सन्त पापा फ्राँसिस के शांतिदूत क्रायेस्की पवित्रभूमि में
वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 22 दिसम्बर 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित उदारता कार्यों सम्बन्धी परमधर्मपीठीय कार्यालय के अध्यक्ष कार्डिनल कॉनराड क्रायेस्की को इन दिनों पवित्र भूमि के दौरे पर प्रेषित किया है ताकि ख्रीस्तजयन्ती की इस अवधि में वे जैरूसालेम के प्राधिधर्माध्यक्ष पित्साबाल्ला के साथ मिलकर इसराएली एवं फिलीस्तीनियों के बीच शांति हेतु प्रार्थना कर सकें।
कलीसिया की एकात्मता
परमधर्मपीठीय कार्यालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि कार्डिनल क्रायेस्की का मिशन उन लोगों तक सन्त पापा फ्राँसिस एवं सार्वभौमिक कलीसिया की एकात्मता को पहुँचाना है जो इसराएली-हमस युद्ध के कारण अकथनीय दुख भोग रहे हैं।
कहा गया कि "यह वास्तव में सन्त पापा फ्राँसिस की इच्छा है कि कार्डिनल क्रायेस्की की यह यात्रा प्रार्थनाओं सहित उन क्षेत्रों में शांति का उपहार बने जहां हथियारों का शोर अभी भी गूंज रहा है।" ऐसी शांति जिसका आह्वान एक महान प्रार्थना में किया जाएगा जिसे सन्त पापा के दूत कार्डिनल क्रायेस्की, "शांति के राजकुमार और दुनिया में शांति की एकमात्र आशा येसु के जन्म का जश्न मनाने के लिए", जैरूसालेम के कार्डिनल पियरबतिस्ता पित्साबाल्ला और पूरी स्थानीय कलीसिया के साथ मिलकर करेंगे।
प्रार्थना, सहायता एवं शांति का मिशन
कार्डिनल क्रायेस्की के लिये यह एक बार फिर रोम से दूर क्रिसमस होगा। विगत वर्ष, वास्तव में, वे बिजली जनरेटर और थर्मल शर्ट के वितरण हेतु यूक्रेन गए थे, जिसे हजारों लोगों ने ऑनलाइन सदस्यता के माध्यम से दान किया था।
पवित्र भूमि में इस बार कार्डिनल क्रायेस्की अपने दिल में उस प्रार्थना को लिये हैं जिसका पाठ सन्त पापा फ्राँसिस ने 8 जून 2014 को वाटिकन उद्यान में इजरायली राष्ट्रपति शिमोन पेरेज़ और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास की उपस्थिति में किया था। यह प्रार्थना आज भी बहुत प्रासंगिक हैः
प्रभु शांति के ईश्वर, हमारी विनती सुनें!
हमें शांति दें, हमें शांति सिखाएं, शांति की ओर हमारा मार्गदर्शन करें। हमारी आंखें और दिल खोलें और हमें यह कहने का साहस दें: "फिर कभी युद्ध नहीं!"; "युद्ध से सब कुछ नष्ट हो जाता है!" हमारे अंदर शांति स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाने का साहस पैदा करें। विभाजन, नफरत, युद्ध! ये शब्द हर आदमी के मनोमस्तिष्क से गायब हो जाएं: ईश्वर, जीभ और हाथों को निष्क्रिय करें, दिल और दिमाग को नवीनीकृत करें, ताकि जो शब्द हमें एक साथ लाता है वह हमेशा "भाई" हो, और हमारे जीवन की शैली: शालोम, शांति, सलाम! बन जाए।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here