बाल गायक दल (पुएरी कंतोरेस) के अंतरराष्ट्रीय संघ के 3,500 सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस बाल गायक दल (पुएरी कंतोरेस) के अंतरराष्ट्रीय संघ के 3,500 सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

पोप फ्राँसिस : गायन हृदय छू सकता, प्रार्थना गहरा कर सकता है

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 30 दिसम्बर को वाटिकन के पौल षष्ठम सभागार में बाल गायक दल (पुएरी कंतोरेस) के अंतरराष्ट्रीय संघ के 3,500 सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने कलीसियाई समुदाय की प्रार्थना के लिए एक आनंदमय स्वर-संगति के रूप में कोरल संगीत की प्रशंसा की।

वाटिकन न्यूज 

वाटिकन सिटी, शनिवार, 30 दिसंबर 2023 (रेई) : "गायन और संगीत दिलों को छू सकते हैं, सुंदरता दे सकते हैं और उत्साह और आशा बहाल कर सकते हैं।"

संत पापा ने कहा, “आपने अपने सुंदर गायन से मेरा स्वागत किया है और आपकी उपस्थिति ने इस हॉल को सजीव बना दिया हैं। आप जो करते हैं वह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आपकी आवाज समुदायों को प्रार्थना करने, प्रभु के लिए अपना दिल खोलने में मदद करती है, और यह कलीसिया के जीवन के लिए मौलिक है। मैं आपको बहुत धन्यवाद देता हूँ, और मैं आपकी सेवा के तीन प्रमुख शब्दों पर चिंतन करना चाहूँगा: आनंद, प्रार्थना और विनम्रता।

आनन्दमय स्वर-संगति

संत पापा ने आनंद पर चिंतन करते हुए बाल गायकों से कहा, “गाना आनंददायक है, खासकर, जब यह गायन मंडली में गाया जाता है। गायन में आपको जो आनंद मिलता है वह एक उपहार है जो आपको उन लोगों से मिला है जिन्होंने आपके द्वारा प्रस्तुत संगीत को तैयार किया है, उन लोगों से जिन्होंने इसे आपको सिखाया है, और उन लोगों से जिन्होंने इसे आपको सौंपा है।”

संत पापा ने कहा कि जिन गानों को वे गाते हैं उन्हें पहले भी कितने बच्चों और युवाओं ने उसी सुर में गाया है! वे उनके जैसे ही लड़के और लड़कियाँ थे, जीवन और सपनों से भरे हुए, जिन्हें खेलना और एक साथ रहना पसंद था, और जिन्होंने उनकी तरह, सीखने, प्रदर्शन करने और जो कुछ उन्हें मिला था उसे सौंपने के लिए उन्होंने उदारतापूर्वक समय और मेहनत समर्पित किया।

संत पापा ने बहुमूल्य उपहार को ग्रहण करने एवं उसे दूसरों को हस्तांतरित करने की क्रिया को अति सुन्दर कहा तथा बतलाया कि “ईश्वर प्रसंन्नता से देनेवाले को प्यार करते हैं।” (2 कोरि.9:7) उन्होंने कहा, “जब आप अपने संगीत में उत्साह भरते हैं तब आप उन लोगों को बड़ा उपहार देते हैं जो आपको सुनते हैं। हमारी दुनिया में हम कितना अधिक आनन्द चाहते हैं। आज, बहुत से लोग, यहाँ तक कि युवा भी, दुःखी या उदासी महसूस करते हैं। जबकि गायन और संगीत दिलों को छू लेते हैं, सुंदरता दे सकते हैं और उनके जीवन में उत्साह एवं आशा बहाल कर सकते हैं।”

