संत पापा फ्राँसिस ने ग्वादालूपे की माता मरियम के पर्व के लिए संत पेत्रुस महागिरजाघर में पवित्र मिस्सा समारोह का अनुष्ठान किया संत पापा फ्राँसिस ने ग्वादालूपे की माता मरियम के पर्व के लिए संत पेत्रुस महागिरजाघर में पवित्र मिस्सा समारोह का अनुष्ठान किया   (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

संत पापा: माता मरियम हमें सद्गुणों का स्वागत करने की याद दिलाती है

संत पापा फ्राँसिस ने ग्वादालूपे की माता मरियम के पर्व के लिए संत पेत्रुस महागिरजाघर में पवित्र मिस्सा समारोह का अनुष्ठान किया जिसमें करीब तीन हजार विश्वासियों ने भाग लिया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बुधवार 13 दिसंबर 2023 : लैटिन अमेरिका की कलीसिया 12 दिसंबर को अपनी संरक्षिका ग्वादालूपे की माता मरियम का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाती है। इस दिन शाम 6 बजे संत पापा ने संत पेत्रुस महागिरजाघर में पवित्र मिस्सा समारोह का अनुष्ठान किया। पवित्र मिस्सा के दौरान अपना उपदेश, संत पापा फ्राँसिस ने संत जुआन डिएगो के तिल्मा, या लबादे पर संरक्षित चमत्कारी छवि पर ध्यान केंद्रित किया, जिसे माता मरियम ने दर्शन दिए थे।

संत पापा ने कहा, "यह पहले शिष्य की, सभी विश्वासियों की मां की, स्वयं कलीसिया की छवि है," हम जो हैं और जो हमारे पास है, वह सब विनम्रता में अंकित है, जो अधिक मूल्यवान नहीं है, लेकिन जो परमेश्वर की दृष्टि में बहुत महान होगा।”

ग्वादालूपे की माता मरियम के पर्व दिवस पर संत पापा ने मिस्सा समारोह का अनुष्ठान किया

संत पापा ने उस "छोटे काम" पर विचार किया जो मरिया ने जुआन डिएगो को कुछ फूल इकट्ठा करने के लिए दिया था। उन्होंने समझाया, " रहस्यमय फूल उन गुणों को दर्शाते हैं जो ईश्वर हृदय में पैदा करते हैं, वे हमारे अपने काम नहीं हैं। ईश्वर चाहते हैं कि हम उन फूलों रुपी उपहार को स्वीकार करें, हमारी कमजोर वास्तविकता को अच्छे कार्यों से सुगंधित करें, नफरत और भय को खत्म करें।"

इसके बाद संत पापा फ्राँसिस ने ग्वादालूपे के संदेश और माता मरियम के शब्दों की ओर रुख किया, " मैं जो आपकी मां हूँ, क्या मैं यहां नहीं हूँ?" संत पापा ने कहा, ये शब्द दिखाते हैं कि कुँवारी मरिया का "अस्तित्व" इन गरीब कपड़ों पर स्थायी रूप से अंकित रहना है, जो एक ऐसी दुनिया में एकत्रित गुणों से सुगंधित है जो उन्हें पैदा करने में असमर्थ लगता है।

उन्होंने कहा, ये गुण, "प्रेम के छोटे-छोटे भावों की सरलता में हमारी गरीबी को दूर करते हैं।" वे "हमारे लबादे को, बिना हमें एहसास कराये बिना, एक ऐसी कलीसिया की छवि से रोशन करते हैं जो मसीह को अपनी गोद में रखती है।"

संत पापा ने अपने प्रवचन को अंत करते हुए कहा कि लबादे पर यह छवि, एक सरल संदेश है, जिसे किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है। "यह एक संदेश है जो हमें कई सामाजिक और राजनीतिक विचारधाराओं से बचाता है" जो अक्सर खुद को सही ठहराने के लिए ग्वादालूपे की माता मरियम की छवि का उपयोग करना चाहते हैं। लेकिन, ग्वादालेप का संदेश किसी भी प्रकार की विचारधारा को बर्दाश्त नहीं करता है। "केवल छवि, लबादे, गुलाब," बचे हैं।

 

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

13 December 2023, 16:08