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सालुस पोपुली रोमानी माता मरियम के सामने प्रार्थना करते हुए संत पापा फ्राँसिस सालुस पोपुली रोमानी माता मरियम के सामने प्रार्थना करते हुए संत पापा फ्राँसिस 

निष्कलंक गर्भाधान पर्व के दिन संत पापा ने शांति के लिए प्रार्थना

निष्कलंक गर्भाधान पर्व दिवस पर संत पापा फ्राँसिस 'मारिया सालुस पॉपुली रोमानी' के प्राचीन रोमन प्रतीक को श्रद्धा सुमन चढ़ाने देने के लिए संत मरिया मेजर महागिरजाघऱ गये और फिर वहाँ से परंपरा अनुसार धन्य कुँवारी मरिया का दर्शन करने के लिए रोम के केंद्र में स्थित पियाज़ा दी स्पानिया गये। वहां विश्व में, विशेषकर यूक्रेन और पवित्र भूमि में शांति के उपहार के लिए प्रार्थना की।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शनिवार 9 दिसम्बर 2023 : संत पापा फ्राँसिस ने 8 दिसंबर को संत मरिया मेजर महागिरजाघर में प्राचीन रोमन प्रतीक 'मारिया सालुस पोपुली रोमानी' (रोम वासियों की संरक्षिका) को तीन सुनहरे गुलाब अर्पित करके निष्कलंक गर्भाधान के पर्व को चिह्नित किया और परंपरा अनुसार रोम के केंद्र में स्थित पियाज़ा दी स्पानिया के निकट, पियाज़ा मिग्नानेली में कुँवारी माता मरियम की मूर्ति के समक्ष फूलों का गुच्छा अर्पित किया।

संत पापा फ्राँसिस 'मारिया सालुस पॉपुली रोमानी' के सामने प्रार्थना करते हुए
संत पापा फ्राँसिस 'मारिया सालुस पॉपुली रोमानी' के सामने प्रार्थना करते हुए

'मारिया सालुस पोपुली रोमानी' के चरणों में रखे गए सुनहरे गुलाब

संत पापा ने सबसे पहले शुक्रवार दोपहर को ईश्वर की माँ को समर्पित महागिरजाघर का दौरा किया, और वहाँ उन्होंने रोम वासियों की संरक्षिका के चरणों में तीन सुनहरे गुलाब रखे। यह प्राचीन और अत्यधिक प्रतीकात्मक संकेत के रुप में सुनहरे गुलाब देने वाले तीसरे परमाध्यक्ष हैं। इससे पहले 1613 में संत पापा पॉल पंचम ने दी थी।

संत पापा के आशीर्वाद के प्रतीक इस उपहार की परंपरा मध्य युग से चली आ रही है। सुनहरे गुलाब अर्पित करना संत पापा फ्राँसिस का ईश्वर की माता के साथ गहरे संबंध को दिखाता है।

पियाजा दी स्पानिया में  39 फूट उँचे स्तंभ में निष्कलंक  माता मरिया  की मूर्ति
पियाजा दी स्पानिया में 39 फूट उँचे स्तंभ में निष्कलंक माता मरिया की मूर्ति

पियाज़ा दी स्पानिया में कुँवारी मरिया को श्रद्धांजलि

'मारिया सालुस पोपुली रोमानी' को श्रद्धांजलि देने के बाद, संत पापा फ्राँसिस ने निष्कलंक गर्भाधान की प्रतिमा के समक्ष धन्य कुँवारी मरिया की पारंपरिक भक्ति करने के लिए पियाज़ा दी स्पान्या का दौरा किया।

संत पापा फ्राँसिस ने निष्कलंक गर्भाधान की प्रतिमा के समक्ष धन्य कुँवारी मरिया की पारंपरिक भक्ति करने के लिए पियाज़ा दी स्पान्या का दौरा किया।

वहां, कुँवारी मरिया की मूर्ति वाले 39 फुट ऊंचे स्तंभ के नीचे गुलाब के फूलों का गुच्छा चढ़ाने के बाद, उन्होंने दुनिया में शांति के उपहार का आह्वान करते हुए प्रार्थना की।

माता मरिया की विवेकशील और निरंतर उपस्थिति हमें आराम और आशा देती है

संत पापा ने कुँवारी माता मरिया, जो हमें आराम और आशा देती है", उसके "विवेकपूर्ण और निरंतर उपस्थिति के लिए धन्यवाद देते हुए प्रार्थना शुरू की।

उन्होंने कहा, “आपका व्यक्तित्व, आपका अस्तित्व, हमें याद दिलाता है कि बुराई न तो पहला शब्द होता है और न ही अंतिम शब्द; हमारा लक्ष्य मृत्यु नहीं बल्कि जीवन है, यह नफरत नहीं बल्कि भाईचारा है, यह संघर्ष नहीं बल्कि सद्भाव है, यह युद्ध नहीं बल्कि शांति है।”

माता मरिया को यूक्रेन, फ़िलिस्तीन और इज़राइलियों  को सौंपना

इसके बाद संत पापा ने "अन्याय और गरीबी और युद्ध से पीड़ित सभी लोगों" को उनकी दया पर छोड़ दिया, विशेष रूप से "पीड़ित यूक्रेनी लोगों" और फिलिस्तीनी और इजरायली लोगों का जिक्र किया जो "हिंसा के चक्र में वापस चले गए हैं।"

संत पापा ने उन कई माताओं की ओर भी विचार किया, जो युद्ध और आतंकवाद से मारे गए अपने बच्चों के खोने का दुख मना रही हैं, या जो उन्हें हताश छोड़कर आशा की यात्रा पर जाते हुए देखती हैं, या उन्हें बुरी लतों से बचाने की कोशिश कर रही हैं और जो लंबी और कठिन बीमारी में उनकी देखभाल करती हैं।

शोक संतप्त माताओं और लैंगिक हिंसा के पीड़ितों के लिए प्रार्थना

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने हिंसा की शिकार सभी महिलाओं को माता मरियम की सुरक्षा में समर्पित किया और प्रार्थना की,: “कृपया, उनके और उनके प्रियजनों के आँसू सुखाएँ।''

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने धन्य कुँवारी मरिया से "परिवर्तन का मार्ग दिखाने का आग्रह किया, क्योंकि, क्षमा के बिना कोई शांति नहीं है और पश्चाताप के बिना कोई क्षमा नहीं है।"

“यदि दिल बदलते हैं तो दुनिया बदल जाती है और हर किसी को कहना होगा: यह मेरे साथ शुरू होगा। लेकिन केवल ईश्वर ही अपनी कृपा से मानव हृदय को बदल सकते हैं: जिनमें आप, मरिया, पहले क्षण से उपस्थित हैं। येसु मसीह की कृपा, हमारे प्रभु, जिसे आपने शरीर में धारण किया, जो हमारे लिए मर गया और फिर से जी उठा और जिसकी ओर आप हमेशा इशारा करती हैं। वे प्रत्येक मनुष्य और संसार के मुक्तिदाता हैं। आइये, प्रभु येसु! आपका प्रेम, न्याय और शांति का राज्य आये! आमेन।"

 

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09 December 2023, 15:57