प्रार्थनामय साथ

संत पापा ने गौर किया कि वे साधारण कलाकार नहीं हैं बल्कि “निर्वाहक” हैं। उन्होंने कहा, “आप अपने संगीत से दूसरों को प्रार्थना करने में मदद करते हैं। इसलिए आपमें से प्रत्येक के लिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपना दिल येसु के करीब रखें, न केवल गाते समय, बल्कि हमेशा, और यह प्रार्थना में हर दिन किया जा सकता है। यदि आपका हृदय येसु के प्रति प्रेम से भरा है, तो यह आपकी आवाज़ में झलकता है; यह एक तीर की तरह है जो निशाने पर लगता है और लोगों के दिलों तक पहुंचता है। संत अगुस्टीन कहते हैं “गाना उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो प्यार करते हैं।” और जो गाना गाते हैं वे दो बार प्रार्थना करते हैं। यह सच है कि गाना एक प्रेम का कार्य है। जब हम गाते हैं तब हम शब्दों एवं संगीत से, हृदय और आवाज से, भक्ति एवं कला से प्रार्थना करते हैं। भजन गाते हुए हम क्षमाशील, पवित्र, भले, हमारी आवश्यकताओं पर ध्यान देनेवाले एवं हमेशा हमारे साथ चलनेवाले ईश्वर से मुलाकात करते हैं। इतना ही नहीं, संत पापा ने कहा, “एक साथ गाकर और प्रार्थना करके, सद्भाव में, एक-दूसरे को सुनकर, एक-दूसरे की प्रतीक्षा करके, अपनी आवाज और गति को अन्य सभी की आवाज के साथ जोड़कर, आप बड़े समुदाय को भी ऐसा करने में मदद करते हैं।” आप सिखलाते हैं कि एक साथ चलना एवं बढ़ना कितना अच्छा है।

प्रभु के विनम्र सेवक

संत पापा ने तीसरे बिन्दू विनम्रता पर चिंतन करते हुए कहा, “गाना विनम्रता की एक पाठशाला है, क्योंकि गायक, एकल भागों में भी, हमेशा गायक मंडली का हिस्सा होता है, और यह सभी की सेवा में होता है, यहां तक कि निर्देशक की भी।”

उन्होंने कहा, “आपका गाना और भी अधिक दीनता है क्योंकि यह ईश्वर की सेवा है : यह एक ओर दूसरों को प्रभु से मुलाकात करने में मदद करता है, वहीं यह सही समय पर एक तरफ हटने में भी सक्षम है, यह मौन के लिए जगह छोड़ता है, ताकि हर कोई चुपचाप उन शब्दों को सुन सके जिनको येसु हम में से प्रत्येक से कहना चाहते हैं।”

हालांकि, संत पापा ने उन गायकों को सचेत किया जो लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचना चाहते हैं, दूसरों से अलग दिखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे अच्छे गायक नहीं हैं क्योंकि वे सभी के कार्यों को बिगाड़ने की जोखिम उठाते हैं। अतः संत पापा ने बाल गायकों को सलाह दी कि वे अलग दिखने की कोशिश न करें, विनम्रता से आनेवाली एकता के साथ, एक होकर गाने की कोशिश करें; इस तरह उनका संगीत ईश्वर और एक-दूसरे के साथ सच्ची मित्रता व्यक्त करेगा।

उत्साह के साथ गाना

संत पापा ने बाल गायकों के सुर में सुर मिलाकर गाने की सराहना करते हुए कहा कि इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है जो सभी के लिए एक सीख है। एक साथ अच्छा से गाने के लिए प्रयास की आवश्यकता होती है, उसी तरह एक साथ अच्छा से रहने के लिए भी प्रयास की आवश्यकता होती है। “आपके प्रदर्शन के सामंजस्य, आपकी आँखों की रोशनी और आपकी आवाज की सुंदरता के साथ, आप हमें यह समझने में मदद करते हैं कि प्रयास बेकार नहीं होता!”

संत पापा ने गौर किया कि संगीत से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं, खासकर, भक्तिगीतों से, जिनका आधार ईश वचन होता। इस वरदान को प्राप्त करने के लिए बाल गायकों को सौभाग्यशाली बतलाते हुए संत पापा ने उनकी सेवाओं के लिए उन्हें धन्यवाद दिया तथा इस कार्य को उत्साह पूर्वक जारी रखने की शुभकामनाएँ दीं।

अंत में, नये वर्ष की शुभकामनाएँ देते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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30 December 2023, 15:02