्रतीक्षा की नारी हैं हमें अपने बेटे का स्वागत करने में हमारी मदद करें जो हमारे पास आते हैं।

संत पापा की आपील

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा फ्रांसिस ने पुनः सभों का अभिवादन करते हुए कहा कि इस्रराएल और  फिलीस्तीन की स्थिति गंभीर है। यह दुःख की बात की युद्धविराम संधि टूट गई है इसका अर्थ मृत्यु, विनाश और मानवीय त्रासदी है। बहुत से बंधकों को छोड़ा गया है लेकिन अब भी गाजा में बहुत से लोग बंदी हैं। हम उनके बारे में सोचें, उनके परिवारों को जो आशा में बने रहते हुए अपने प्रियजनों को पुनः आलिंगन करने की सोचते हैं। गाजा की स्थिति बहुत ही तकलीफ भरी है, हम वहाँ बुनियादी आवश्यकताओं की कमी हो पाते हैं। मैं आशा करता हूँ कि वे जो इसमें संग्लन हैं वे एक नये युद्धविराम की संधि हेतु सहमत हो सकें और हथियारों के बदले शांति स्थापना के मार्ग में आगे बढ़ने का साहस करें।

संत पापा ने फिलिपीन्स के गिरजाघऱ में हुए एक बम विस्फोट के शिकार लोगों की याद की। उन्होंने कहा कि मैं मिंडानाओ के लोगों के करीब हूँ जिन्हें पहले से बहुत दुःख का सामना करना पड़ा है।  

कोप-28 में सहभागिता

यद्यपि दूर से ही, मैं दुबई में हो रहे कोप-28 के कार्यों और विचार-मंथनों में सहभागी हो रहा हूँ। मैं निकटता से उनका अनुसरण कर रहा हूँ। मैं ठोस राजनीतिक परिवर्तनों के साथ जलवायु परिवर्तन की प्रतिक्रिया हेतु अपनी अपील को दुहराता हूँ, आइए हम विशिष्टतावाद और राष्ट्रवाद, अतीत की मानसिकता से बाहर निकलते हुए एक सामान्य दृष्टिकोण को अपनाएं। हम एक आवश्यक वैश्विक रूपांतरण के लिए, बिना देरी के हर संभव प्रयास करें।

असाधरण योग्य जनों की याद 

संत पापा ने अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस के अवसर पर शारीरिक रुप में असक्षम लोगों की याद करते हुए कहा कि हम उन्हें अपने समाज का एक सम्पूर्ण अंग बनने में मदद करें जिससे वे अपने में पूर्ण मानव होने का अनुभव कर सकें। परिवारों में, पल्लियों, विद्यालयों, कार्यस्थलों और खेलकूद में हम हर व्यक्ति के गुणों और योग्यताओं का सम्मान करना सीखें जिससे कोई भी अपने को छोड़ा हुआ महसूस न करे।

इसके उपरांत संत पापा ने रोम और इटली तथा विश्व के विभिन्न स्थानों से आये हुए तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया, विशेष रूप से पोलैंड के लोगों का जो हाल ही में धन्य घोषित किए गए उलमा शहीद परिवार के सम्मान में, रोम में आयोजित कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। उन्होंने फ्लोरेंस, सियेना, बिरिंदिसी, कोसेन्सा और आदरानो पल्लियों से आये हुए तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया।

अंत में संत पापा फ्रांसिस ने सभों को शुभ रविवारीय मंगलकामनाएं देते हुए एक अच्छे आगमन काल की यात्रा के लिए शुभकामनाएँ अर्पित कीं और अपने लिए प्रार्थना का निवेदन करते हुए सभों से विदा लीं। 

 

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03 December 2023, 17:35