पवित्र भूमि में प्रभु प्रकाश का पर्व
वाटिकन न्यूज
पवित्र भूमि, शनिवार, 6 जनवरी 2024 (रेई) : बेतलेहेम में प्रभु प्रकाश के पर्व के पहले दिन 5 जनवरी को सुबह, राखेल के मकबरे के परिसर के बगल में स्थित चेकपॉइंट के माध्यम से प्रवेश करते हुए, पवित्र भूमि के संरक्षक फादर फ्रांसेस्को पैटन ने बेथलेहम में समारोह की शुरुआत की। जिसको 5 और 6 जनवरी को येसु के जन्म महागिरजाघर में मनाया जाता है।
युद्ध से पीड़ित शहर के विश्वासियों के साथ, पवित्र भूमि के संरक्षक महागिरजाघर पहुंचे जहां एक छोटी प्रार्थना की गई। शाम को संध्या वंदना सम्पन्न हुई और आज येसु के जन्म गिरजाघर में पवित्र ग्रोटो के पास श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित किया गया।
पवित्र भूमि के संरक्षक फादर फ्रांसेस्को पैटन ने याद किया कि ठीक 60 साल पहले, उसी स्थल पर, पोप पॉल छटवें ने पवित्र भूमि की अपनी ऐतिहासिक तीर्थयात्रा संपन्न की थी। 1964 में प्रभु प्रकाश के दिन "पवित्रता और शांति के स्थान बेथलहम शहर, जहां, वे दो हजार वर्षों पहले, पैदा हुए थे जिन्हें हम शांति के राजकुमार मानते हैं", पोप ने महसूस किया था कि "नवीनीकरण करना अनिवार्य कर्तव्य है" और राष्ट्राध्यक्षों एवं जनता की जिम्मेदारी उठानेवाले सभी लोगों से विश्व में शांति की अपील की थी कि वे सत्य, न्याय, स्वतंत्रता एवं भाईचारे के प्रेम में शांति स्थापित करने के लिए अधिक प्रभावी ढंग से सहयोग करें। उन्होंने कहा था कि हम इस तीर्थयात्रा के दौरान निरंतर प्रार्थना में ईश्वर को संबोधित करना कभी न छोड़ें। सभी प्रयास जिन्हें हम हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें हमारा समर्थन मिले और हम उन्हें तहे दिल से आशीर्वाद देते हैं। इन विचारों और प्रार्थनाओं से भरे हृदय से हम येसु ख्रीस्त की मातृभूमि बेथलहम से समस्त मानवता के लिए प्रचुर ईश्वरीय वरदानों की याचना करते हैं।"
सेर्विया की ऑर्थोडॉक्स कलीसिया में क्रिसमस
ऑर्थोडॉक्स कलीसियाएँ जो जूनियन कैलेंडर को मानते हैं, 6 और 7 जनवरी की रात को क्रिसमस महोत्सव मनाते हैं। यह पर्व चालीस दिनों तक चलनेवाले उपवास के बाद आता है जो रात्रि जागरण मिस्सा के साथ समाप्त होता है। इसी के साथ प्रकाश का समय शुरू होता है। प्रकाश काल का उद्घाटन मोमबत्ती जलाकर एवं उसे गिरजाघर के केंद्र में रखे जाने के साथ किया जाता है। सेर्विया की ऑर्थोडॉक्स कलीसिया जो 7 जनवरी को ख्रीस्त जयन्ती मनाती है, हाल के वर्षों में, महामारी से पहले, कलीसिया ने इटली में अपने विश्वासियों की प्रेरितिक देखभाल पर पुनर्विचार करने की प्रक्रिया शुरू की है। इटली में ऑर्थोडॉक्स समुदायों के लिए क्रिसमस का उत्सव एक विशेष महत्व रखता है, खासकर, हाल के दशकों में काथलिक कलीसिया के साथ बनाए गए ख्रीस्तीय एकता संबंधों के प्रकाश में, आपसी ज्ञान की कमी को दूर करने के लिए एक नए दृष्टिकोण को खोलते हुए जो ग़लतफहमियों को दूर करने का अवसर प्रदान करता है।
इटली में सेर्विया की ऑर्थोडॉक्स कलीसिया
त्रेभिजो में सेर्विया के ऑर्थोडॉक्स कलीसियाई समुदाय के प्रमुख फादर दूसन दूजकनोविक ने बतलाया कि काथलिक बहुल देश में उनके विश्वासी क्रिसमस का कैसा अनुभव करते हैं। उन्होंने कहा, “सबसे पहले क्रिसमस की तैयारी की जाती है जिसमें उपवास द्वारा शरीर को "शुद्ध" करना महत्वपूर्ण है, लेकिन यह केवल एक पहलू है क्योंकि व्यक्तिगत एवं सामुदायिक प्रार्थना के लिए समर्पित समय को नहीं भूलना चाहिए, खासकर, सृष्टि के समय से दुनिया में एकमात्र वास्तविक नई चीज का स्वागत करने के लिए तैयार होने में।" यह दोहरी तैयारी उन तत्वों में से एक है जो 6 जनवरी की रात को लंबी दिव्य पूजा-अर्चना की विशेषता बताती है, जिसमें आमतौर पर 7 जनवरी के दिन की अपेक्षा विश्वास अधिक भाग लेते हैं।
फादर ने बतलाया कि हरेक समुदाय अपने गिरजे के लिए एक चरनी तैयार करता है ताकि येसु का स्वागत कर सके जो न केवल एक पुरानी परम्परा है बल्कि ख्रीस्त के प्रकाश के महत्व को दर्शाना चाहते हैं कि यह सभी के लिए है जो इस समय आशा एवं आनन्द प्रदान कर रहा है।
इटली में क्रिसमस को मनाना, एक सर्बियाई ऑर्थॉडॉक्स समुदाय के लिए, "विश्वासियों के जीवन के लिए और ख्रीस्तीय एकता की यात्रा के लिए एक आध्यात्मिक समृद्धि का चिन्ह है क्योंकि यह इस बात को जानने में मदद करता है कि हम पहले से ही कितने एकजुट हैं जिसमें हम पर्व मनाते और जो वास्तव में हमारे लिए महत्वपूर्ण है।"
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here