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साप्ताहिक आम दर्शन समारोह के दौरान बच्चों के साथ सन्त पापा फ्राँसिस, 27.12.2023 साप्ताहिक आम दर्शन समारोह के दौरान बच्चों के साथ सन्त पापा फ्राँसिस, 27.12.2023  (ANSA)

विश्व में आज भी हेरोद की बुराई कायम है, सन्त पापा फ्राँसिस

सन्त पापा फ्राँसिस ने 28 दिसम्बर को माता कलीसिया द्वारा घोषित निर्दोष शहीदों के पर्व पर दो ट्वीट में सन्देशों में उन मृतकों की याद की जो आप्रवास के दौरान मार्गों में ही ख़त्म हो गये हैं अथवा युद्धों और हिंसा से तबाह हुए क्षेत्रों में मृत्यु और पीड़ा भोग रहें हैं और जिनसे आज भी धरती रक्तरंजित है।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 29 दिसम्बर 2023 (रेई, वाटिकन सिटी) सन्त पापा फ्राँसिस ने 28 दिसम्बर को माता कलीसिया द्वारा घोषित निर्दोष शहीदों के पर्व पर दो ट्वीट में सन्देशों में उन मृतकों की याद की जो आप्रवास के दौरान मार्गों में ही ख़त्म हो गये हैं अथवा युद्धों और हिंसा से तबाह हुए क्षेत्रों में मृत्यु और पीड़ा भोग रहें हैं और जिनसे आज भी धरती रक्तरंजित है।

बुराई की साजिशें

सन्त पापा फ्राँसिस के विचार, विशेष रूप से, नन्हें बच्चों तथा अजन्मे बच्चों के प्रति अभिमुख हैं, जो बुराई की साजिशें, पाखंड और छिपाव की छाया में नष्ट हो जाते हैं।

ग़ौरतलब है कि क्रिसमस महापर्व के कुछ ही दिनों बाद काथलिक कलीसिया उन निर्दोष बच्चों का स्मरण करती है जिन्हें तीन ज्ञानियों से बेथलोहेम में "यहूदियों के राजा" रूप में एक बालक के जन्म की बात सुनने के उपरान्त क्रूर राजा हेरोद ने मरवा डाला था।  

सन्त पापा फ्रांसिस ने अपने अकाऊँट @Pontifex पर प्रकाशित एक ट्वीट में लिखा: "आज, हेरोद के समय की तरह, दिव्य प्रकाश का विरोध करनेवाली बुराई की साजिशें, पाखंड और छिपाव की छाया में जारी हैं: बहुतों की जानकारी के बिना, बहरा कर देने वाली चुप्पी के साथ आज भी कितने सशस्त्र नरसंहार होते हैं!”

गुरुवार को ही एक दूसरे ट्वीट सन्देश में, वे कहते हैं: “विश्व में निर्दोषों के कितने नरसंहार: मातृ गर्भ में, आशा की तलाश में हताश लोगों के मार्गों में तथा युद्ध के कारण बच्चों का बाल्यकाल ही तबाह हो गया है। ये बच्चे आज के नन्हें येसु हैं।"

सन्त मत्ती रचित सुसमाचार के अनुसार, "तब भविष्यवक्ता येरेमियाह के माध्यम से जो कहा गया था वह पूरा हुआ: "रामा में एक चीख सुनाई दी, एक रोना और एक महान विलाप: राखेल अपने बच्चों के लिए रोती है और सांत्वना नहीं पाना चाहती, क्योंकि वे अब नहीं रहे"।

"निर्दोषों का नरसंहार"

कई बार, जैसे कि क्रिसमस पर, सन्त पापा फ्रांसिस ने यूक्रेन, सीरिया, यमन, आर्मेनिया, अज़रबैजान, सूडान, कांगो जैसे देशों तथा गाज़ा पट्टी में चल रहे संघर्षों तथा विशेष रूप से युद्ध और तबाही के पीड़ितों को याद करते हुए "निर्दोषों का नरसंहार" शब्दों का उच्चार किया है।

रोम तथा सम्पूर्ण विश्व के नाम अपने उरबी एत ओरबी संदेश में उन्होंने वर्तमान में जारी हथियारों की होड़ को समाप्त करने की अपील की, जो युद्धों को फिर से भड़का रही है। उन्होंने कहा, "लोग हथियार नहीं बल्कि रोटी चाहते हैं, वे आगे बढ़ने और शांति के लिए संघर्ष करते हैं। इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिये कि हथियारों के लिए कितना धन आवंटित किया जाता है।" उन्होंने कहा, "लोगों को इसका पता होना चाहिए कि कितना धन हथियारों के लिये व्यय किया जाता! इसके बारे में बात करें, इसके बारे में लिखें, ताकि हम उन हितों और मुनाफे को जान सकें जो युद्धों के धागे को आगे बढ़ाते हैं।"

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29 December 2023, 08:33