सिरो-मालाबार काथलिकों से सन्त पापा: एक धर्मपन्थ न बनें
वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 8 दिसम्बर 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): केरल के एर्नाकुलम-अंगामली सिरो मलाबार महाधर्मप्रान्त को एक विडियो सन्देश प्रेषित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने धर्मविधि को लेकर हो रहे आंदोलन की निंदा की और एकता की अपील की है।
आराधना और अर्चना पर लंबे समय से चल रहे विवाद की पृष्ठभूमि में, सन्त पापा फ्राँसिस ने एर्नाकुलम-अंगामली सिरो-मालाबार महाधर्मप्रान्त के विश्वासियों से पवित्र धर्मसभा के निर्णयों का पालन करने अथवा कलीसिया की सहभागिता के बाहर घोषित होने का जोखिम उठाने का आह्वान किया।
सिरो-मालाबार कलीसिया
रोम से संयुक्त सिरो-मालाबार कलीसिया पूर्वी रीति की कलीसियाओं में दूसरी सबसे बड़ी कलीसिया है, जिसमें श्रद्धालुओं की संख्या लगभग42 लाख 50 हज़ार है। एर्नाकुलम-अंगामाली महाधर्मप्रान्त, सिरो-मालाबार कलीसिया की प्रधान प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ भी है।
पवित्र यूखारिस्तीय समारोह को मनाए जाने के तरीके को लेकर महाधर्मप्रान्त संघर्ष का केंद्र रहा है। सिरो-मलाबार कलीसिया की सर्वोच्च धर्माध्यक्षीय धर्मसभा ने यूखारिस्तीय धर्मविधि या "कुरबाना" के संबंध में एक समझौतावादी धर्मविधि का समर्थन कर उसे लागू किया। धर्मसभा के इस फैसले को हालांकि कलीसिया के भीतर अन्य धर्मप्रान्तों ने स्वीकार किया, एर्नाकुलम-अंगामली सिरो मलाबार महाधर्मप्रान्त ने बड़े पैमाने पर इसे मानने से इनकार कर दिया है, जिससे संघर्ष शुरु हो गया है जो कभी-कभी हिंसा में भी परिणत हुआ है।
सन्त पापा फ्राँसिस ने विडियो सन्देश में इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित कराया है कि संघर्ष का कारण सांसारिक स्वार्थ है जिसका धर्मविधि से कोई लेन-देन नहीं है।
काथलिक कलीसिया में बने रहें
सन्त पापा ने सन्देश में महाधर्मप्रान्त के विश्वासियों को आश्वासन दिया है कि उन्होंने स्थिति का भली-भाँति अध्ययन किया है और अतीत में वे कलीसिया के धर्माधिकारियों को इस विषय पर लिखते रहे हैं। तथापि, अपने विचारों को स्पष्टतया श्रद्धालुओं के समक्ष रखने हेतु उन्होंने यह सन्देश भेजना उचित समझा। सन्त पापा ने एकता की अपील करते हुए लिखाः “प्रभु के नाम पर, आपकी कलीसिया, हमारी कलीसिया की आध्यात्मिक भलाई के लिए, मैं आपसे इस विदारण और अलगाव की मरम्मत का आग्रह करता हूँ। यह आपकी कलीसिया है, यह हमारी कलीसिया है। सहभागिता को आप पुनः स्थापित करें और काथलिक कलीसिया में बने रहें!”
सन्त पापा फ्राँसिस ने, विशेष रूप से, पुरोहितों का आह्वान किया कि अपने पुरोहिताभिषेक के समय ली गई शपथों को याद रखें, जो उनसे कलीसिया से अलग न रहने का आग्रह करती हैं। उन्होंने पुरोहितों से निवेदन किया कि वे पवित्र धर्मसभा द्वारा लिये गये निर्णयों को स्वीकार करें तथा 2023 के क्रिसमस महापर्व तक सिरो-मलाबार कलीसिया में पूर्ण एकता को कार्यान्वित करें।
धर्मपन्थ न बनें
सन्त पापा ने कहा, "मैं आपको सचेत करता हूँ। आप सावधान रहें ताकि शैतान आपको खुद को एक धर्मपन्थ में परिणत करने के लिए प्रेरित न करे।"
उन्होंने उनसे विनती की कि वे "सक्षम कलीसियाई प्राधिकारी" को यह मानने के लिए मजबूर न करें कि उन्होंने कलीसिया का परित्याग कर दिया है क्योंकि वे अपने प्रधान प्राधिधर्माध्यक्षों और सन्त पेत्रुस के उत्तराधिकारी यानि सन्त पापा के साथ "अब एकता में नहीं हैं।" उन्होंने कहा, "यदि ऐसा हुआ तो बड़े दुख के साथ मुझे कहना पड़ रहा है कि प्रतिबंधों को लागू किया जायेगा।"
सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि वे कतई नहीं चाहते कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो इसलिये एर्नाकुलम-अंगामली सिरो मलाबार महाधर्मप्रान्त के समस्त पुरोहितों एवं विश्वासियों का आह्वान करते हैं कि वे शिकायतों एवं झगड़ों को उदारतापूर्वक मिटाते हुए, परस्पर क्षमा भाव से, पवित्र धर्मसभा के निर्णयों को स्वीकार करें तथा स्वतः को उससे बिलकुल भी अलग न करें।
सन्त पापा ने कहा, "कृपया येसु मसीह के शरीर को घायल न करें! अपने आप को इससे अलग न करें! यूखारिस्त आपकी एकता का आदर्श बने। मसीह के शरीर के, जो कि स्वयं कलीसिया हैं, टुकड़े-टुकड़े न करें।"
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