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जर्मन पत्रकारों का प्रतिनिधिमण्डल सन्त पापा फ्राँसिस के संग, 04.01.2024 जर्मन पत्रकारों का प्रतिनिधिमण्डल सन्त पापा फ्राँसिस के संग, 04.01.2024  (Vatican Media)

संचार माध्यम 'दयालु और भविष्यसूचक' हों, सन्त पापा फ्राँसिस

वाटिकन में गुरुवार को जर्मन काथलिक पत्रकार संघ के सदस्यों से मुलाकात करते हुए, सन्त पापा फ्रांसिस ने संघर्ष को बढ़ावा न देते हुए सच्ची जानकारी प्रदान करने में काथलिक संचारकों की भूमिका पर प्रकाश डाला।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 5 जनवरी 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन में गुरुवार को जर्मन काथलिक पत्रकार संघ के सदस्यों से मुलाकात करते हुए, सन्त पापा फ्रांसिस ने संघर्ष को बढ़ावा न देते हुए सच्ची जानकारी प्रदान करने में काथलिक संचारकों की भूमिका पर प्रकाश डाला।

जर्मन काथलिक पत्रकार संघ की स्थापना की 75 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में 30 जर्मन पत्रकारों का प्रतिनिधिमण्डल सन्त पापा फ्राँसिस के पास आशीर्वाद लेने वाटिकन पहुँचा था।

इस अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने जर्मन पत्रकारों को ख्रीस्तीयों के बीच एकता और अंतरधार्मिक संवाद, शांति, स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा को बढ़ावा देने में अपने संघ की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, जो 1948 में इसकी शुरुआत से ही इसका मिशन रहा है।

कलीसिया में नबूवती संचार

इस तथ्य को रेखांकित कर कि पत्रकारिता और सभी संचार माध्यमों को 'दयालु और भविष्यसूचक' होना चाहिये सन्त पापा ने कहा कि ये उद्देश्य आज की दुनिया में विशेष रूप से प्रासंगिक हैं, जहां मीडिया द्वारा प्रचारित मनगढ़न्त खबरों और भड़काऊ बयानों से कई संघर्षों को बढ़ावा मिलता है।

उन्होंने कहा, "यह और भी महत्वपूर्ण है कि आप, ख्रीस्तीय धर्म में दृढ़ता से निहित, सुसमाचार द्वारा अपने दिल में 'विसैन्यीकृत', भाषा के निरस्त्रीकरण का समर्थन करें।" उन्होंने कहा कि विशेष रूप से कलीसिया के भीतर, "दयालु और भविष्यसूचक संचार" की आवश्यकता है।

सन्त पापा ने कहा, "यह मौलिक है कि आप काथलिक पत्रकार और मीडिया कर्मी, शांति और समझ के शिष्टाचार को बढ़ावा दें, पुलों का निर्माण करें, सुनने के लिए उपलब्ध होवें और दूसरों के प्रति सम्मानजनक संचार का अभ्यास करें।"

जर्मन धर्मसभा पथ

जर्मन काथलिक धर्माध्यक्षीय धर्मसभा द्वारा 2019 में लाये गये सुधारों के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हुए सन्त पापा ने जर्मन कलीसिया के भीतर एकता का आह्वान किया। इस सन्दर्भ में उन्होंने जर्मनी के तीर्थयात्रियों को अपने 2019 के पत्र में प्रकाशित दो महत्वपूर्ण पहलुओं को याद किया: कलीसियाई नवीनीकरण में पवित्र आत्मा की केंद्रीयता और कलीसिया का "सार्वभौमिक और काथलिक आयाम", ताकि विश्वास के जीवन को केवल किसी के  सांस्कृतिक और राष्ट्रीय संदर्भ में न देखा जाये।"

सन्त पापा ने कहा कि ज़रूरत है, "आध्यात्मिक आयाम की देखभाल, अर्थात्, सुसमाचार के प्रति ठोस और निरंतर अनुकूलन की, न कि दुनिया के मॉडल के अनुसरण की। इसी प्रकार, संस्कारों और प्रार्थना के माध्यम से व्यक्तिगत और सामुदायिक रूपांतरण की पुनर्खोज और साथ ही अपनी आत्मा और समय की भावना के प्रति नहीं अपितु पवित्र आत्मा के प्रति विनम्रता की नितान्त आवश्यकता है।"

इसके प्रकाश में, सन्त पापा फ्रांसिस ने "सही जानकारी प्रदान करने" में काथलिक संचारकों की "मूल्यवान भूमिका" पर ज़ोर दिया, ताकि "संघर्ष को बढ़ाने में नहीं बल्कि आपसी समझदारी में मदद मिल सके।"

"तटस्थ" नहीं रहें

सन्त पापा ने इस बात पर बल दिया कि काथलिक संचारकों को तटस्थ नहीं रहना चाहिये, उन्हें अपनी कार्यक्षमता द्वारा सम्मानजनक रूप से अपने सन्देश का प्रसार करना चाहिये।

सन्त पापा ने जर्मन पत्रकारों एवं संचारकों को गरीबों, आप्रवासियों और शरणार्थियों तथा जर्मनी सहित हमारे समृद्ध समाजों में हाशिये पर रहने वाले सभी लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए भी आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, "हमें ऐसे संचारकों की ज़रूरत है जो उन लोगों की कहानियों और चेहरों को उजागर करें जिन पर बहुत कम या कोई ध्यान नहीं देता।" अस्तु, उन्होंने कहा, "जब आप संवाद करते हैं, तो हमेशा लोगों के चेहरों के बारे में सोचें, विशेष रूप से ग़रीबों और साधारण लोगों के बारे में सोचें, और उनसे, उनकी वास्तविकता से, उनकी त्रासदियों और आशाओं से शुरुआत करें, भले ही ऐसा करने का मतलब अपने स्वार्थ के खिलाफ जाना हो सकता है। "

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05 January 2024, 11:52